उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश ग्रामीण खेल लीग का हुआ शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उत्तर प्रदेश ग्रामीण खेल लीग की मशाल को प्रज्ज्वलित कर लीग का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथजी महाराज पंचम अखिल भारतीय प्राइजमनी पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता-2023 के विजेताओं के लिये पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।
- कबड्डी प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश ने जेडी एकेडमी नई दिल्ली को हराकर खिताब जीता। मुकाबला समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने विजयी टीमों व खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया।
- मुख्यमंत्री ने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ स्मृति अखिल भारतीय प्राइजमनी कबड्डी प्रतियोगिता में अगले वर्ष पुरस्कार राशि दोगुनी करने का निर्देश भी खेल विभाग को दिया।
- मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण खेल लीग का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता प्रदेश के सभी विकास खंडों में होगी। इसमें कई तरह की खेल प्रतियोगिताएँ होंगी। ब्लॉक स्तर के बाद ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को जनपद, जोन और प्रदेश स्तर पर मौका मिलेगा। इससे लाखों खिलाड़ी लाभान्वित होंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल के संसाधनों और गतिविधियों को बढ़ाने के लिये सरकार ने कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके तहत हर गाँव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किये जा रहे हैं। ज़िला स्तर पर स्टेडियम व ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं।
- वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 2 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हैं। वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य जारी है। प्रदेश में 15 सिंथेटिक हॉकी ट्रैक, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 67 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल, 15 इनडोर बास्केटबॉल हाल, 2 जूडो हाल, 6 शूटिंग रेंज बनाए जा चुके हैं। मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट और सांसद खेल स्पर्द्धा से खेल और खिलाड़ियों को काफी प्रोत्साहन मिला है। इसे और गति देने के हर ज़िले में स्पोर्ट्स सेंटर बनाए जा रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदेश सरकार पर्याप्त धनराशि देने के साथ उन्हें सरकारी नौकरी दे रही है। डेढ़ लाख रुपए मासिक मानदेय पर कई कोच नियुक्त किये गए हैं। एकलव्य क्रीड़ा कोष से भी खिलाड़ियों को मदद दी जा रही है।
- उन्होंने कहा कि ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने और पदक जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को भरपूर पुरस्कार राशि दिया जा रहा है, साथ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वालों को राजपत्रित पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। प्रदेश में 500 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के दिव्यांग तेजवीर, अभिनव चौधरी और दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश के दिव्यांग तेजवीर, अभिनव चौधरी और दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये देशभर से 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 प्रदान किया।
- गौतम बुद्ध नगर के दादरी तहसील के दुजाना गाँव के 90% गतिविषयक दिव्यांगजन (दोनों पैरों से दिव्यांग) तेजवीर सिंह को सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये‘श्रेष्ठ दिव्यांगजन’ की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- दिव्यांग तेजवीर सिंह को इससे पहले भी ज़िला प्रशासन और प्रदेश सरकार की तरफ से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2021 में डीएम ने तेजवीर सिंह को सम्मानित किया था। वर्ष 2022 में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोल्ड मेडल और 2 लाख रुपए देकर उन्हें सम्मानित किया था।
- गाजियाबाद के 60% बौद्धिक दिव्यांगजन अभिनव चौधरी को कला एवं संस्कृति तथा समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ‘श्रेष्ठ दिव्यांगजन’ की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- कला और संस्कृति एवं नृत्य, अभिनव और माडलिंग से जुड़े अभिनव चौधरी ने ‘डांस इंडिया डांस’ जैसे विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के नृत्य कार्यक्रमों में भाग लिया और 2018 में जीत हासिल की।
- उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया द्वारा ‘एक विशेष बच्चे द्वारा किये गए सबसे अधिक डांस फार्म के लिये विश्व रिकॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई अन्य राज्य और ज़िला स्तर के पुरस्कार भी जीते हैं।
