मऊ की दाक्षायनी पांडेय के कार सुरक्षा मॉडल का धमाल | उत्तर प्रदेश | 06 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले में एक गरीब किसान की बेटी दाक्षायनी पांडेय (17 वर्ष ) का चयन उनके कार सुरक्षा मॉडल के आधार पर अमेरिका में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में 100 फीसदी स्कॉलरशिप के साथ हुआ है। इस समय वह 12वीं की पढ़ाई कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि दम घुटने से कार में एक मासूम की मौत की घटना टेलीविज़न पर देखने के बाद व्यथित दाक्षायनी पांडेय ने कार सुरक्षा का एक ऐसा मॉडल तैयार किया, जिसे देख और सुनकर पूरी दुनिया चकित है। इस मॉडल से प्रभावित होकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्हें बुलावा मिला।
- दाक्षायनी पांडेय स्कॉलरशिप पर बायो इंजीनियरिंग और एंटरप्रेन्योरशिप के लिये सितंबर 2023 में अमेरिका रवाना होंगी।
- उन्होंने ‘मिशन प्रोटेक्टर’ कारों के लिये एक सुरक्षा सेटअप बनाया है। यह वाहन में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर के बढ़ने के साथ ही सक्रिय हो जाता है और कार की खिड़की को अंदर ताजा हवा की अनुमति देने के लिये रोल करता है।असल में कार अगर चल रही हो और उसके शीशे बंद हों तो उसके अंदर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस जमा हो जाती है। इसकी वजह से कार में बैठे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। लेकिन मिशन प्रोटेक्टर की खूबी यह है कि जैसे ही कार में कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी यह तुरंत अलर्ट कर देगा और अपने आप कार के शीशे नीचे हो जाएंगे।
- विदित है कि दाक्षायनी ने पहली बार अपना मॉडल आईआईटी दिल्ली में आयोजित इंडिया एट 75 नेशनल आइडियाथान-2021 में प्रदर्शित किया, जिसमें उनका मॉडल प्रथम स्थान पर रहा था। वह अपने इस ‘मिशन प्रोटेक्टर’को पेटेंट कराएंगी।
बनारस देगा देश को कचरे से कोयला बनाने का प्लांट | उत्तर प्रदेश | 06 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम ने बताया कि धर्म-संस्कृति के लिये विख्यात बनारस अब देश को कचरे से कोयला बनाने का प्लांट भी देगा। कचरे से कोयला बनाने का पहला प्लांट बनारस के रमना में निर्माणाधीन है।
प्रमुख बिंदु
- अभियंता अजय राम ने बताया कि बनारस के रमना में प्लांट शुरू होने पर प्रति दिन 600 टन कचरे से 200 टन कोयले का उत्पादन हो सकेगा। कचरे से कोयला बनाने वाला यह देश का पहला प्लांट होगा, जिसका निर्माण एनटीपीसी की ओर से कराया जा रहा है। प्लांट में कचरे से कोयला बनाया जाएगा। इसका सफल परीक्षण अक्टूबर 2022 में हो चुका है।
- एनटीपीसी तय मानकों पर प्लांट की एक इकाई का तकनीकी परीक्षण कर रहा है। जून माह के अंत तक प्लांट की पहली इकाई शुरू की जाएगी। उत्पादन के बाद कोयले को आसपास के ज़िलों में संबंधित कंपनियों को बेचा जाएगा।
- वाराणसी में आम दिनों में प्रतिदिन 600 टन तथा खास मौकों पर 800 टन तक कचरा निकलता है। बड़ी ट्रकों से इसे शहर के बाहर कूड़ा निस्तारण प्लांटों तक पहुँचाया जाता है।
- उन्होंने बताया कि तीन साल के ट्रायल पर यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य प्रदेशों में भी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट निर्माण आगामी 25 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। प्लांट की क्षमता आठ सौ टन से अधिक कचरा प्रसंस्करण की होगी। प्लांट को दिसंबर 2023 तक शुरू करने का लक्ष्य है।