उत्तर प्रदेश Switch to English
मऊ की दाक्षायनी पांडेय के कार सुरक्षा मॉडल का धमाल
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले में एक गरीब किसान की बेटी दाक्षायनी पांडेय (17 वर्ष ) का चयन उनके कार सुरक्षा मॉडल के आधार पर अमेरिका में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में 100 फीसदी स्कॉलरशिप के साथ हुआ है। इस समय वह 12वीं की पढ़ाई कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि दम घुटने से कार में एक मासूम की मौत की घटना टेलीविज़न पर देखने के बाद व्यथित दाक्षायनी पांडेय ने कार सुरक्षा का एक ऐसा मॉडल तैयार किया, जिसे देख और सुनकर पूरी दुनिया चकित है। इस मॉडल से प्रभावित होकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्हें बुलावा मिला।
- दाक्षायनी पांडेय स्कॉलरशिप पर बायो इंजीनियरिंग और एंटरप्रेन्योरशिप के लिये सितंबर 2023 में अमेरिका रवाना होंगी।
- उन्होंने ‘मिशन प्रोटेक्टर’ कारों के लिये एक सुरक्षा सेटअप बनाया है। यह वाहन में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर के बढ़ने के साथ ही सक्रिय हो जाता है और कार की खिड़की को अंदर ताजा हवा की अनुमति देने के लिये रोल करता है।असल में कार अगर चल रही हो और उसके शीशे बंद हों तो उसके अंदर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस जमा हो जाती है। इसकी वजह से कार में बैठे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। लेकिन मिशन प्रोटेक्टर की खूबी यह है कि जैसे ही कार में कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी यह तुरंत अलर्ट कर देगा और अपने आप कार के शीशे नीचे हो जाएंगे।
- विदित है कि दाक्षायनी ने पहली बार अपना मॉडल आईआईटी दिल्ली में आयोजित इंडिया एट 75 नेशनल आइडियाथान-2021 में प्रदर्शित किया, जिसमें उनका मॉडल प्रथम स्थान पर रहा था। वह अपने इस ‘मिशन प्रोटेक्टर’को पेटेंट कराएंगी।
उत्तर प्रदेश Switch to English
बनारस देगा देश को कचरे से कोयला बनाने का प्लांट
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम ने बताया कि धर्म-संस्कृति के लिये विख्यात बनारस अब देश को कचरे से कोयला बनाने का प्लांट भी देगा। कचरे से कोयला बनाने का पहला प्लांट बनारस के रमना में निर्माणाधीन है।
प्रमुख बिंदु
- अभियंता अजय राम ने बताया कि बनारस के रमना में प्लांट शुरू होने पर प्रति दिन 600 टन कचरे से 200 टन कोयले का उत्पादन हो सकेगा। कचरे से कोयला बनाने वाला यह देश का पहला प्लांट होगा, जिसका निर्माण एनटीपीसी की ओर से कराया जा रहा है। प्लांट में कचरे से कोयला बनाया जाएगा। इसका सफल परीक्षण अक्टूबर 2022 में हो चुका है।
- एनटीपीसी तय मानकों पर प्लांट की एक इकाई का तकनीकी परीक्षण कर रहा है। जून माह के अंत तक प्लांट की पहली इकाई शुरू की जाएगी। उत्पादन के बाद कोयले को आसपास के ज़िलों में संबंधित कंपनियों को बेचा जाएगा।
- वाराणसी में आम दिनों में प्रतिदिन 600 टन तथा खास मौकों पर 800 टन तक कचरा निकलता है। बड़ी ट्रकों से इसे शहर के बाहर कूड़ा निस्तारण प्लांटों तक पहुँचाया जाता है।
- उन्होंने बताया कि तीन साल के ट्रायल पर यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य प्रदेशों में भी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट निर्माण आगामी 25 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। प्लांट की क्षमता आठ सौ टन से अधिक कचरा प्रसंस्करण की होगी। प्लांट को दिसंबर 2023 तक शुरू करने का लक्ष्य है।
बिहार Switch to English
बिहार को जल्द जोड़ा जाएगा टेफकोफ पोर्टल से
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को बिहार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के वरिष्ठ उप महानिदेशक गिरजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि बिहार को जल्द से जल्द टेफकोफ (टेलीकॉम एनालेटिक्ल फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्क्शन) पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे राज्य के मोबाइल उपभोक्ता घर बैठे पता लगा सकेंगे कि आपके नाम पर कितने मोबाइल सिम कनेक्शन एक्टिव हैं तथा इनमें कितने फर्जी आईडी पर लिये गए और कब से उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- गिरजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि साइबर क्राइम और देश विरोधी एक्टिविटी में फर्जी सिमों का इस्तेमाल खासकर सूबे के सीमावर्ती क्षेत्र नेपाल, रक्सौल, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी आदि इलाके में बड़े पैमाने पर किये जाने की सूचना आती रहती है।
