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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Apr 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

मंगलायतन विश्वविद्यालय को मिला नैक ए प्लस ग्रेड

चर्चा में क्यों?

04 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़ को राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) ने ए प्लस (NAAC A+) ग्रेडिंग प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि नैक की पाँच सदस्यीय टीम ने 22 से 24 फरवरी तक विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था। टीम ने विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं अनुसंधान गुणवत्ता के साथ प्रशासनिक व ढाँचागत व्यवस्था का भी मूल्यांकन किया था और विद्यार्थियों, पूर्व छात्रों एवं अभिभावकों के साथ ही स्टाफ के साथ बैठक कर चर्चा की थी एवं फीडबैक भी लिया था।
  • विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके दशोरा ने बताया कि अक्टूबर 2022 में सेल्फ एसेसमेंट रिपोर्ट (एसएसआर) नैक में सबमिट की गई थी।
  • उल्लेखनीय है कि नैक मूल्यांकन किसी भी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता जाँचने के लिये होता है। संस्थान द्वारा नैक ग्रेडिंग के लिये आवेदन करना होता है, आवेदन करने के बाद नैक की टीम संस्थान का निरीक्षण करती है। टीम शैक्षणिक सुविधाएँ, अनुसंधान, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि व्यवस्थाओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार करती है। इसी के आधार पर ग्रेड दिया जाता है।
  • इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है। नैक ग्रेडिंग से विद्यार्थियों को संस्थान का चयन करने में शिक्षा की व्यवस्था, अनुसंधान, बुनियादी ढाँचे के लिये बेहतर विकल्प की सुविधा मिलती है।


बिहार Switch to English

जल जीवन सर्वेक्षण 2023 में बिहार के 4 ज़िले शीर्ष 10 में

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को केंद्र सरकार की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन सर्वेक्षण 2023 के तहत जनवरी के लिये जारी राष्ट्रव्यापी रैंकिंग में बिहार के समस्तीपुर ज़िले को देशभर में पहला स्थान मिला है, वहीं इस सर्वेक्षण में दूसरे नंबर पर बिहार के शेखपुरा, तीसरे पर सुपौल और चौथे पायदान पर बांका ज़िला है।

प्रमुख बिंदु 

  • ज्ञातव्य है कि ज़िला स्तर पर यह कार्य मुख्य रूप से पीएचईडी एवं पंचायत राज विभाग के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है। वहीं, चार अन्य ज़िलों की रैंकिंग को केंद्र सरकार ने वन टू टेन में रखा है। जहाँ हर घर नल का जल योजना का काम सबसे तेजी से हो रहा है।
  • राज्य में स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर केंद्र ने भी हर माह जलापूर्ति सर्वेक्षण शुरू किया है। इसमें पानी की शुद्धता के बारे में लाभुकों से फीडबैक लिया जा रहा है। इसके जरिये केंद्र सरकार देश के सभी गाँवों में पेयजल की स्थिति का आकलन कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा ज़िला व राज्य की रैंकिंग मासिक और वार्षिक रूप से जारी होती है, इस सर्वेक्षण में बिहार के पाँच ज़िले सबसे ऊपर हैं।
  • यह सर्वेक्षण मुख्यत: चार बिंदुओं पर किया गया था, इसमें ग्रामीण परिवारों के घरों में नल का जल की उपलब्धता, नल से मिलने वाले जल की मात्रा, जल की गुणवत्ता, जलापूर्ति की निरंतरता और पेयजल से संबंधित शिकायतों के मानकों पर ही संपादित किया गया।
  • केंद्र सरकार के डैसबोर्ड पर सभी राज्यों के डेटा को देखा जाएगा। वहीं, बिहार में नल का जल किस तरह से काम कर रहा है, इसको लेकर दूसरे राज्यों को जानकारी दी जाएगी कि बिहार ने किस तरह से जलापूर्ति योजना में काम किया है।
  • सर्वेक्षण शुरू होने से पूर्व सभी राज्यों की मीटिंग में निर्णय लिया गया था कि यहाँ किये गए कार्यों को दूसरे उन राज्य में मॉडल रूप में प्रयोग किया जाएगा। जहाँ अभी तक कम से कम काम हुए हैं।
  • इस सर्वेक्षण में टॉप टेन की रैंकिंग-
    • समस्तीपुर (बिहार)
    • शेखपुरा (बिहार)
    • सुपौल (बिहार)
    • बांका (बिहार)
    • वेल्लोर (तमिलनाडु)
    • सिरमौर (हिमाचल प्रदेश)
    • देहरादून (उत्तराखंड)
    • अन्नामबया (आंध्र प्रदेश)
    • लखीसराय (बिहार)
    • बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

