उत्तर प्रदेश Switch to English
वन महोत्सव अभियान
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम सेहरिन गाँव स्थित कोदंड वन क्षेत्र में हरीशंकरी के पौधे रोपकर वन महोत्सव अभियान की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती व बागवानी को बढ़ावा दिया जाएगा। गंगा किनारे वाले ज़िलों में यह प्रयोग सफल रहा है। अन्ना मवेशियों की समस्या से निदान दिलाया जाएगा। इसके साथ ही गाय के गोबर व गोमूत्र से कीटनाशक तैयार किया जाएगा, जिसका प्रयोग खेती में होगा।
- उल्लेखनीय है कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य है। इसमें एक दिन में (5 जुलाई) को 25 करोड़ पौधे रोपे गए तथा 15 अगस्त को 5 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे।
- प्रदेश में 7 लाख सहजन के पौधे नि:शुल्क देकर पीएम व सीएम आवासों के सामने लगाए जाएंगे। विदित है कि चित्रकूट में टाइगर रिज़र्व पार्क बनाया जा रहा है, जहाँ टाइगर्स को लाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन क्षेत्र में बसे गाँवों को जल्द एनओसी देकर विस्थापित करें और शहर से गाँव को जोड़ने का काम करें। विकास के कामों के लिये एनओसी या विवाद के मामले हों तो उन्हें प्राथमिकता से निपटाएँ।
उत्तर प्रदेश Switch to English
यूपी के विज़नरी यूथ को ब्लॉकों में फेलोशिप
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के ब्लॉकों में विकास की रफ्तार तेज करने के लिये विज़नरी यूथ की सेवाएँ लेने हेतु नियमावली बनाने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत विकास खंडों के विकास के लिये विज़नरी यूथ को 2 साल की विशिष्ट फेलोशिप के ज़रिये मौका मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने प्रत्येक नगर निगम में आगे की योजना बनाने के लिये टाउन प्लानर की नियुक्ति का आदेश दिया है। उन्हें 2 साल की फेलोशिप मिलेगी।
- इसके साथ ही वारिस के नाम प्रापर्टी ट्रांसफर या गिफ्ट डीड करने के मामले में दाखिल-खारिज़ पर अब क्रमश: 5 हज़ार रुपए और 10 हज़ार रुपए ही शुल्क देना होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित के लिये विकास प्राधिकरणों में संपत्ति के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया का सरलीकरण ज़रूरी है। मौज़ूदा समय संपत्ति की कुल कीमत का म्यूटेशन शुल्क एक फीसदी लिया जा रहा है। इसे कम करने की ज़रूरत है। मौज़ूदा प्रक्रिया भी काफी जटिल है, इसे तकनीक के सहयोग से व्यावहारिक बनाया जाए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक विकास खंडों के उचित विकास के लिये विशिष्ट फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किये जाने के निर्देश दिये। यह फेलोशिप दो वर्ष के लिये होगी। इसमें तकनीकी, प्रबंधन डिग्रीधारी विज़नरी युवाओं को तैनात किया जाएगा।
- इसमें युवाओं का चयन पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम किया जाएगा। अच्छी मासिक धनराशि दी जाएगी। इन्हें टैबलेट, स्मार्टफोन आदि तकनीकी उपकरण भी दिये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल और अंबार शुल्क की दरें हर साल तय की जाएं। इसके लिये आयकर विभाग के कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स को आधार बनाया जाए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फ्री होल्ड या गिफ्ट की जाने वाली संपत्ति के मूल्य के आधार पर अधिकतम 10,000 रुपए म्यूटेशन शुल्क लिया जाए। लीज संपत्ति की स्थिति में एक फीसदी म्यूटेशन फीस ली जा सकती है।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विकास प्राधिकरणों द्वारा निवासियों से जल शुल्क लेने की व्यवस्था की जाए। अधिकांश विकास प्राधिकरणों में जल शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लखनऊ व वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने स्तर पर निर्धारित शुल्क पर जल शुल्क लिया जा रहा है। इसके लिये नियमावली बनाई जाए।
- मुख्यमंत्री ने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का काम दो माह में शुरू करने का निर्देश दिया। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। गोमती नदी के दोनों तटों और नैमिषारण्य अतिथि भवन के आसपास कुछ झुग्गी बस्तियाँ हैं। इनका चिह्नीकरण कर यहाँ के निवासियों को कहीं और बसाया जाए।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बटलर झील को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए। विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियाँ व रिहायशी कॉलोनी न बसने पाए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि मई 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित इंडिकेटर पर ब्लॉकवार सूचना वर्तमान माह के अंत में एकत्रित कर ली जाए। इसके बाद प्रत्येक माह की 15 तारीख तक संबंधित ज़िलों द्वारा ताजा प्रगति विवरण फीड की जाए। इसकी पुष्टि संबंधित विभागों द्वारा भी कराई जाए। इसकी प्रगति को सीएम डैशबोर्ड से भी जोड़ा जाए।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश आम महोत्सव-2022
चर्चा में क्यों?
