उत्तर प्रदेश Switch to English
ताज महोत्सव
चर्चा में क्यों
18 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक आगरा के शिल्प ग्राम में ताज महोत्सव का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- आयोजन के बारे में:
- ताज महोत्सव में भारतीय कला, शिल्प, संगीत, नृत्य और व्यंजनों का अनूठा संगम देखने को मिला। महोत्सव के दौरान, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिल्प प्रदर्शनियाँ और खाद्य मेले आयोजित किये गए।
- आयोजन: यह ताज महोत्सव का 33वाँ संस्करण था जिसका आयोजन ताज महोत्सव समिति द्वारा किया गया।
- थीम: महोत्सव की थीम 'धरोहर' थी, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
- प्रमुख कार्यक्रम
- अटल उद्यान में पुष्प प्रदर्शनी
- परिधान शो
- हमारी धरोहर हमारी पहचान
- सूर सरोवर पक्षी विहार में बर्ड वॉचिंग
ताज महोत्सव:
- परिचय:
- यह आगरा के शिल्पग्राम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक जीवंत 10 दिवसीय उत्सव है।
- यह उत्सव 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित समृद्ध मुगल एवं नवाबी संस्कृति से प्रेरित होता है।
- उद्देश्य
- ताज महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1992 में आगरा के स्थानीय कारीगरों और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिये की गई थी।
आगरा ज़िला
- परिचय
- यह उत्तर प्रदेश राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे अवस्थित है।
- इस ज़िले का अक्षांश 27.11' उत्तर व देशांतार 78.0' से 78.2' पूर्व है।
- यह राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के साथ अंतर्राज्यीय सीमा बनता है।
- स्थापना:
- आधुनिक आगरा की स्थापना 1504 ई० में सिकंदर लोदी द्वारा की गई थी।
- 1504 ई० में उसने अपनी राजधानी को दिल्ली से आगरा स्थानांतरित किया था।
- प्रमुख दर्शनीय स्थल:
- ताजमहल
- आगरा किला
- फतेहपुर सीकरी
- इतमाद-उद-दौला का मकबरा
- अकबर का मकबरा
- बुलंद दरवाज़ा
- मोती मस्जिद
- कीठम झील (सूरी सरोवर पक्षी विहार)


उत्तर प्रदेश Switch to English
सोनभद्र में फ्लोराइड विषाक्तता
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में फ्लोराइड प्रदुषण का अधिक स्तर पाया गया है, जिसके कारण लाखों लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- सोनभद्र ज़िले के 276 गाँवों की दो लाख से अधिक आबादी फ्लोराइड युक्त पानी पीने से प्रभावित है।
- कोन, वभनी, म्योरपुर और दुद्धी ब्लॉक के गाँवों के भूजल में फ्लोराइड का स्तर निर्धारित मानक से 5-6 गुना से अधिक पाया गया है।
- स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव:
- इसके चलते लोगों की हड्डियाँ कमज़ोर और टेढ़ी हो रही हैं, बच्चे जन्म से ही दिव्यांग पैदा हो रहे हैं और बड़ी संख्या में बुजुर्ग चलने में असमर्थ हो रहे हैं।
- NGT का आदेश:
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal - NGT) के आदेश के बावजूद लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिये मज़बूर हैं।
- स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया।
- सोनभद्र ज़िले के 276 गाँवों की दो लाख से अधिक आबादी फ्लोराइड युक्त पानी पीने से प्रभावित है।
फ्लोराइड
- परिचय:
- फ्लोराइड एक व्यापक रूप से पाया जाने वाला, गैर-बायोडिग्रेडेबल और दीर्घकालिक प्रभाव वाला प्रदूषक है। यह कोयले की ईंटों को जलाने से बनता है। फ्लोराइड प्राकृतिक रूप से खनिजों के साथ-साथ मिट्टी, पानी और हवा में भी पाया जाता है।
- विषाक्तता:
- यह अत्यधिक विषैला होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीने के जल में फ्लोराइड की ऊपरी सीमा 1.5 मिग्रा/लीटर की सिफारिश की है।
- फ्लोराइड के प्रभाव:
- पर्याप्त मात्रा में सेवन किये जाने पर, फ्लोराइड दाँतों की सड़न को रोकता है, दाँतों के इनेमल के निर्माण में सहायता करता है और हड्डियों के खनिजीकरण में कमी को रोकता है।
- किंतु अधिक मात्रा में यह हड्डियों और जोड़ों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, साथ ही दाँतों में फ्लोरोसिस का कारण बनता है।
- फ्लोराइड प्रदूषण का वन्यजीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