- उन्होंने बताया कि टेफकोफ (टेलीकॉम एनालेटिक्ल फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्क्शन) पोर्टल को विशेष तौर पर नॉर्थ ईस्ट स्टेट से जोड़ा गया है।
- उल्लेखनीय है कि टेफकोफ पोर्टल की शुरुआत 2020 में आंध्र प्रदेश से शुरू की गई थी। अभी तक आंध्र प्रदेश, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिज़ोरम, जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा को टेफकोफ से जोड़ा गया है।
- डीओटी के वरिष्ठ उप महानिदेशक ने बताया कि जिस स्टेट में यह पोर्टल शुरू करना होता है, वहाँ का डेटा एकत्र कर टेस्ट किया जाता है। इस प्रोसेस में दो- तीन माह का वक्त लगता है। एक- एक राज्य का चयन कर इसे लागू किया जा रहा है।
- उन्होंने बताया कि पोर्टल पर आधार नंबर डालते ही मोबाइल धारक को यह पता चल जाएगा कि उसके नाम से कितने सिम एक्टिव हैं। पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ता फर्जी तरीके से संचालित सिम कनेक्शन को बंद करा सकते हैं। इसके लिये कंपनी को अनुरोध करना होगा। उसके बाद संबंधित उपभोक्ता के मामले की गहन जाँच- पड़ताल की जाएगी और मामला सही पाए जाने पर फर्जी कनेक्शन को बंद कर दिया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के उदयपुर ज़िले के गांधी ग्राउंड में राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार खेलों व खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिये लगातार उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करवा रही है, जिससे राज्य में आजादी के बाद पहली बार खेलों के लिये सकारात्मक माहौल बना है और एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है।
- राज्य सरकार ने खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियों के साथ ही सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए तक कर दिया गया है।
- सरकार द्वारा खेल स्पर्धाओं व प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से चिह्नित प्रतिभाओं को अच्छी सुविधाएँ, कोच व माहौल उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में पहली बार एक साथ 30 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें 10 लाख महिला खिलाड़ी भी थीं। ग्रामीण ओलंपिक के बाद अब 26 जनवरी से शहरी ओलंपिक खेल प्रारंभ हो रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से खेल प्रतिभाओं को तलाशने का कार्य किया जा रहा है।
- उन्होंने बताया कि इस बार का बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा। आने वाले बजट में आदिवासी अंचल के विकास के लिये उचित प्रावधान किये जाएंगे तथा खिलाड़ियों से आह्वान किया गया कि वे प्रशिक्षण शिविरों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपने खेल कौशल को निरंतर निखारें ताकि प्रत्येक ज़िले से उत्कृष्ट खिलाड़ी उभरकर आगे आएँ।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जयपुर और जोधपुर की तर्ज पर उदयपुर में भी स्पोटर्स स्कूल खोलने की घोषणा की, जिससे क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को बाल्यकाल से ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा।
- इसके अलावा, उन्होंने जनजातीय खिलाड़ियों के लिये एक महीने का विशेष ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ करने की भी घोषणा की।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री ने उदयपुर में सेवाश्रम और कुम्हारों का भट्टा फ्लाईओवर का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के उदयपुर ज़िले को बड़ी सौगात देते हुए शहर के व्यस्ततम मार्ग पर दो सेवाश्रम और कुम्हारों का भट्टा फ्लाईओवर का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि उदयपुर में दोनों फ्लाईओवर संचालित होने से आस-पास के क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव कम होगा तथा शहरवासियों को आने-जाने में सुविधा होगी।
- उल्लेखनीय है कि उदयपुर में 19.55 करोड़ रुपए की लागत से सेवाश्रम फ्लाईओवर तथा 19.86 करोड़ रुपए की लागत से कुम्हारों का भट्टा फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के मेसकॉट और टॉर्च का होगा अनावरण