4 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवध शिल्प ग्राम, लखनऊ में चारदिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव-2022’ का शुभारंभ किया। यह महोत्सव 7 जुलाई, 2022 तक आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- आम महोत्सव के माध्यम से आम के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, निर्यात एवं गुणवत्ता में वृद्धि के सभी आयामों पर संबंधित विभागों/अधिकारियों/वैज्ञानिकों द्वारा आम उत्पादकों के साथ विचार-विमर्श करते हुए उन्हें जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
- महोत्सव में आम के प्रसंस्कृत उत्पाद एवं पौधे भी बिक्री के लिये उपलब्ध होंगे।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हर साल पहली से 7 जुलाई के बीच आम महोत्सव आयोजित किया जाए और इसमें देश के विभिन्न राज्यों के आम के बागवानों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित भी किया जाए।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आम का मेगा क्लस्टर बनाए जाने की घोषणा की। यह परियोजना अगले पाँच वर्षों में पूरी होगी। इस परियोजना के लिये केंद्र से 100 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है।
- उन्होंने कहा कि अब लखनऊ में माल, मलिहाबाद और काकोरी फलपट्टी का आम देश और विदेश में काकोरी आम के नाम से भेजा जाएगा। इसी नाम से लखनऊ के आम की ब्रॉन्डिंग होगी। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में तत्कालीन सरकार ने लखनऊ के आम की ब्रॉन्डिंग नवाब आम के नाम से की थी।
राजस्थान Switch to English
बीकानेर के देराजसर एवं सातलेरा में खुलेंगे नवीन आयुर्वेद औषधालय
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीकानेर ज़िले के ग्राम पंचायत मुख्यालय देराजसर तथा ग्राम सातलेरा में नवीन आयुर्वेद औषधालय खोलने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘आयुष नीति-2021’ में निर्धारित मापदंडों के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नवीन आयुर्वेद औषधालय स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
- आयुष विभाग द्वारा आयुष नीति-2021 के मापदंडों के आधार पर ग्राम पंचायत मुख्यालय देराजसर में नवीन आयुर्वेद औषधालय स्थापित करने तथा सातलेरा में नवीन आयुर्वेद औषधालय खोलने हेतु शिथिलता प्रदान करने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
- सरकार के इस निर्णय से लोगों को ग्राम स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
राजस्थान Switch to English
राजफैड एवं पीएनबी के मध्य एमओयू
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव सहकारिता एवं प्रशासक राजफैड श्रेया गुहा की उपस्थिति में राजफैड सभागार में राजफैड एवं पंजाब नेशनल बैंक के मध्य एमओयू संपन्न हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू के माध्यम से पीएनबी राजफैड को 2 हज़ार करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट उपलब्ध कराएगा।
- एमओयू पर राजफैड की ओर से वित्तीय सलाहकार उषस्पति त्रिपाठी एवं पीएनबी की ओर से मुख्य प्रबंधक निखिल ने हस्ताक्षर किये।
- राजफैड की प्रबंध निदेशक उर्मिला राजोरिया ने बताया कि राजफैड ने अपने व्यवसाय में विविधता लाने, समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद का त्वरित भुगतान करने सहित अन्य गतिविधियों के लिये पीएनबी के साथ एमओयू किया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टूरिस्ट मैप का विमोचन किया
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सर्किट हाउस में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के टूरिस्ट सर्किट मैप का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस टूरिस्ट सर्किट मैप में ज़िले के सभी धार्मिक, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों को चिह्नित किया गया है, साथ ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के निकटस्थ ज़िलों में आवागमन के लिये रोड मैप को भी दर्शाया गया है।
- जिला प्रशासन के अनुसार इस टूरिस्ट सर्किट मैप के ज़रिये पर्यटकों को ज़िले के अंतर्गत सभी प्रमुख स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। साथ ही, उन्हें स्थलों पर आवागमन के लिये सुविधा होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ शासन एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के बीच हुआ एमओयू