बिहार Switch to English

पश्चिमी चंपारण के सुगंधित मर्चा चावल को मिला जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पश्चिमी चंपारण ज़िले के सुगंधित मर्चा/ मेरचा धान को ज्योग्रॉफिकल इंडीकेशन (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि धान की इस स्वदेशी किस्म का उत्पादन केवल बिहार के पश्चिमी चंपारण क्षेत्र में ही होती है। यह जानकारी जीआई जर्नल में प्रकाशित की गयी है।
  • जीआई टैग के लिये आवेदन करने वाले मर्चा धान उत्पादक प्रगतिशील समूह को अब केवल औपचारिक तौर पर जीआई टैग का प्रमाण-पत्र मिलना बाकी रह गया है। प्रमाण-पत्र अगस्त में मिलेगा।
  • मर्चा/ मेरचा धान की इस विशेष किस्म का आकार काली मिर्च से मिलता-जुलता होता है। यह धान बेहद सुगंधित और स्वादिष्ट होता है। इससे बनने वाला सुगंधित चूड़े की देश में ख्याति है।
  • इसके उत्पादक क्षेत्र पश्चिमी चंपारण ज़िले के मैनाटांड़, गौनाहा, नरकटियागंज, रामनगर, चनपटिया ब्लॉक है। इसकी औसत उपज 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस धान का पौधा लंबा होता है। इसकी उपज 145-150 दिन में तैयार हो जाती है। इस तरह पश्चिमी चंपारण के 18 ब्लॉक में से छह ब्लॉक में इसकी खेती की जाती है।
  • उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहार के कृषि एवं उद्यानिकी के उत्पादों- जर्दालू आम, भागलपुर का कतरनी चावल, मुजफ्फरपुर की शाही लीची, मगध क्षेत्र का मगही पान और मिथिला का मखाना को जीआई टैग मिल चुका है।
  • इसके अलावा हस्तशिल्प में मंजूषा कला, सुजनी कढ़ाई का काम, एप्लिक खटवा वर्क, सिक्की घास के उत्पाद, भागलपुरी सिल्क, मधुबनी पेंटिंग और सिलाव के खाजा को भी जीआई टैग हासिल हो चुका है।
  • जीआई टैग मिलने से संबंधित उत्पाद की पहचान वैश्विक फलक पर पहचानी जाती है। निर्यात को बढ़ावा मिलता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलता है। जीआई टैग मिलने से उत्पाद को सुरक्षा और उसके संरक्षण की दिशा में सरकार किसानों का सहयोग करती है तथा एग्रो टूरिज्म भी बढ़ता है।


राजस्थान Switch to English

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को अधिकारियों ने किये स्कॉच अवार्ड भेंट

