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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Apr 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश की 60 नदियों के पुनरुद्धार का खाका तैयार

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई शासनस्तरीय बैठक में प्रदेश की 60 नदियों के पुनरुद्धार का खाका तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • नदी पुनरुद्धार के इस कार्य में आईआईटी बीएचयू, कानपुर और रुड़की का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। 
  • नदियों के पुनरुद्धार और संरक्षण संबंधी इस पहल में वरुणा, गोमती, बाणगंगा, नंद, कर्मनाशा तथा गड़ई सहित 60 नदियों को शामिल किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण निवारण और नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से जून 2014 में ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया था। 
  • इस कार्यक्रम के तहत 152 सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से पूर्ण हो चुकीं 46 परियोजनाओं ने 632 एमएलडी सीवेज शोधन क्षमता सृजित की है। साथ ही इस कार्यक्रम के तहत 28 रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, 182 घाटों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण तथा 118 श्मशान का निर्माण भी किया गया है, जिससे गंगा नदी के पर्यावरणीय स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

बिहार Switch to English

बिहार विधानपरिषद

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को बिहार विधानपरिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिये मतदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • पिछले वर्ष विधानपरिषद के चुनाव स्थगित कर दिये गए थे, क्योंकि ग्रामीण स्थानीय निकाय, जो कुल निर्वाचक मंडल का लगभग 97.56% हिस्सा रखते हैं, को कोविड-19 महामारी के कारण पुनर्गठित नहीं किया जा सका था।
  • गौरतलब है कि बिहार विधानपरिषद में कुल 75 सीट हैं, जिनमें से 63 निर्वाचित सदस्य तथा 12 मनोनीत सदस्य हैं।
  • विधानपरिषद  के एक सदस्य (Member of Legislative Council – MLC) का कार्यकाल छह वर्ष का होता है, जिनमें एक-तिहाई सदस्य हर दो वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं।
  • विधानपरिषद के सदस्यों का निर्वाचन निम्न प्रकार से होता है-
    • एक-तिहाई MLC राज्य के विधायकों द्वारा चुने जाते हैं।
    • इसके अलावा 1/3 सदस्य स्थानीय निकायों, जैसे- नगरपालिका और ज़िला बोर्डों आदि द्वारा चुने जाते हैं।
    • 1/12 सदस्यों का निर्वाचन 3 वर्ष से अध्यापन कर रहे लोग करते हैं।
    • 1/12 सदस्यों का निर्वाचन राज्य में रह रहे 3 वर्ष से स्नातक करते हैं।
    • शेष सदस्यों का नामांकन राज्यपाल द्वारा उन लोगों के बीच से किया जाता है, जिन्हें साहित्य, ज्ञान, कला, सहकारिता आंदोलन और समाज सेवा का विशेष ज्ञान तथा व्यावहारिक अनुभव हो।

राजस्थान Switch to English

ऑपरेशन समानता

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को राजस्थान के राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने बूंदी ज़िले में ज़िलास्तरीय अधिकारियों की बैठक में ‘ऑपरेशन समानता’ की तर्ज़ पर अनुसूचित जाति वर्ग के अन्य मामलों में अभियान स्तर पर कार्य किये जाने का निर्देश दिया।