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के सर्किट हाउस में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र एवं छत्तीसगढ़ शासन के बीच एमओयू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू के अनुसार गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा सामुदायिक केंद्र या कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा ज़िले के ग्राम लालपुर में 3 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय प्रजाति से समृद्ध है। साथ ही यहाँ के निवासी पेड़-पौधे और दुर्लभ जीव-जंतुओं एवं औषधियों के जानकार है। उनके द्वारा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करने पर न ही सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा।
- विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित केंद्र द्वारा डिप्लोमा तथा डिग्री प्रोग्राम संचालित किये जाएंगे, जिसमें नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अनुकूल एवं गाइडलाइन के अनुसार विभिन्न रोजगार उन्मुख ई-कौशल पाठ्यक्रम शामिल रहेंगे। साथ ही इस केंद्र के सहयोग से स्व-रोजगार स्थापित करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को मार्केट लिंकेज तथा क्रेडिट लिंकेज की सेवा प्रदान की जाएगी।
- इसका उद्देश्य जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूह की महिलाओं, ग्रामीणों एवं युवाओं को कौशल विकास तथा रोजगारोन्मुखी, व्यवसायपरक शिक्षा प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिये विभिन्न विधाओं में पारंगत कर जनजातीय उन्नयन की दिशा में कार्य करना है।
- लाइवलीहुड बिजनेस इन्क्यूबेशन (एलबीआई) के समेकित प्रशिक्षण केंद्र द्वारा क्षेत्रीय जनजातियों एवं किसानों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया जाएगा। केंद्र के समेकित प्रशिक्षण केंद्र द्वारा जनजातीय समुदायों को व किसानों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- केंद्र द्वारा क्षेत्रीय उत्पाद- कोदो कुटकी, शहद आदि से विभिन्न उत्पाद तैयार कर उनकी ब्रॉन्डिंग भी की जाएगी तथा किसानों को उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के किसान की आय में वृद्धि होगी और छत्तीसगढ़ के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
- इस क्षेत्र के युवाओं को कौशल विकास में पारंगत होने से स्व-रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के भी अवसर मिलेंगे। साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये बड़े शहर जाने से मुक्ति मिलेगी।
- इस एमओयू से इस केंद्र में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को शोध करने का अवसर मिलेगा। यह क्षेत्रीय जनजातीय समुदाय को मुख्य धारा में जोड़ने, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से समृद्ध व आत्मनिर्भर करने में सहायक सिद्ध होगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मोर आखर और स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात दौरे के तहत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में दो नवाचार कार्यक्रम ‘मोर आखर’ और ‘स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट’ की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- ‘मोर आखर’ कार्यक्रम गौरेला और पेंड्रा विकासखंड की 299 प्राथमिक शालाओं में क्रियान्वित किया जाएगा, जो प्राथमिक शालाओं के बच्चों की प्रारंभिक भाषा शिक्षा में सुधार लाने, बच्चों की पढ़ने-लिखने की क्षमता को अधिक प्रभावी बनाने की पहल है।
- दूसरा कार्यक्रम ‘स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट’ के तहत खेल के माध्यम से ज़िले की 543 प्राथमिक शालाओं के बच्चों को प्रायोगिक एवं व्यावहारिक पद्धति से तैयार किया जाएगा, ताकि उनमें तेजी से सीखने के कौशल के साथ-साथ स्वास्थ्य, शारीरिक एवं मानसिक विकास और उनकी जीवनशैली में सुधार लाया जा सके।
- गौरतलब है कि दुनिया के 50 देशों में व्यावहारिक शिक्षा की इस पद्धति का सफल प्रयोग किया जा चुका है।
- कोरोना काल में स्कूलों के बंद होने के कारण बच्चों में सीखने की क्षमता में कमी आई है। इसे देखते हुए ‘मोर आखर’ कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया है, जो बच्चों में पढ़ने की क्षमता और पढ़ने की आदत में वृद्धि करने में सहायक होगा।