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में 7 जनवरी को भोपाल के शौर्य स्मारक में रंगारंग कार्यक्रम में खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के मेसकॉट, टॉर्च और एंथम का अनावरण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के पाँचवें संस्करण की मेजबानी मध्य प्रदेश कर रहा है। 30 जनवरी से 11 फरवरी तक होने वाले इस भव्य खेल आयोजन में 13 दिन तक 8 अलग-अलग शहरों के 23 गेम वेन्यू में 6 हज़ार खिलाड़ी अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स का पाँचवां संस्करण प्रदेश के 8 शहरों- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और खरगोन (महेश्वर) में होगा। एक गेम (साइकिलिंग) दिल्ली में आयोजित होगा।
- पहली बार वाटर स्पोर्ट्स अर्थात् कयाकिंग-कैनोइंग, कैनो सलालम और तलवारबाजी आदि प्रतिस्पर्धाएँ खेलो इंडिया गेम्स के इस संस्करण का हिस्सा होंगी।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स 5.0 में 303 अंतर्राष्ट्रीय और 1089 राष्ट्रीय ऑफिशियल्स हिस्सा लेंगे। खेलो इंडिया के लिये लगभग 2 हज़ार वॉलिंटियर अलग-अलग गेम वेन्यू में तैनात रहेंगे।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की एनिमेशन एवं मल्टीमीडिया लैब का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के गुरुग्राम ज़िले के गुरुग्राम विश्वविद्यालय की एनिमेशन एवं मल्टीमीडिया लैब का आज उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि रोज़गार की असीम संभावनाओं एवं समय की मांग को देखते हुए गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी (एनिमेशन) कोर्स की शुरुआत करना एक सराहनीय पहल है।
- गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों को एनीमेशन एवं मल्टीमीडिया की प्रायोगिक शिक्षा मिल सके, इसी उद्देश्य से अत्याधुनिक कंप्यूटिंग लैब विकसित की गई है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को एनिमेशन फिल्म मेकिंग में 3डी एनिमेटिड डिजिटल ऑब्जेक्ट बनाने की ट्रेनिंग तथा स्पेशल इफेक्ट्स इत्यादि का अभ्यास मिल सकेगा।
- कुलपति ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय द्वारा तीन वर्षीय बीएससी एनिमेशन व मल्टीमीडिया का पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। पाठ्यक्रम में औद्योगिक ज़रूरतों के अनुरूप विद्यार्थियों को हर प्रकार का व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध करवाने के लिये नई सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। इससे विद्यार्थियों को अपने कौशल को निखारने का बेहतर अवसर मिलेगा और वे एनिमेशन व ग्राफिक्स डिजाइनिंग के क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनेंगे।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम से करीब 15 किलोमीटर दूर सेक्टर-87 में 44 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे विश्वविद्यालय के टीचिंग ब्लॉक का डिजिटल माध्यम से शिलान्यास भी किया।
झारखंड Switch to English
झारखंड के किसानों के लिये बनेगा ‘चेंबर ऑफ फॉर्मर्स’
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को झारखंड की उद्यान निदेशक निशा उरांव ने सभी उपायुक्त को पत्र लिखकर बताया कि राज्य के धनबाद ज़िले के किसानों के लिये ‘चेंबर ऑफ फॉर्मर्स’ बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उद्यान निदेशक निशा उरांव ने बताया कि धनबाद में ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के तहत इस वर्ष मोटे अनाज के उत्पाद एवं मार्केटिंग पर फोकस होगा, जिसके लिये चेंबर ऑफ फॉर्मर्स का गठन किया जाएगा।
- राज्य सरकार ने चेंबर ऑफ फॉर्मर्स के संबंध में संकल्प भी जारी कर दिया है, जिसके लिये 210 लाख रुपए अनुदान के रूप में स्वीकृत भी किया गया है तथा सभी डीसी को ज़िला उद्यान पदाधिकारी के जरिये इसका गठन कराने को कहा गया है।
- चेंबर ऑफ फॉमर्स के गठन का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं व्यवसायियों के बीच मार्केट लिंकेज की संभावना को बढ़ावा देना है। इसके लिये ज़िला स्तरीय सहयोग समिति बनाने की भी तैयारी चल रही है।
- चेंबर ऑफ फॉर्मर्स के गठन की प्रक्रिया के लिये जल्द ही इसकी पूरी कमेटी गठित हो जाएगी। इसमें कुछ विभागीय अधिकारियों के अलावा प्रगतिशील किसानों को शामिल किया जाएगा।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में सीमांत गाँवों को आबाद करेगा बॉर्डर टूरिज्म
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस नेगी ने बताया कि राज्य के सीमांत गाँवों को आबाद करने के लिये उत्तराखंड सरकार ‘बॉर्डर टूरिज्म’ योजना शुरू करने की पहल करने जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- इसके लिये राज्य की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिवालय में योजना का विवरण प्रस्तुत किया जा चुका है। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग को योजना का खाका तैयार करने के निर्देश दिये हैं।
