उत्तर प्रदेश Switch to English
दुनिया का सबसे उन्नत किस्म का कृत्रिम हृदय बनाएगा आईआईटी कानपुर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आईआईटी कानपुर के उप-निदेशक प्रो. एस. गणेश ने बताया कि आईआईटी दुनिया का सबसे उन्नत किस्म का कृत्रिम हृदय तैयार करेगा।
प्रमुख बिंदु
- आईआईटी परिसर में संचालित स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी (एसएमआरटी) की ओर से इस कवायद के लिये हृदय यंत्र कार्यक्रम बनकर तैयार हो गया है। इसमें देश-दुनिया के चिकित्सा व प्रौद्योगिकी जगत के विशेषज्ञ तो जुड़ेंगे, साथ ही किसी भी वर्ग से पढ़ने वाले स्नातक छात्रों को भी चुनौती के साथ बहुत कुछ सीखने का मौका दिया जाएगा।
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएएमआर) के विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर की मदद करेंगे।
- प्रो. एस. गणेश ने बताया कि कृत्रिम हृदय को तैयार करने के लिये लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी) को विकसित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि प्रमुख अस्पतालों की मदद से यह कार्यक्रम दुनिया के लिये ‘मेड इन इंडिया’ के विज़न को बढ़ावा देगा। अभी जिस कृत्रिम हृदय का उपयोग होता है, वो बेहद खर्चीला होता है। आईआईटी कानपुर में यह तैयार हो जाता है तो इसे मील का पत्थर माना जाएगा। यह देश की पहली ऐसी डिवाइस होगी, जो यहाँ विकसित होगी।
- उल्लेखनीय है कि एलवीएडी या आर्टिफिशियल हार्ट एक ऐसा पंप है, जिसका उपयोग हार्ट फेल्योर के मरीज़ों के लिये अंतिम चरण में किया जाता है। इसके अलावा हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा में ब्रिज के रूप में या ट्रांसप्लांट किये जाने में असमर्थ लोगों के लिये डेस्टीनेशन थेरेपी के रूप में इसका उपयोग होता है।
- यह एक इंप्लांटेबल बैटरी से चलने वाला मैकेनिकल पंप है, जो बाएँ वेंट्रिकल (हृदय का मुख्य पंपिंग चैंबर) को शरीर के बाकी हिस्सों में खून भेजने में मदद करता है।
- हृदय यंत्र कार्यक्रम न केवल देश के स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध करेगा, बल्कि अंत:विषय जैव चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार में भी मार्ग प्रशस्त करेगा।
बिहार Switch to English
मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल कई महत्त्वपूर्ण एजेंडों पर निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय द्वारा बताया गया कि आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत कोविड-19 के संक्रमण से मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रित को 4 लाख रुपए प्रति मृतक की दर से अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान राज्य संसाधन से करने के निमित्त वित्तीय वर्ष 2021-22 में वर्तमान उपबंध के अतिरिक्त 105 करोड़ रुपए बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गई।
- आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत कोविड-19 के संक्रमण से मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रित को पचास हज़ार रुपए प्रति मृतक की दर से अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान करने के निमित्त वित्तीय वर्ष 2021-22 में वर्तमान उपबंध के अतिरिक्त 20 करोड़ रुपए बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गई।
- वाणिज्य कर विभाग के अंतर्गत बिहार पेशा कर नियमावली, 2011 में संशोधन करने की स्वीकृति दी गई।
- नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के आलोक में 1 नए नगर निकाय (मुंगेर में असरगंज) का गठन एवं 3 नगर निकायों (मुज़फ्फरपुर नगर निगम का विस्तार, दरभंगा से बिरौल तथा घनश्यामपुर नगर पंचायत) का क्षेत्र विस्तार की स्वीकृति दी गई।
- मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्व. कविराज राम लखन सिंह ‘बैद्य’, शहीद नाथून प्रसाद यादव, स्व. शीलभद्र याजी, स्व. मोगल सिंह एवं स्व. डुमर प्रसार सिंह के सम्मान में नगर परिषद क्षेत्र बख्तियारपुर के अंतर्गत स्थापित प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष की 17 जनवरी को राजकीय समारोह का आयोजन किये जाने की स्वीकृति दी गई।
राजस्थान Switch to English
ज़िलास्तरीय इनवेस्टमेंट समिट का आयोजन