- इसी तरह ‘स्पोर्ट्स ऑफ डेवलपमेंट’ गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के सभी स्कूलों में शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य शारीरिक व मानसिक विकास करना तथा खेल-खेल में बच्चों की सीख बढ़ाना है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा उपयुक्त, उम्र उपयुक्त और बालक-बालिकाओं को खेल में समान अवसर प्रदान किया जाना शामिल है। यह दोनों कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से संचालित किये जाएंगे।
उत्तराखंड Switch to English
जलवायु परिवर्तन का असर- उत्तराखंड में समय से पहले खिलने लगे फूल, रंग और गंध में भी अंतर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं क्षेत्रीय प्रभारी डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के कारण न सिर्फ फूल निर्धारित समय से पहले खिलने लगे हैं, बल्कि उनके रंगों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों के अनुसार पूरी दुनिया में साढ़े 4 लाख ऐसी वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें फूल खिलते हैं। इनमें से 40,000 प्रजातियों की वनस्पतियाँ भारत में पाई जाती हैं। 20 हज़ार प्रजातियाँ ऐसी हैं, जिनमें तय समय पर फूल खिलते हैं। निश्चित तापमान और वातावरण में ही फूलों के खिलने की प्रक्रिया शुरू होती है।
- कुछ फूल ऐसे हैं, जो ऋतुओं के आने का संकेत देते हैं, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन से फूलों के खिलने के समय में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
- डॉ. एस.के. सिंह के मुताबिक राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला राज्य पुष्प ब्रह्म कमल भी अब निर्धारित समय से पहले खिलने लगा है। वहीं फूलों की घाटी में भी समय से पहले फूल खिलने की बातें सामने आ रही हैं।
- जलवायु परिवर्तन और तापमान में बढ़ोतरी से अब फूलों के रंगों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकन साइंस जर्नल करेंट बायोलॉजी में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, फूलों के पिगमेंट में भी रासायनिक बदलाव देखने को मिल रहा है। पिगमेंट ही पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। पराबैंगनी किरणों का सबसे अधिक असर उच्च हिमालयी क्षेत्रों के फूलों पर देखने को मिल रहा है।
- शोध में यह बात भी सामने आई कि अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन से ओज़ोन परत के क्षरण और अधिक अल्ट्रावायलेट किरणों के धरती पर आने से फूलों के परागकणों पर भी असर पड़ा है। यह भी फूलों के खिलने के समय और रंगों में बदलाव का एक कारण रहा है।
उत्तराखंड Switch to English
स्टार्टअप रैंकिंग-2021 में उत्तराखंड ने हासिल की लीडर्स श्रेणी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग-2021 में उत्तराखंड ने लीडर्स श्रेणी हासिल की है, जबकि गुजरात और कर्नाटक को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की रैंकिंग मिली है।
प्रमुख बिंदु
- स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से किये जा रहे सुधार के चलते उत्तराखंड स्टार्टअप रैंकिंग में एक पायदान आगे बढ़ा है। नवाचार आइडिया को स्टार्टअप के रूप में स्थापित करने के लिये सरकार की ओर से सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है, जिससे केंद्र की स्टार्टअप रैंकिंग में राज्य को कामयाबी मिल रही है।
- गौरतलब है कि वर्ष 2018 की रैंकिंग में उत्तराखंड को इमर्ज़िग (उभरते) और 2019 में एस्पायरिंग (आकांक्षी) श्रेणी में जगह मिली थी।
- उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि सरकार की नीतियों से स्टार्टअप रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। मान्यताप्राप्त स्टार्टअप को सरकार वित्तीय प्रोत्साहन के साथ तकनीकी सहयोग भी प्रदान कर रही है।
- सरकार की ओर से स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में नवाचार आइडिया पर 128 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। प्रदेश की स्टार्टअप नीति, 2018 के तहत सरकार की ओर से स्टार्टअप को कारोबार स्थापित करने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है, जिसमें एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत छूट, उत्पाद का पेटेंट कराने के लिये 1 से 5 लाख रुपए की सहायता, स्टार्टअप को 10 से 15 हजार रुपए तक मासिक भत्ता भी दिया जा रहा है।