- डॉ. एस.एस नेगी ने बताया कि राज्य के सीमांत गाँवों को आबाद करने के लिये राज्य सरकार ने बॉर्डर टूरिज्म के लिये उत्तराखंड के चार ब्लाक उत्तरकाशी में भटवाड़ी, चमोली में जोशीमठ और पिथौरागढ़ में मुनस्यारी व धारचूला का चयन किया है। ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
- विदित है कि अभी तक पर्यटकों को सीमांत क्षेत्रों में जाने के लिये ज़िलाधिकारी की ओर से इनर लाइन परमिट दिया जाता है। उत्तरकाशी ज़िले की गंगा घाटी के दो गाँव नेलांग और जादूंग 60 साल से वीरान हैं। यहीं गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा भी पड़ता है। इस क्षेत्र में जाने के लिये वन विभाग से अलग से अनुमति लेनी पड़ती है। इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि कैसे अनुमति की इस प्रक्रिया को और सरल किया जाए।
- ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, अधिकतर सीमांत गाँव छह माह बर्फ से ढके रहते हैं। यहाँ होने वाले कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ होम स्टे तैयार किये जाएंगे। नए पर्यटन स्थलों का चिन्हीकरण किया जाएगा। पर्यटन से जुड़े हर काम में स्थानीय लोगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- डॉ. एस.एस नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा के लिये रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सरकार चाहती है कि सीमावर्ती गाँवों में फिर से रौनक लौटे, लेकिन इससे पहले वहाँ लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये संसाधन जुटाने होंगे। बार्डर टूरिज्म इस दिशा में कारगर नीति हो सकती है।
- उल्लेखनीय है कि भारत-चीन के बीच उत्तराखंड में 345 किमी. लंबी सीमा है। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के कई गाँवों को खाली करा दिया गया था। इनमें से कई गाँव आज भी निर्जन हैं। देश की सीमा से लगे ये गाँव किसी प्रहरी की भाँति काम करते थे।
- सैन्य मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा के करीब बसावट सुरक्षा के लिहाज से महत्त्वपूर्ण है। इसी को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में बार्डर टूरिज़्म की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वहाँ लोगों को बसाना संभव नहीं हो पाता, तब तक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है।
उत्तराखंड Switch to English
देश के शीर्ष तीन पुलिस स्टेशनों में शुमार हुआ चंपावत का बनबसा थाना
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेपाल सीमा से लगे उत्तराखंड के चंपावत ज़िले का बनबसा थाना देश के शीर्ष तीन थानों में शुमार हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि चंपावत ज़िले के बनबसा थाना का चयन देश के करीब 16 हज़ार पुलिस स्टेशनों में से हुआ है। वर्तमान में राज्य में 160 पुलिस स्टेशन संचालित हो रहे हैं।
- विदित है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से विधायक भी हैं।
- पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बनबसा पुलिस स्टेशन को बेहतर कानून-व्यवस्था, मुकदमों के त्वरित निपटारे, कंप्यूटराइजेशन व अन्य मानकों में अच्छे प्रदर्शन की वजह से श्रेष्ठतम की सूची में शामिल किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि 20 जनवरी को डीजीपी कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पुलिस स्टेशन के एसएचओ लक्ष्मण सिंह जगवाण को यह पुरस्कार देंगे। प्रथम तीन में कौन-सी रैंकिंग मिलेगी, इसकी घोषणा उसी दिन होगी।
- राज्य के चंपावत ज़िले के एसपी देवेंद्र पींचा ने पुरस्कार की पुष्टि की है। वर्ष 2022 में भी बनबसा थाने को देशभर में सातवीं रैंक मिली थी।
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अपराध नियंत्रण और आम नागरिकों के साथ व्यवहार आदि मानकों पर शीर्ष थानों का निर्धारण करता है।
- एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि बनबसा से नेपाल के लिये वैध आवाजाही होती है। रोजाना औसतन तीन हजार से अधिक देसी-विदेशी लोगों की आवाजाही होती है। बनबसा सीमा से होने वाली मानव तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिये तीन दशक पहले बने इस थाने और बनबसा शारदा बैराज पुलिस चौकी की शानदार भूमिका रही है।
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