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को इनवेस्ट राजस्थान 2022 समिट से पहले जयपुर में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत की अध्यक्षता में ज़िलास्तरीय इनवेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया। इसमें कुल 23 हज़ार 528 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू और एलओआई हुए, इससे प्रदेश में 1 लाख 13 हज़ार से अधिक रोज़गार का सृजन होगा।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर शकुंतला रावत ने बताया कि इनवेस्ट राजस्थान समिट को इस बार नए तरीके से कराया जा रहा है, ताकि अधिक-से-अधिक निवेश प्रस्तावों को ज़मीन पर उतारा जा सके।
- इसके लिये पहली बार सरकार सम्मेलन से पहले ज़िलों में भी ऐसे निवेश सम्मेलन करा रही है। सभी ज़िलों में मुख्य समिट से पहले एक माह तक ये सम्मेलन किये जाएंगे।
- उद्योग मंत्री ने बताया कि 5 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिये एमओयू से लेकर ज़मीन खरीदने तक की प्रक्रिया यहीं तय कर ली जाएगी। निवेश जब पक्का हो जाएगा तो उद्घाटन शिलान्यास के स्तर पर ही इसे मुख्य समिट तक लाया जाएगा।
- इस अवसर पर इलेक्ट्रिक ह्वीकल बनाने और स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिये भी एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। इसके अलावा सोलर पैनल, इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, जेम्स और ज्वेलरी, प्लाईवुड, होटल और हॉस्पिटल, टेक्सटाइल और गारमेंट से जुड़े उद्योगों की स्थापना के लिये एमओयू तथा एलओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
राजस्थान Switch to English
निर्वाचन विभाग ने किया प्रदेश के 200 निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को निर्वाचन विभाग ने राजस्थान में मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान 14 लाख 22 हज़ार 968 मतदाताओं के नाम जोड़े गए। इनमें 7 लाख 20 हज़ार 223 पुरुष और 7 लाख 2 हज़ार 745 महिलाएँ हैं। इस प्रकार राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 2.87 प्रतिशत मतदाताओं की वृद्धि हुई।
- उन्होंने बताया कि अंतिम प्रकाशन की तिथि तक राज्य में कुल 5 करोड़ 9 लाख 43 हज़ार 21 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 2 करोड़ 65 लाख 32 हज़ार 787 पुरुष एवं 2 करोड़ 44 लाख 10 हज़ार 234 महिला मतदाता सम्मिलित हैं।
- पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान कुल 23 हज़ार 869 विशेष योग्यजनों का भी पंजीकरण किया गया। सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में कुल 5 लाख 26 हज़ार 991 विशेष योग्यजन मतदाता पंजीकृत हैं।
- पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन माध्यम से कुल 28 लाख 46 हज़ार 506 आवेदन-पत्र ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं, जो कि संपूर्ण देश में सर्वाधिक है। 18 वर्ष की आयु के 3 लाख 26 हज़ार 103 युवा मतदाताओं एवं 18 वर्ष से अधिक आयु के 7 लाख 78 हज़ार 718 मतदाताओं द्वारा अपने स्वयं के मोबाइल नंबर की सूचना आवेदन-पत्र में देकर मतदाता सूची में पंजीकरण करवाया गया है।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रकाशित मतदाता सूची में 80 या 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 13 लाख 17 हज़ार 741 मतदाता पंजीकृत हैं।
- इसी प्रकार से विभिन्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 5 लाख 26 हज़ार 991 विशेष योग्यजन मतदाता मतदाता सूची में पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1 लाख 42 हज़ार 827 सेवा नियोजित मतदाता अंतिम भाग में पंजीकृत हैं।
राजस्थान Switch to English
नागौर, चूरू तथा अजमेर में नवीन राजस्व ग्राम घोषित
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को राजस्थान सरकार ने अलग-अलग अधिसूचनाएँ जारी कर चूरू, अजमेर, नागौर ज़िले के मजरों एवं ढाणियों को नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नागौर ज़िले की तहसील कुचामन सिटी के मूल राजस्व ग्राम सबलपुरा को नवीन राजस्व ग्राम नाडापुरा एवं सिंधपुरा को शहीद रामेश्वर नगर नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है।
- इसी प्रकार अजमेर की तहसील भिनाय के पाडलिया मूल राजस्व ग्राम को गोरधनपरा तथा गुढ़ाखुर्द को इंद्रपुरा नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। अजमेर में ही सोमलपुर मूल राजस्व ग्राम को आगला कांकड, शाही, चंदवाला तथा डाली नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है।
- अधिसूचना के अनुसार चूरू ज़िले के रामदेवरा तथा जसरासर राजस्व ग्राम को जसरासर बास नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है।