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली को विभागीय अधिकारियों ने प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड को, जिसमें एक गोल्ड एवं दो सिल्वर अवॉर्ड शामिल हैं, भेट किया। मंत्री टीकाराम जूली ने यह अवार्ड पुन: विभागीय अधिकारियों को समर्पित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सेवाएँ सरलता से सुलभ, पारदर्शी व बाधा रहित तरीके से प्रदान करने के लिये जो नवाचार किये जा रहे हैं, उनका विभिन्न चरणों में परीक्षण उपरांत छह प्रमुख नवाचारों को अवार्ड हेतु चुना गया है।
  • गौरतलब है कि स्कॉच अवॉर्ड राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित अवॉर्ड है, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को एक गोल्ड एवं दो सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। तीन अवार्ड और तीन आर्डर ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट मिले हैं।
  • इन अवॉर्ड्स के तहत पालनहार योजना में Gold अवॉर्ड, उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में Silver अवॉर्ड दिया गया है। इसके अतिरिक्त तीन योजनाओं यथा कोरोना सहायता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा अनुप्रति योजना को Order of Merit Certification देकर सम्मानित किया गया है।
  • गौरतलब है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और योजनाओं में नवाचार को पहचान प्रदान करने हेतु आयोजित राष्ट्रीय स्तर के स्कॉच अवार्ड डिजीटल सेरेमनी में स्कॉच अवार्ड टीम द्वारा डिजीटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अपने 1 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों को सुगम, सरल, त्वरित,पारदर्शी बाधारहित गुणवत्तापूर्ण व सुविधाजनक तरीके से लोक सेवाएँ एवं प्रतिवर्ष लगभग 12,000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधा लाभार्थियों के खाते में उपलब्ध करा रहा है। इस हेतु विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुँचाने के लिये प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण व डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान के किसानों के लिये 736 करोड़ रुपए का ब्याज अनुदान स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को ब्याजमुक्त फसली ऋण देने के लिये 736 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने किसानों के लिये ब्याज मुक्त फसली ऋण अनुदान योजना के तहत 560 करोड़ रुपए की अनुदान राशि तथा क्षतिपूर्ति ब्याज अनुदान योजना के तहत 176 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य के किसान ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी तथा जीवन स्तर बेहतर होगा।
  • दीर्घकालीन कृषि सहकारी ऋण समय पर चुकाने वाले किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही खेत में ही आवास बनाने वाले किसानों को भी आवास ऋण पर अनुदान देने की स्वीकृति दी गई है।  
  • इसमें, एक अप्रैल 2014 से वितरित दीर्घकालीन कृषि सहकारी ऋणों को निश्चित समय पर चुकाने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2023-24 से अपने खेत पर आवास बनाने हेतु आवास ऋण लेने वाले किसानों को भी प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि बजट 2023-24 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के लिये ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना तथा ब्याज अनुदान के संबंध में घोषणा की थी। 

मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश में 730 पी.एम. श्री स्कूलों की स्थापना का अनुसमर्थन

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई जिसमें मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 730 पी.एम. श्री स्कूलों की स्थापना का अनुसमर्थन किया। 

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में अधिकतम 02 स्कूल (313 विकासखंडों में 626) और 52 ज़िलों के नगरीय निकायों में 104 स्कूल, इस तरह अधिकतम 730 स्कूलों को पी.एम. श्री स्कूल के रूप चिह्नित किया जाएगा।
  • चिह्नित स्कूलों में से एक प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा पहली से आठवीं) एवं एक विद्यालय उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिये संचालित होगा। पी.एम. श्री स्कूल की लागत 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य द्वारा वहन की जाएगी।
  • सभी 730 पी.एम. श्री स्कूलों पर प्रतिवर्ष 277 करोड़ 40 लाख रुपए का व्यय भार आएगा, जिसमें से राज्यांश 110 करोड़ 96 लाख रुपए प्रतिवर्ष होगा।
  • यह परियोजना 5 वर्ष की है और इस अवधि में 554 करोड़ 80 लाख रुपए का व्यय भार राज्य सरकार पर आएगा। योजना के 5 वर्ष बाद इसका संचालन पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि पी.एम. श्री स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के समग्र रूप से अनुपालन के साथ शिक्षा की गुणवत्ता, समानता एवं शिक्षा सुविधा की पहुँच का समावेश किया जाएगा। ये स्कूल अन्य विद्यालयों के लिये उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होंगे।