- नवाचार आइडिया को कारोबार में स्थापित करने के लिये सरकार ने 13 इन्क्यूबेशन सेंटरों को मान्यता दी है। जहाँ पर स्टार्टअप को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिये मशीनरी, तकनीकी सहयोग की सुविधा उपलब्ध होती है। राज्य में इन्क्यूबेशन सेंटर खुलने से राज्य को स्टार्टअप को प्रोजेक्ट बनाने के लिये दूसरे क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ता है।
- स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने वर्ष 2018 में स्टार्टअप नीति लागू की है। अब सरकार स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन सेंटर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये सुविधाएँ बढ़ाने को नीति में संशोधन की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड Switch to English
टूरिज्म प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने को बनेगी राज्यस्तरीय कमेटी
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आतिथ्य क्षेत्र में निवेश की संभावना कार्यक्रम में घोषणा करते हुए कहा कि पर्यटन प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने के लिये राज्यस्तरीय कमेटी बनेगी।
प्रमुख बिंदु
- राजपुर रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र के विकास और निवेशकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से प्रदेश में आतिथ्य क्षेत्र में निवेश की संभावना विषय पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की।
- इस राज्यस्तरीय कमेटी का गठन सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में किया जाएगा। इस कमेटी में वित्त, आवास, लोक निर्माण विभाग, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य सबंधित विभागों के अधिकारी बतौर सदस्य शामिल होंगे।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जिनके तहत एयर फ्यूल के दामों में 18 प्रतिशत की कमी की गई है। तीन महीने बाद दोबारा सभी पर्यटन निवेशकों से संवाद होगा।
- सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि निवेशकों के लिये सरकार की ओर से बनाई गई नीतियों का सरलीकरण किया जाएगा।
- पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद पर्यटन में निवेश की असीम संभावनाएँ हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य आगामी 5 वर्षों में 5 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश पर्यटन के क्षेत्र में करना है।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेशभर में मनेगा हरेला उत्सव
चर्चा में क्यों?
4 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन मुख्यालय परिसर में मंथन सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 16 जुलाई को हरेला पर्व प्रदेशभर में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वन मंत्री ने कहा कि इस बार क्षेत्र की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के हिसाब से पौधों का चयन किया जाएगा। इसके लिये पौध और तकनीक वन विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी।
- इस दौरान वन विभाग ने प्रदेशभर में 15 लाख से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत पहली बार इस उत्सव पर 50 प्रतिशत से अधिक फलदार पौधे रोपे जाएंगे।
- हरेला पर्व पर स्कूल, कॉलेज और वन पंचायतों की सहभागिता को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा। पौधे लगाने के बाद वह जिंदा भी रहें और आने वाले समय में समाज को इनका लाभ मिले, इसके लिये प्रयास किये जाएंगे।
- वन पंचायतों को सुदृढ़ करने की दृष्टि से इस बार फलदार पौधरोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि भविष्य में वहाँ के लोगों की आजीविका इनसे जुड़ सके।
- वन मंत्री ने कहा कि पुलिस वन और मेरा वन जैसी तमाम दूसरी वाटिकाएँ प्रदेशभर में विकसित की जाएंगी। इसके तहत स्कूल, कॉलेज और तमाम विभागों को यह जिम्मा सौंपा जाएगा। लोग इन वाटिकाओं में अपने, परिजनों और दिवंगतों के नाम से पौधे लगा सकेंगे। इन पौधों को जिंदा रखने और संवारने की ज़िम्मेदारी भी संबंधित व्यक्ति को ही दी जाएगी।
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