- इन राजस्व ग्रामों के गठन से प्रभावित मूल एवं नवीन राजस्व ग्राम के अभिलेखों के अलग-अलग संधारण के लिये तथा इनकी पृथक्-पृथक् जमाबंदी, खसरा नंबर एवं नक्शे अभिलेखों के परिशोधन कार्य के लिये संबंधित ज़िलों के कलक्टर को अधिकृत किया गया है।
- राज्य सरकार द्वारा जारी एक अन्य अधिसूचना में चूरू के पटवार मंडल जसरासर एवं नाकरासर का पुनर्गठन किया गया है। जसरासर गाँव के क्षेत्राधिकार में अब जसरासर, रामपुरा बास, दुधवामीठा, जसरासर बास राजस्व ग्राम सम्मिलित होंगे तथा नाकरासर गाँव में नाकरासर तथा रामदेवरा राजस्व ग्राम को सम्मिलित किया जाएगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने की शैक्षणिक मेले की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तुलसीनगर में शैक्षणिक मेले का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री इंदर सिंह परमार ने 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के प्रदेशव्यापी कोविड टीकाकरण में प्रथम डोज लगवाने वाली छात्राओं को प्रमाण-पत्र दिये। साथ ही वैक्सीनेशन के लिये विद्यालय की टीम के सदस्यों को भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
- मेले में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के विज्ञान, गणित, आर्ट्स एंड क्रॉफ्ट और वाणिज्य से संबंधित सभी प्रकार के 150 मॉडल रखे गए हैं।
- मेले में विज्ञान नाटिका एवं ‘जादू नहीं विज्ञान’ का आयोजन भी किया गया। विद्यालय में मॉडल के तौर पर आए हुए कोरोना वायरस, मास्क, मोटू-पतलू के कार्टूनों ने विद्यार्थियों को आकर्षित किया।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को हैंडलूम एक्स-पो भोपाल हाट बाज़ार में आयोजित कार्यक्रम में संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम द्वारा प्रदेश के 15 शिल्पियों को राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- आयुक्त हथकरघा एवं रेशम सुरभि गुप्ता तथा संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम घ्की प्रबंध संचालक अनुभा श्रीवास्तव ने प्रदेश के प्रसिद्ध बुनकरों तथा हस्तशिल्पियों को वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिये इन पुरस्कारों से सम्मानित किया।
- आयुक्त सुरभि गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुनकरों की कला का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष कबीर और विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
- उल्लेखनीय है कि राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को एक लाख रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 50 हज़ार रुपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 25 हज़ार रुपए की राशि, शॉल और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।
- कबीर बुनकर पुरस्कार वर्ष 2018-19 के लिये प्रथम पुरस्कार घासीराम लालमणी (चंदेरी) को, द्वितीय पुरस्कार विकास बण्डे (महेश्वर) को तथा तृतीय पुरस्कार अनिल मुकाती (महेश्वर) को मिला।
- वहीं कबीर बुनकर पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिये प्रथम पुरस्कार रूबीना बी खान (महेश्वर) को, द्वितीय पुरस्कार रेखाबाई कोली (चंदेरी) को और तृतीय पुरस्कार पन्नालाल खरे (महेश्वर) को प्राप्त हुआ।
- राज्यस्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार वर्ष 2020-21 के लिये प्रथम पुरस्कार (संयुक्त) सुगंधा जैन (इंदौर) एवं मो. काजिम खत्री (धार) को, द्वितीय पुरस्कार (संयुक्त) मो. मोहसीन छीपा (उज्जैन) एवं सुभाष पोयाम (भोपाल) को, तृतीय पुरस्कार (संयुक्त) बलदेव बागमारे (बैतूल) डॉ. राजीव नाफड़े (होशंगाबाद) को मिला।
- वहीं प्रोत्साहन पुरस्कार हयात गुट्टी (उज्जैन), मो. आसिफ (उज्जैन) एवं अब्दुल करीम खत्री (धार) को प्रदान किये गए।
मध्य प्रदेश Switch to English
जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान का एप्को में विलय
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश शासन ने सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एवं सस्टेनेबल डेवलपमेंट (जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान) का विलय पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) में कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान (सीसीसी एंड एसडी) की वार्षिक सभा की बैठक में इसका विघटन एप्को में करने का निर्णय लिया गया था।
- राज्य शासन द्वारा पर्यावरण विभाग में वर्ष 2009 में सीडीएम एजेंसी का गठन सोसायटी अधिनियम में किया गया था। इसके बाद सीडीएम एजेंसी का नाम परिवर्तित कर सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट किया गया।