प्रमुख बिंदु

  • 24 जनवरी से शुरू हुआ ऑपरेशन समानता बूंदी पुलिस का नवाचार है, जिसे अब पूरे प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • इसके तहत थानास्तर पर बीट कॉन्स्टेबलों को अपने क्षेत्र में ऐसे गाँवों को चिह्नित करना होता है, जहाँ अब तक दलित दूल्हे घोड़ी पर नहीं बैठे हों या घोड़ी पर बैठने पर अप्रिय घटना हुई हो या उन्हें घोड़ी से उतार दिया गया हो।
  • चिह्नित करने के बाद ऐसे गाँवों में समानता समितियाँ बनाई जाती हैं ताकि घोड़ी पर दलित समाज के दूल्हे, दुल्हनों की बिंदौरियाँ बिना किसी विवाद और अप्रिय घटना के निकाली जा सकें
  • गौरतलब है कि संविधान के भाग 3 के तहत प्रदत्त समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14-18) के बावजूद SC/ST समुदायों के साथ अश्पृश्यता सहित विभिन्न प्रकार के भेदभाव किये जाते हैं। ऐसे में राजस्थान पुलिस का यह कदम अत्यंत सराहनीय है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना’ के संशोधन को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • अब योजना में सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम में सम्मिलित पात्र प्रति कन्या के नाम से 55 हज़ार रुपए स्वीकृत किये जाएंगे। 
  • इस राशि में से 6 हज़ार रुपए की राशि सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन करने हेतु आयोजनकर्त्ता निकाय को देय होगी एवं 38 हज़ार रुपए की सामग्री तथा 11 हज़ार रुपए का एकाउंट पेयी चेक कन्या को उपहार के रूप में आयोजनकर्त्ता निकाय द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • श्रम विभाग के मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिक हेतु विवाह सहायता योजना को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में समाहित किया जाएगा।
  • कार्यक्रम के लिये अधिकृत संस्था सामूहिक विवाह का आयोजन शहरी क्षेत्र में नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद तथा ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत ही आयोजनकर्त्ता होंगे। अन्य किसी संस्था द्वारा कराए जा रहे सामूहिक विवाह इस योजना का लाभ पाने हेतु पात्र नहीं होंगे।
  • सामूहिक कन्या विवाह/निकाह कार्यक्रम का सुचारु रूप से आयोजन सुनिश्चित किये जाने हेतु ज़िला एवं निकाय स्तरीय समितियों का गठन ज़िले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किया जाएगा। इन समितियों में वरिष्ठ शासकीय अधिकारी भी सदस्य होंगे।
  • ज़िले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ज़िला कलेक्टर द्वारा ज़िले के प्रत्येक निकाय के लिये सामूहिक विवाह एवं निकाह हेतु 2-2 तिथियों का वित्तीय वर्षवार कैलेंडर जारी होगा। इस कैलेंडर का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे इच्छुक जोड़ों द्वारा समय पर आवेदन किया जा सके।
  • आवेदन की प्रक्रिया पूर्वानुसार रहेगी, जिसके तहत वर-वधू को सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम के आयोजन की तिथि से कम-से-कम 15 दिवस पूर्व निर्धारित प्रपत्र में संयुक्त आवेदन करना होगा

झारखंड Switch to English

साहित्यकार अच्युतानंद को देवीशंकर अवस्थी सम्मान

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को झारखंड के साहित्यकार अच्युतानंद मिश्र को वर्ष 2021 के लिये प्रतिष्ठित देवीशंकर अवस्थी सम्मान प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • अच्युतानंद मिश्र को यह सम्मान उनकी आलोचना पुस्तक ‘कोलाहल में कविता की आवाज़’ के लिये दिया गया है।
  • सम्मान के रूप में मिश्र को प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न एवं 11 हज़ार रुपए का चेक प्रदान किया गया।
  • गौरतलब है कि यह सम्मान हिन्दी आलोचना के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिये युवा आलोचक को दिया जाता है।
  • इसकी स्थापना हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक देवीशंकर अवस्थी की स्मृति में उनकी पत्नी कमलेश अवस्थी सहित उनके परिवार द्वारा वर्ष 1995 में की गई थी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

हरियाली प्रसार योजना

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित ‘हरियाली प्रसार’ योजना के अंतर्गत तीन वर्षों (2019, 2020 तथा 2021) में 83 लाख 31 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाली प्रसार योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में एक हज़ार 600 हेक्टेयर रकबा, 2020-21 में 3 हज़ार हेक्टेयर रकबा तथा 2021-22 में 2 हज़ार 800 हेक्टेयर रकबा (कुल 7 हज़ार 400 हेक्टेयर रकबा) हरियाली से आच्छादित हुआ।
  • इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 18 लाख 56 हज़ार पौधों, वर्ष 2020-21 में 33 लाख 80 हज़ार पौधों तथा वर्ष 2021-22 में 30 लाख 95 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है। 
  • हरियाली प्रसार योजना के तहत वर्ष 2019-20 में 10 हज़ार 497 हितग्राही, वर्ष 2020-21 में 20 हज़ार 16 हितग्राही तथा वर्ष 2021-22 में 13 हज़ार 651 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत सागौन, बाँस, खम्हार, आंवला, शीशम, चंदन, मीलिया-डुबिया, क्लोनल नीलगिरि, टिशू कल्चर बाँस, टिशू कल्चर सागौन, आम, कटहल, मुनगा, सीताफल एवं अन्य प्रजातियों के पौधों का रोपण शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि हरियाली प्रसार योजना के तहत कृषकों की स्वयं की भूमि पर कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और हरियाली को बढ़ाने के लिये वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा प्रति हितग्राही 50 से 5 हज़ार तक पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं तथा उनकी देखरेख के लिये अनुदान के रूप में आंशिक राशि भी उपलबध कराई जाती है। इससे कृषकों को लगभग 30 हज़ार रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष का लाभ अर्जित हो सकेगा।

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