मध्य प्रदेश Switch to English

संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर ने सर्वाधिक बिजली उत्पादन का बनाया रिकार्ड

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल , 2023 को मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 8758.8 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन के साथ 74.6 प्रतिशत प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) अर्जित कर विद्युत गृह बिरसिंहपुर के इतिहास में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन और सर्वोच्च पीएलएफ अर्जित करने का रिकार्ड बनाया है। 

प्रमुख बिंदु

  • इससे पूर्व इस विद्युत गृह ने वर्ष 2018-19 में कुल 8680.7 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन और 74 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित किया था।
  • संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर की 5 इकाइयों का वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल विशिष्ट तेल खपत 0.55 मिलीलीटर प्रति यूनिट और संयंत्र सहायक खपत (ऑक्जलरी कंजम्पशन) 8 प्रतिशत रही।
  • उल्लेखनीय है कि संजय गांधी ताप विद्युत गृह में 210 मेगावाट क्षमता की 4 और 500 मेगावाट क्षमता की एक इकाई है। 210 मेगावाट क्षमता की 4 इकाइयाँ क्रमश: 7 अक्टूबर, 1993; 26 मई, 1994; 1 सितंबर, 1999 एवं 1 अप्रैल, 2000 को क्रियाशील हुई थीं। 500 मेगावाट की इकाई क्रमांक-पाँच 27 अगस्त, 2008 को क्रियाशील हुई थी। इस विद्युत गृह की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 1340 मेगावाट है।
  • संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर की 500 मेगावाट क्षमता की इकाई ने भी वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 3927.6 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन एवं 89.7 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित करते हुए अभी तक का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन और सर्वाधिक पीएलएफ अर्जित करने का रिकार्ड कायम किया।
  • इस इकाई की कुल विशिष्ट तेल खपत 0.24 मिलीलीटर प्रति यूनिट रही। यह अभी तक की न्यूनतम तेल खपत है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा सरकार ने ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्य) की शुरुआत की

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में ‘स्टार्टअप संगोष्ठी और उद्योग प्रज्ज्वलित, 2023’ का उद्घाटन कर बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के सर्वेक्षण, कृषि और बागवानी फसलों और सुरक्षा उद्देश्यों के लिये संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी आदि के लिये ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्य) की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु 

  • ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्य) राज्य में युवाओं को पायलट ड्रोन प्रशिक्षण देगी, जिससे युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स वेयरहाउस, इनोवेशन कैंपस और मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना को भी प्रोत्साहन देने का काम किया है।
  • राज्य सरकार अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने और राज्य में स्थायी खनन अभ्यास को सुनिश्चित करने के लिये भी ड्रोन का उपयोग कर रही है।
  • सरकार राज्य में पराली जलाने पर निगरानी और रोकथाम के लिये ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। इस कदम से पराली जलाने के मामले पिछले साल की तुलना में 47 फीसदी कम हो गए हैं।

झारखंड Switch to English

जोन्हा की दीप्ति ने नेशनल आर्चरी रैंकिंग में जीता स्वर्ण पदक

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को झारखंड के राँची ज़िले के जोन्हा की तीरंदाज दीप्ति कुमारी ने हरियाणा के सोनीपत में चल रहे ‘नेशनल रैकिंग आर्चरी’में झारखंड की ही तीरंदाज अंकिता भगत को सीनियर वर्ग के फाइनल में हराकर स्वर्ण पदक जीता। 

प्रमुख बिंदु 

  • भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से दीप्ति कुमारी को पाँच लाख रुपए का चेक पुरस्कार के रूप में दिया गया है। इसके साथ ही रिकर्व में दीप्ति देश की नंबर-1 तीरंदाज बन गई।
  • दीप्ति कुमारी राँची रेल डिवीजन में कार्यरत है, वह जोन्हा आर्चरी सेंटर में कोच रोहित कोईरी की प्रशिक्षु रह चुकी हैं।
  • उल्लेखनीय है कि नेशनल रैकिंग आर्चरी में झारखंड से आठ तीरंदाजों ने क्वालिफाई किया था, जिसमें मधुमिता, अनीता, बबीता, दीप्ति, भावना, कोमोलिका, अंकिता भगत व रीता सवैया शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘रैली फॉर रिवर्स’अभियान द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार की ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’की सराहना

चर्चा में क्यों?