- राज्य शासन द्वारा एप्को में राज्य जलवायु परिवर्तन एवं ज्ञान प्रबंधन केंद्र की स्थापना कर एप्को को राज्य डेजिग्नेटेड एजेंसी का दायित्व सौंपा गया।
- इस ज्ञान केंद्र की गतिविधियों और मानव संसाधन के लिये केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन ज्ञान मिशन के तहत अनुदान दिया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान का निवारण एवं वसूली अधिनियम, 2021
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश विधि-विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली अधिनियम, 2021 तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय इस अधिनियम को 3 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा अनुमति प्रदान की गई।
- उन्होंने कहा कि आंदोलन, हड़ताल, बंद, दंगों (सांप्रदायिक या अन्यथा), लोक अशांति, अभ्यापत्ति या इसके समान गतिविधियों के नाम पर सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुँचाने वालों के विरुद्ध कानून सम्मत सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
- विधि मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने में संलिप्त रहने वाले लोगों से कानूनन जुर्माना वसूली का प्रावधान भी कानून में है। संपत्ति के नुकसान की राशि के निर्धारण और दावे के लिये दावा अधिकरण का गठन भी प्रावधानित है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में ‘पदमा’ स्कीम के लिये ‘लैंड-पूल पॉलिसी’ निर्मित करने के निर्देश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘पदमा’ स्कीम से संबंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये कि ‘पदमा’ स्कीम के लिये ऐसी ‘लैंड-पूल पॉलिसी’ निर्मित की जाए, जिससे ज़मीन के मालिक ग्रामीण लोगों को अधिक-से-अधिक फायदा हो और गाँव में रोज़गार के अवसर बढे़ं।
प्रमुख बिंदु
- उप-मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद जानकारी दी कि केंद्र की ‘पदमा’ स्कीम को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार इस पर तेजी से काम करने जा रही है। प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिये लैंड पूलिंग के तहत प्रत्येक ब्लॉक में करीब पचास एकड़ ज़मीन जुटाई जाएगी।
- उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ब्लॉक-वाइज कुछ उत्पाद तय किये गए हैं, जिनको एक्सपोर्ट करवाने में भी सरकार मदद करेगी। राज्य के कई गाँवों में हुनरमंद लोगों द्वारा ऐसे गुणवत्तापरक प्रोडक्ट तैयार किये जाते हैं, जिनकी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी कीमत मिल सकती है, लेकिन जानकारी के अभाव में उनको मज़बूरी में लोकल लेवल पर कम दामों पर बेचना पड़ता है।
- उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मुताबिक राज्य सरकार की मंशा है कि प्रत्येक ब्लॉक में उस ब्लॉक के लोगों द्वारा उत्पादित बेहतरीन प्रोडक्ट के लिये एक क्लस्टर बनाया जाए, जहाँ पर एमएसएमई की भाँति लोगों को उद्योग लगाने के लिये प्लॉट उपलब्ध करवाए जा सकें। इस क्लस्टर में बिजली, पानी, सड़क, बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर जैसी सुविधाएँ मुहैया करवाई जाएंगी।
झारखंड Switch to English
डीआईसी ने बोकारो स्टील प्लांट में अमृत पार्क का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
5 जनवरी, 2022 को बीएसएल निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश ने बोकारो स्टील प्लांट में ईडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अमृत पार्क का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह संयंत्र में अपशिष्ट-स्क्रैप सामग्री का उपयोग करके बीएसएल के एचआरसीएफ (हॉट रोल्ड कॉइल फिनिशिंग) विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा विकसित किया गया है।
- इसे आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह (स्वतंत्रता के 75वें वर्ष) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
- डीआईसी निदेशक ने बताया कि यह न केवल संयंत्र में विभिन्न दुकानों और विभागों में हाउसकीपिंग में सुधार करेगा, बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी आकर्षक होगा, जहाँ कर्मचारी अपने अवकाश के दौरान आराम कर सकते हैं।
- उन्होंने अन्य दुकानों और विभागों को भी प्लांट में वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल कर इसी तरह के पार्क विकसित करने को कहा है।
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