स्कूली शिक्षा में उत्तराखंड को देशभर में मिला 35वाँ स्थान | उत्तराखंड | 05 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2020-21 की रिपोर्ट जारी की गई। इस इंडेक्स में देशभर में उत्तराखंड को 35वाँ स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) में उत्तराखंड को 1000 अंकों में से 719 अंक प्राप्त हुए हैं।
- शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में केरल, महाराष्ट्र और पंजाब 1000 अंकों के स्कोर में 928 अंक पाकर पहले, 927 अंकों के साथ चंडीगढ़ दूसरे और 903 अंकों के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर है।
- ज़िला और राज्य स्तर पर स्कूली शिक्षा का आकलन करती यह रिपोर्ट बताती है कि बीते चार वर्षों में उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा का स्तर कभी भी ऊपर नहीं उठ पाया है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड का स्कोर इस इंडेक्स में 752 अंक था जो अब वर्ष 2020-21 में 33 अंक लुढ़ककर 719 पर आ पहुँचा है। इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में अंकों का यह स्कोर 704 और वर्ष 2018-19 में 712 था।
- परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) एक ऐसा सूचकांक है, जो स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलावों को उत्प्रेरित करने के लिये राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को एक समान पैमाने पर मापता है।
- पीजीआई का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर नज़र रखने के साथ उन्हें उनके बेहतर प्रदर्शन करने और शिक्षा प्रणाली को हर स्तर पर मज़बूत बनाने के लिये प्रेरित करना है।
- इस रिपोर्ट में 70 मानकों में कुल 1000 अंक शामिल हैं, जिन्हें दो श्रेणियों में बाँटा गया है। इन श्रेणियों को आगे पाँच डोमेन में विभाजित किया गया है। इनमें डोमेन-एक में लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी के लिये नौ मानकों में 180 अंक, डोमेन-2 में एक्सस के आठ मानकों में 80 अंक, डोमेन-3 में इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के लिये 11 मानकों में 150 अंक, डोमेन-4 में इक्विटी के लिये 16 मानकों में 230 अंक, कुल 640 अंक रखे गए हैं।
- इसके अलावा दूसरी श्रेणी सुशासन और प्रबंधन में 26 मानकों में 360 अंकों को शामिल किया गया है। इसी श्रेणी में उत्तराखंड को सबसे कम अंक मिले हैं।
- पीजीआई रिपोर्ट में उत्तराखंड के खराब प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा में सारी व्यवस्थाएँ दुरुस्त हैं, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट की अनुपलब्धता के चलते पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पाई हैं।
- डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि सुशासन और प्रबंधन (गर्वनेंस एंड मैनेजमेंट) के मामले में इस रिपोर्ट में उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। इसकी वजह पर्वतीय क्षेत्रों में बहुत सी जगह इंटरनेट की पहुँच का न होना है।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय सारा डाटा यू-डायस पोर्टल से लेता है। इस पोर्टल पर सारी डिटेल स्कूल भरते हैं, जिसमें बच्चों की परफॉरमेंस से लेकर स्कूल में मौजूद बिजली-पानी और अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी होती है।
- इंटरनेट की कमी के चलते बहुत से स्कूल इन तमाम जानकारियों को नहीं भर पाए हैं। शिक्षा विभाग विद्या समीक्षा केंद्र ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है, जिसमें रियल टाइम डाटा भरा जाएगा, अगले छह माह में सारी जानकारियां इसमें भर दी जाएंगी।