छत्तीसगढ़ Switch to English
गोधन न्याय योजना
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बलरामपुर ज़िले के राजपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की गई।
प्रमुख बिंदु
- गोधन न्याय योजना एक ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीद की जा रही है।
- गौठानों में महिला समूहों द्वारा इस योजना के अंतर्गत क्रय किये गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदान किया जा रहा है।
- महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियाँ एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्ज़ी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछलीपालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आयमूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
- गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये एमओयू हो चुका है, साथ ही गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये तेज़ी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं।
- राज्य में गोधन के संरक्षण और संवर्द्धन के लिये गाँवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का नि:शुल्क बेहतर प्रबंध है। राज्य में अब तक 10,622 गाँवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8,397 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं।
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