झारखंड Switch to English
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने झारखंड के देवघर में IFFCO नैनो यूरिया प्लांट के पाँचवे सयंत्र का भूमिपूजन और शिलान्यास किया
चर्चा में क्यों?
4 फरवरी, 2022 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने झारखंड के देवघर में विश्व के पहले इफको (IFFCO) नैनो यूरिया प्लांट के पाँचवे सयंत्र का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहाँ प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का निर्माण किया जाएगा जिससे इसके आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 500 ग्राम की एक छोटी सी बोतल यूरिया के एक पूरे बैग का विकल्प बनेगी। केमिकल फर्टिलाइजर भूमि में उपस्थित कुदरती खाद बनाने वाले केंचुओं को मार देता है वहीं तरल यूरिया का छिड़काव करने पर भूमि किसी भी प्रकार से विषाक्त नहीं होगी।
- उन्होंने कहा कि किसानों की सहकारिता से बने इफको ने विश्व में सर्वप्रथम तरल नैनो यूरिया बनाया और अब डीएपी (डी-अमोनियम फॉस्फेट) की ओर आगे बढ़ रहा है। यह भारत और पूरे सहकारिता क्षेत्र के लिये गौरव की बात है। प्रधानमंत्री ने सहकारिता को बढ़ावा देने के लिये बजट में कई योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत उत्पादन के क्षेत्र में नई सहकारिता इकाईयों के लिये इनकम टैक्स की दर 26% से घटाकर 15% कर दी गई है।
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज लगभग 5 देशों में तरल यूरिया का निर्यात किया जा रहा है। इफको द्वारा बनाया गया यह तरल यूरिया न केवल भारत बल्कि विश्व के किसानों की भी मदद करेगा।
- उन्होंने कहा कि देवघर में 30 एकड़ में बन रहा तरल यूरिया का यह छोटा सा कारखाना आयातित 6 करोड़ यूरिया खाद के बैग के विकल्प का निर्माण करेगा जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। इससे किसान की भूमि भी संरक्षित रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
- अमित शाह ने समग्र पूर्वी भारत के किसानों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि तरल नैनो यूरिया का यह कारखाना न केवल झारखंड बल्कि बिहार, उड़ीसा और बंगाल के किसानों के खेतों में भी उत्पादन बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा।
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