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राजस्थान आई.टी किक्रेट लीग का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2022 को राजस्थान सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग के आयुक्त आशीष गुप्ता द्वारा भवानी निकेतन क्रिकेट ग्राउंड्स में राजस्थान आई.टी किक्रेट लीग के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- क्रिकेट लीग के मुख्य आयोजक ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस बार लीग में विभाग में विभिन्न ज़िलों में पदस्थापित अधिकारियों एवं कार्मिकों की 26 ज़िलों की टीमों सहित 400 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान आई.टी किक्रेट लीग का प्रथम संस्करण 2019 में एवं द्वितीय संस्करण 2021 में आयोजित किया गया था।
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अलवर ज़िला कलक्टर को मिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ ज़िले का पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में अलवर ज़िला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी को वर्ष 2022 के लिये दिव्यांगजन सशक्तीकरण हेतु उत्कृष्ट कार्य करने पर सर्वश्रेष्ठ ज़िले का पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान कैडर में अक्सर अपने नवाचारों के लिये चर्चित रहने वाले आईएएस अफसर और अलवर ज़िला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी को यह अवार्ड ज़िले में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर एवं उनके कल्याण के लिये नवाचार करते हुए दिव्यांग सशक्तीकरण की दिशा में किये गए कार्यों के लिये दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिीकरण विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिव्यांगजन के लिये सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले देश के केवल एक ज़िले को प्रदान किया जाता है।
- डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी से पहले साल 2022 में राजस्थान के 6 और आईएएस अफसरों को भी राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड मिल चुके हैं। राजस्थान कैडर में इस समय करीब 248 आईएएस अफसर हैं, जिनमें से करीब 10 अफसर तो ऐसे हैं, जिनको राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के हाथों अवॉर्ड मिल चुके हैं।
- वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय (सीएमओ) में शासन सचिव के पद पर तैनात आईएएस गौरव गोयल को 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अवॉर्ड मिला था। यह अवॉर्ड ‘स्क्रॉल ऑफ ऑनर’ के नाम से दिया गया था। नोटबंदी के दौरान कैशलेस भुगतान को प्रमोट करने के लिये उनको यह अवॉर्ड दिया गया था।
- कोरोना में सरकारी स्कूलों से पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों में से करीब 90 प्रतिशत को वापस स्कूलों में नामांकित करने में मिली सफलता के लिये शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके गोयल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से नवंबर-2022 में अवॉर्ड मिला था।
- चूरू ज़िला के कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को ज़िले में खेलो इंडिया योजना को कामयाब बनाने और चूरू ज़िले के शानदार प्रदर्शन के लिये प्रधानमंत्री के स्तर पर ‘नेशनल एक्सीलेंसी अवॉर्ड’ दिया गया है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लैगशिप योजना है। इसके तहत पूरे देश में खेलों को बढ़ावा देने पर काम किया जा रहा है।
- सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव संदीप वर्मा को सरकारी विभागों में सामान खरीदने की प्रक्रिया (पब्लिक प्रोक्योरमेंट प्रोसेस) को पारदर्शी बनाने के लिये केंद्र सरकार के अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट की तरफ से जून-2022 में राष्ट्रीय अवॉर्ड मिला था।
- वर्तमान में हनुमानगढ़ ज़िले की कलेक्टर रुक्मणि रियार को केंद्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत निवारण मंत्रालय की ओर से नवंबर-2022 में ई-गवर्नेंस में बेस्ट वर्क के लिये अवॉर्ड दिया गया था।
- इनके अलावा वर्तमान में करौली के कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को इस साल 2 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। उनको मार्च-2022 में जल संरक्षण के लिये जल शक्ति मंत्रालय की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जुलाई-2022 में ज़िले में लघु उद्योगों को प्रमोट करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल अवॉर्ड दिया है।
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ई-फाइलिंग लागू करने वाला प्रदेश का पहला कलक्ट्रेट बना जयपुर
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2022 को जयपुर कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जयपुर कलेक्ट्रेट में ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू किया गया है। राजस्थान में ई-फाइलिंग लागू करने वाला जयपुर पहला कलेक्ट्रेट बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- जयपुर कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एक नवाचार के तहत जयपुर कलेक्ट्रेट में ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू किया है। कलेक्ट्रेट की संस्थापन शाखा और सामान्य शाखा से ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है। जल्द ही ई-फाइलिंग सिस्टम को पूरे कलेक्ट्रेट में लागू किया जाएगा।
- अतिरिक्त ज़िला कलक्टर (प्रथम) दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि जयपुर ज़िला कलेक्ट्रेट को पेपरलैस बनाने की दिशा में ई-फाइलिंग सिस्टम मील का पत्थर साबित होगा। इस फैसले से न केवल कागज की बचत होगी बल्कि फाइलों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करना भी मुमकिन होगा।
- ज़िला कलेक्ट्रेट में अभी तक राज-कार्य कागज की पत्रावलियों के माध्यम से हो रहा था, जिससे न केवल बड़ी मात्रा में कागज की खपत हो रही थी, साथ ही इन पत्रावलियों और फाइलों का सुरक्षित संधारण सुनिश्चित करना मुश्किल होता था। अब राजस्थान सरकार के सूचना एवं तकनीकी विभाग द्वारा तैयार किये गए राज-काज सॉफ्टवेयर से सारा राज-कार्य ई-फाइलिंग सिस्टम के जरिये होगा।
- इसके तहत पत्रावली भौतिक न होकर ऑनलाइन प्रारूप में होगी। राज-काज सॉफ्टवेयर पर ही पत्रावली तैयार की जाएगी और ऑनलाइन ही संबंधित अधिकारी को अग्रेषित की जाएगी। अधिकारी अपनी एसएसओ आईडी से लॉगइन कर पत्रावली पर कार्यालय टिप्पणी कर सकेंगे या फिर डिजिटल साइन के माध्यम से फाइल का अनुमोदन कर सकेंगे। साथ ही ऑनलाइन ही आदेश भी जारी हो सकेंगे।
- ई-फाइलिंग सिस्टम लागू होने से जयपुर कलेक्ट्रेट में कार्यालय टिप्पणी से लेकर पत्रावली अनुमोदन तक की सारी प्रक्रिया पेपर लैस हो जाएगी और फाइलों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा सकेगी।
- फाइलों के फिजिकल मूवमेंट नहीं होने से पेपर, समय और मानव-श्रम की बचत तो होगी ही साथ ही वर्क फ्रॉम होम और वर्क ऐनी ह्वेयर, ऐनी टाइम की अवधारणा भी मुमकिन हो पाएगी। राजकीय कार्यों में सरलता और पारदर्शिता तो आएगी ही साथ ही पत्रावलियों का संचालन और संधारण पहले के मुकाबले और आसान हो जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के ज़िला कार्यालय में भी ई-फाइलिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है।
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