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रेड टेप को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पद्मश्री इरशाद मिर्जा का निधन
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2022 को रेड टेप को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले, चर्म निर्यातक और मिर्जा इंटरनेशनल के चेयरमैन पद्मश्री इरशाद मिर्जा का बीमारी के चलते निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
प्रमुख बिंदु
- इरशाद मिर्जा ने कंपनी की शुरुआत की 1979 में की थी, जो लेदर बनाने और टैनिंग व फिनिशिंग के लिये काम करती है। कंपनी में बनने वाला लेदर विदेश में भी एक्सपोर्ट होता है। उनका नाम फोर्ब्स मैगजीन की प्रभावशाली उद्योगपतियों की सूची में आ चुका है।
- इरशाद मिर्जा ने अपने कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1973 में चमड़े के सामान (काठी उत्पाद) के एक निर्यातक के तौर पर की। 32 वर्षों की अवधि में उन्होंने एक निर्यात व्यवसाय खड़ा किया, जिसका कारोबार लगभग 350 करोड़ रुपए है। इसमें 11000 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार से जुड़े हैं। वर्ष 1975 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समकालीन काठी (सैडलरी) विकसित की और इसे ऑस्ट्रेलिया ले गए, जहाँ इसे खूब पसंद किया गया।
- गौरतलब है कि इरशाद मिर्जा राजनाथ सिंह की उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
- इरशाद मिर्जा ने एक शैक्षणिक संस्थान, एक साहित्य प्रचार अकादमी और कई अन्य संस्थानों की स्थापना की है। वह रोटरी क्लब के कानपुर चैप्टर के अध्यक्ष भी रहे हैं।
- मिर्जा फाउंडेशन से उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिकों और ग्रामीणों को उच्च श्रेणी की चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करने के लिये अपने कारखानों के पास 100 बिस्तरों वाला अस्पताल भी बनवाया है।
- वह चमड़ा निर्यात परिषद के अध्यक्ष, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के प्रबंध समिति के सदस्य तथा उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन के निदेशक की जिम्मेदारियाँ सँभाल चुके हैं।
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