- वे एक डांस अकादमी चला रहे हैं, जहाँ विशेष आवश्यकताओं और वंचित बच्चों को नृत्य सिखाते हैं, जो एक समाज सेवा है।
- इसी प्रकार कानपुर स्थित गैर-लाभकारी संगठन दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा किये जा रहे कार्यों को मान्यता देते हुए उन्हें ‘पुनर्वासन पेशेवरों के विकास में कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संगठन’ की श्रेणी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने से संबंधित कार्य करने वाले संस्थान हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- रास्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत दिये गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिम, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत्स
- र्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्त्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत्
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन
बिहार Switch to English
बिहार में पंचायत उप-चुनाव के लिये तारीखों का हुआ ऐलान
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को बिहार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत के उप-चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया। राज्य में पंचायत के कुल 1675 पदों के लिये उप-चुनाव होंगे।
प्रमुख बिंदु
- राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी किये गए अधिसूचना के तहत मतदान की तारीख 28 दिसंबर को निर्धारित की गई है, जबकि नामांकन 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक होगी।
- नामांकन पत्रों की जाँच 16 दिसंबर को होगी, जबकि नामांकन-पत्र वापस लिये जाने की अंतिम तारीख 20 दिसंबर निर्धारित की गई है।
- पंचायत उप-निर्वाचन के अंतर्गत ज़िला परिषद सदस्य, ग्राम पंचायत मुखिया, ग्राम कचहरी सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी पंच पद के लिये चुनाव होंगे।
- ज़िला परिषद सदस्य के लिये 4 पद, ग्राम पंचायत मुखिया के लिये 21, ग्राम कचहरी सरपंच के लिये 36, पंचायत समिति सदस्य के लिये 20, ग्राम पंचायत सदस्य के लिये 353 और ग्राम कचहरी पंच के लिये 1241 पदों हेतु चुनाव होंगे।
- 28 दिसंबर को मतदान होंगे, जो सुबह के 7 बजे से शुरू होकर शाम के 5 बजे तक चलेगा। 30 दिसंबर की सुबह 8 बजे से मतगणना होगी।
- विदित हो कि पिछली बार पंच सहित अन्य रिक्त पदों के लिये 2022 में उप-चुनाव हुआ था।
राजस्थान Switch to English
रोगियों को सुरक्षित एवं सुगम रक्त आपूर्ति के लिये बनेगा एक्शन प्लान
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में रोगियों को रक्त एवं रक्त अवयवों (प्लाज़मा, प्लेटलेट्स, पैक्ड रेड ब्लड सेल्स, क्रायोप्रोसिपिटेट) की सुगम एवं सुरक्षित उपलब्धता के लिये एक्शन प्लान बनाया जाएगा एवं दो उप-समितियाँ (रेगुलेटरी एवं टेक्नीकल) गठित की जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- शुभ्रा सिंह ने शासन सचिवालय में राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज एवं राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए।
- ये कमेटियाँ प्रदेशभर में ब्लड बैंकों का भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगी।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में रोगियों को सुगमतापूवर्क एवं सुरक्षित रूप से रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसके लिये जल्द एक्शन प्लान बनाया जाए। उन्होंने ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिये एक स्टेट नोडल ऑफिसर नियुक्त करने एवं जोनल स्तर पर संबंधित मेडिकल कॉलेज की जोन स्तरीय कमेटी द्वारा नियमित समीक्षा किये जाने के निर्देश दिए।
- उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में स्थापित सभी ब्लड बैंकों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए और तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। कोई भी ब्लड बैंक निर्धारित प्रोटोकॉल या गाइडलाइन का उल्लंघन करे तो सख्त कार्रवाई की जाए।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आम नागरिक तक रक्त की सुगम आपूर्ति के लिये
- ई-रक्त कोष पोर्टल के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल एवं 181 हैल्पलाइन के माध्यम से भी इस संबंध में आमजन को जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान की दिव्यांग सुनीता गुप्ता और प्रशांत अग्रवाल को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में राजस्थान की दिव्यांग सुनीता गुप्ता और प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये देशभर से 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 प्रदान किया।