04 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में किसानों की आय में बढ़ोतरी और पर्यावरण सुधार के उद्देश्य से प्रारंभ की गई ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’की सराहना ‘रैली फॉर रिवर्स’ अभियान द्वारा की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘रैली फॉर रिवर्स’ईशा फाउंडेशन के सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव द्वारा देश की नदियों की दुर्दशा के बारे में जन-जागरूकता पैदा करने और शासन की नीतियों को नदियों के संरक्षण के उद्देश्य से बदलने के लिये लोगों का समर्थन प्राप्त करने हेतु प्रारंभ किया गया अभियान है।
  • ‘रैली फॉर रिवर्स’ने अपने ट्वीट के साथ मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के शुभारंभ के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किये गए इस योजना पर आधारित विज्ञापन को भी टैग किया है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की गई ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का राष्ट्रीय स्तर पर पहला बड़ा अभियान है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर 21 मार्च, 2023 को इस योजना का शुभारंभ किया था।
  • इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ निजी भूमि में चिन्हित प्रजातियों के 15 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य है। अब तक प्रदेश के 23 हज़ार 600 किसानों ने 36 हज़ार 230 एकड़ ज़मीन पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण के लिये पंजीयन कराया है।
  • इस योजना के माध्यम से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हज़ार रुपए तक की आय होने का अनुमान है। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को आमदनी होगी।
  • इस योजना में पाँच एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान तथा पाँच एकड़ से अधिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है।
  • इस योजना का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन की स्वायत्त संस्थाएँ, निजी शिक्षण संस्थाएँ, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’में पहली बार चिन्हित प्रजातियों के वृक्षों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गारंटी भी दी गई है। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा।
  • इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बाँस, टिश्यू कल्चर बंबू, रक्त चंदन, आँवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।
  • यह योजना हितग्राहियों के लिये आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वाईल हेल्थ की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण साबित होगी। इस योजना से काष्ठ आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। 

उत्तराखंड Switch to English

स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन का रूप लेगा बदरीनाथ

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सपताल महाराज ने बताया कि राज्य के बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन (आध्यात्मिक पर्वतीय शहर) के रूप में विकसित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन (आध्यात्मिक पर्वतीय शहर) के रूप में विकसित करने के लिये पहले चरण में 425 करोड़ रुपए की लागत से बदरीनाथ मास्टर प्लान पर काम शुरू हो गया है।
  • विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य से केदारपुरी भव्य व दिव्य स्वरूप में विकसित हुई है। 21 फरवरी से अब तक चारधाम यात्रा में केदारनाथ के लिये 3,49,944, बदरीनाथ के लिये 2,91,537, यमुनोत्री के लिये 1,61,149 और गंगोत्री धाम के लिये 1,66,310 यात्री पंजीकरण करा चुके हैं।
  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। चार धाम ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम जोरों पर चल रहा है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तथा सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे को तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • राज्य सरकार ने खरसाली से यमुनोत्री तक 166 करोड़ रुपए से भी अधिक की धनराशि से बनने वाले रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है।
  • उल्लेखनीय है कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने शाक्त, शैव, वैष्णव, गोलज्यू, गुरुद्वारा, हनुमान, नाग देवता, स्वामी विवेकानंद, महासू देवता, नरसिंह देवता, और नवग्रह देवता सर्किट का निर्माण किया है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालु इन सर्किट के दर्शन कर सकते हैं।

Badrinath


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