- दौसा की 70% गतिविषयक दिव्यांगजन सुनीता गुप्ता को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ‘सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन’ की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- दिव्यांग सुनीता गुप्ता ग्रामीण क्षेत्र से होने के बावजूद, उन्होंने सरकार से 50 हज़ार रुपए का ऋण लेकर कृत्रिम आभूषण का व्यवसाय शुरू किया।
- वे वर्षा जल संचयन मिशन और स्वीप टीम मतदाता जागरूकता से भी संबद्ध हैं। उन्होंने विक्की डोनर फिल्म में भी काम किया है।
- नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के अध्यक्ष 51 वर्षीय प्रशांत अग्रवाल द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य के लिये उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति-दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत’ श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- प्रशांत अग्रवाल आवासीय विद्यालयों, व्यावसायिक पुनर्वास केंद्रों, सहायक यंत्रों और उपकरणों के नि:शुल्क वितरण, संगठन के माध्यम से नि:शुल्क विवाह समारोहों जैसी पहलों के माध्यम से दिव्यांगजनों के उत्थान और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं।
- वर्ष 2017 में उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता से भी सम्मानित किया गया है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- राष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिम, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत्
- सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्त्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत्
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन
हरियाणा Switch to English
सीडीएलयू में यूआईटीडीसी सेंटर का उपमुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू) सिरसा में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करते हुए महत्त्वाकांक्षी यूआईटीडीसी सेंटर का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर दुष्यंत चौटाला ने संबोधन में कहा कि इस प्रकार का अत्याधुनिक आईटी सेंटर स्थापित करने वाला चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है।
- इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि भारत के उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के नाम से बने इस विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र की उच्चतर शिक्षा संबंधित ज़रूरतों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
- सीडीएलयू प्रांगण में लगभग 9.80 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से यूनिवर्सिटी आईटी डेटा एंड कंप्यूटर सेंटर का निर्माण किया गया है।
- इस भवन में 20 कमरे हैं तथा 7 कंप्यूटर लैब, सिस्टम एनालिस्ट रूप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर स्टोर आदि की व्यवस्था है।
- सेंटर में करीब 350 कंप्यूटर स्थापित होंगे, जिससे विश्वविद्यालय का पूर्ण रूप से डिजिटलाइजेशन करने का सपना भी पूरा होगा और विद्यार्थियों को फायदा होगा। विश्वविद्यालय एनटीए (नेशनल टैस्टिंग एजेंसी) का सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया भी पूरी होने वाली है।
- यूआईटीडीसी डायरेक्टर प्रो. सुशील कुमार ने कहा कि इस सेंटर से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलेगी।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैश्विक खाद्य-पोषण सुरक्षा, स्थिरता और स्वास्थ्य के लिये रणनीति विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस दौरान मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि विश्वविद्यालय में युवा उद्यमियों के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया है।
- इस सेंटर के माध्यम से गत 4 वर्षों में 6 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाकर 100 स्टार्टअप शुरू करवाए जा चुके हैं। इन स्टार्टअप्स के माध्यम से टिश्यू कल्चर तकनीक से केला, गन्ना की बेहतरीन किस्म तैयार करना तथा मोटे अनाज से तैयार खाद्य उत्पाद तैयार किये गए हैं।
- इसके बाद मुख्यमंत्री ने 14 देशों की प्रसिद्ध शोध संस्थाओं से आए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में शानदार उपलब्धियाँ हासिल की है। यहाँ के कृषि उत्पाद का निर्यात देश व दुनिया के कई देशों में हो रहा है। अब उत्पादन के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिये दुनिया के कई देशों के साथ राज्य सरकार द्वारा काम किया जा रहा है।
- गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सम्मेलन के मुख्य संरक्षक प्रो. बी.आर. कांबोज के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में 4 से 6 दिसंबर तक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, कज़ाखस्तान, जापान, मिस्र, फ्राँस, जर्मनी, ट्यूनीशिया, ब्राजील, मोरक्को सहित 15 देशों के 900 वैज्ञानिक व शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
- सम्मेलन के प्रारंभिक सत्र में फ्राँस के आईपीसीसी नोबेल पुरस्कार के सह-विजेता प्रोफेसर आर्थर सी. रिडेकर व अमेरिका की टेक्सास ए एंड एम, विश्वविद्यालय के संकाय फेलो प्रोफेसर सर्जिओ सी. कापारेडा ने तकनीकी विषयों पर अपना व्याख्यान दिया।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक की प्रमुख निर्णय
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 250 से कम आबादी वाले 3177 गाँवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिये ‘मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना’ को मंज़ूरी देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को प्रति वादन के हिसाब से सहायक अध्यापक और प्रवक्ता रखने की अनुमति दे दी है। ऐसे 1500 से 2000 शिक्षक रखे जा सकेंगे।
- कैबिनेट ने वर्ष 2009 से वर्ष 2016-17 के दौरान आवेदन के बावजूद ‘कन्याधन योजना’ के लाभ से वंचित रह गईं 35088 बेटियों को लाभ देने का फैसला किया है। उन्हें 15,000 की दर से धनराशि मिलेगी। इस पर सरकार 52 करोड़ 63 लाख रुपए खर्च करेगी।
- छात्र-छात्राओं को आधुनिक और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिये प्रदेश में 559 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना होगी। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया जाएगा, जिसके 15 किमी. की परिधि में अधिक-से-अधिक राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इंटर कॉलेज संचालित हों। इन पर 240 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- जहाँ सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है, वहाँ निजी भूमि पर हेलिपेड बनाने के लिये प्रोत्साहन नीति को मंज़ूरी दे दी गई है। नीति के तहत हेलिपेड बनाने पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। लीज पर भूमि भी दी जा सकती है।
- कैबिनेट ने वर्चुअल रजिस्ट्री की नीति को मंज़ूरी दे दी है। इसके तहत अब घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। व्यक्ति को कार्यालय में आने की आश्यकता नहीं होगी।
- कैबिनेट ने पिथौरागढ़ और हरिद्वार में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में 100-100 एमबीबीएस प्रशिक्षु क्षमता के संचालन के लिये 950-950 पदों के ढाँचे को मंज़ूरी दी है।
- अब प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने पर परिवहन विभाग आवेदक से 100 रुपए यूजर चार्ज वसूलेगा। इससे लाइसेंस बनवाना कुछ महँगा हो जाएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश सरकार ने पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को उत्तराखंड राज्य सरकार ने प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंज़ूरी दी है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा और आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों में आसानी होगी।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं, जहाँ पर हेलीपैड या हेलीपोर्ट विकसित किया जा सकता है, लेकिन यहाँ पर सरकारी ज़मीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिये सरकार ने निजी भूमि पर हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाने की नीति को मंज़ूरी दी है।
- नीति में हेलीपैड व हेलीपोर्ट के लिये ज़मीन देने के लिये भू-स्वामी को दो विकल्प दिये गए हैं-
- पहला, भूस्वामी ज़मीन को 15 साल के लिये उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को लीज़ पर दे सकता है, जिसमें यूकाडा डीजीसीए नियमों के तहत हेलीपैड को विकसित करेगा। इसके लिये बदले भू-स्वामी को प्रति वर्ष 100 रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया दिया जाएगा। इसके अलावा संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
- दूसरा, भू-स्वामी स्वयं भी हेलीपैड व हेलीपोर्ट को विकसित कर सकता है। इसके लिये डीजीसीए से लाइसेंस लेकर हेलीपैड का इस्तेमाल करने वालों से शुल्क लेगा। सरकार की ओर से कुल पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
- नीति में हेलीपैड के लिये कम-से-कम 1,000 वर्गमीटर और हेलीपोर्ट के लिये 4,000 वर्गमीटर ज़मीन अनिवार्य है। हेलीपैड बनाने के लिये 10 से 20 लाख रुपए तक खर्च और हेलीपोर्ट निर्माण में दो से तीन करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। यदि भूस्वामी स्वयं हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाता है तो इस पर सरकार सब्सिडी देगी, जिसका भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा।
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