बिहार Switch to English
एंटी-फाइलेरिया अभियान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पटना समेत संपूर्ण बिहार में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने फाइलेरिया (हाथीपाँव) को जड़ से समाप्त करने के लिये एंटी फाइलेरिया अभियान की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान के अंतर्गत पूरे बिहार में 2 करोड़ 22 लाख 85 हज़ार 279 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक देने का लक्ष्य बनाया गया है। इसके साथ ही मलेरिया और कालाजार संचार परिसार भी जल्द ही शुरू किये जाएंगे।
- अधिकारियों के मुताबिक इस साल जुलाई में एंटी फाइलेरिया ड्राइव की शुरुआत की गई थी, शुरुआत में नवादा, समस्तीपुर, रोहतास, लखीसराय और नालंदा ज़िलों में इस अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का वितरण किया गया था।
- अभियान में आशा कार्यकर्त्ताओं और स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से पिछड़े गाँव और छोटे शहरों में हर घर में दवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
- उल्लेखनीय है कि लसीका फाइलेरिया उष्णकटिबंधीय रोगों में सबसे प्रचलित, लेकिन सबसे उपेक्षित बीमारियों में से एक है, जो इंसान को दुर्बल बनाने के साथ गंभीर रूप से आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुँचाती है। यह एक मच्छरजनित बीमारी है।
राजस्थान Switch to English
सात ज़िलों की छात्राओं ने महात्मा गांधी विद्यालय में सैटेलाइट और ड्रोन किया लॉन्च
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को राजस्थान के जयपुर के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (पूर्व राज. बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय) मालवीय नगर में 3 दिवसीय ‘पीको सैटेलाइट इवेंट’ के ग्रैंड फिनाले में प्रदेश के सात ज़िलों से चयनित एवं प्रशिक्षित 30 छात्राओं ने छोटे सैटेलाइट और ड्रोन को संचालित किया।
प्रमुख बिंदु
- अजमेर, अलवर, बूंदी, जयपुर, भरतपुर, डूँगरपुर, झुंझुनुं ज़िलों की इन छात्राओं ने विभिन्न चरणों से गुज़र कर गत तीनदिवसीय कार्यशाला में ड्रोन एवं उपग्रह की डिज़ाइन करना, निर्माण करना और लॉन्च करना सीखा।
- विद्यालय की प्रधानाचार्या निशि सिंह ने बताया कि स्टेम, अर्थात् साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्मेटिक्स फॉर गर्ल्स इंडिया के तहत आईबीएम इंडिया और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) राजस्थान के 10 ज़िलों में 306 सरकारी स्कूलों की छात्राओं को उपग्रह, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित करने के लिये एक साथ आए हैं, ताकि उन्हें उन्नत स्टेम कौशल के साथ सशक्त बनाकर स्टेम में शिक्षा और करियर बनाने में मदद की जाए।
- उल्लेखनीय है कि दोनों संस्थाओं ने मिलकर 2 से 4 नवंबर तक जयपुर में ‘पीको सैटेलाइट इवेंट’का आयोजन किया, जिसके लिये राजस्थान के विभिन्न सरकारी स्कूलों की 30 छात्राओं ने एक कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें उन्हें ड्रोन और उपग्रह की डिज़ाइन, निर्माण और लॉन्च करना सिखाया गया।
- 500 छात्राओं के एक बैच में से चुनी गई इन 30 छात्राओं को कई कार्यशालाओं और ऑनलाइन परीक्षाओं के बाद कठोर, गहन प्रशिक्षण से गुज़रना पड़ा।
- छात्राओं द्वारा बनाए गए इन उपग्रहों द्वारा लिये गए डाटा का उपयोग भारतीय अनुसंधान परिषद और कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा किया जाएगा।
- छात्राओं को उपग्रह, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने हेतु इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा की आकांक्षा को बढ़ावा देने एवं उपग्रहों और ड्रोन को असेंबल करने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के साथ जागरूकता, आत्मविश्वास, कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से इस परियोजना को तैयार किया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजन-सह-समन्वय समिति गठित
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने प्रदेश में 31 जनवरी से 11 फरवरी, 2023 तक होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के 5वें संस्करण के आयोजन के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में ‘आयोजन-सह-समन्वय समिति’ और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ‘कार्यकारी समिति’ गठित की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस समिति में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री सह-अध्यक्ष एवं खेल और युवा कल्याण मंत्र, मध्य प्रदेश उपाध्यक्ष होंगे।
- मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन; केंद्रीय सचिव युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय; अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन, गृह और वित्त विभाग समिति के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव खेल और युवा कल्याण विभाग मध्य प्रदेश को सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है।
- आयोजन-सह-समन्वय समिति में पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय मध्य प्रदेश; महानिदेशक भारतीय खेल प्राधिकरण नई दिल्ली; संचालक खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश; भारतीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि और अध्यक्ष-महासचिव स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को सदस्य बनाया गया है।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 के लिये कार्यकारी समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। समिति के सह-अध्यक्ष सचिव केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय होंगे। अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामान्य प्रशासन, गृह, वित्त विभाग समिति के सदस्य मनोनीत किये गए हैं।
- प्रमुख सचिव ऊर्जा, लोक निर्माण, खेल और युवा कल्याण, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, स्कूल शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति, नगरीय विकास एवं आवास, परिवहन और जनसंपर्क विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
- पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश, महानिदेशक भारतीय खेल प्राधिकरण नई दिल्ली, संचालक खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश, संचालक खेलो इंडिया नई दिल्ली, अपर पुलिस महानिदेशक अग्नि शमन मध्य प्रदेश, वरिष्ठ निदेशक भारतीय खेल प्राधिकरण, खेलो इंडिया, नई दिल्ली, अध्यक्ष-महासचिव स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय ओलंपिक संघ, मध्य प्रदेश ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि, मंडल रेल प्रबंधक, भोपाल मंडल, भारतीय रेलवे मध्य प्रदेश, संचालक दूरदर्शन भोपाल और राज्य के दो प्रमुख खिलाड़ी खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 की कार्यकारी समिति के सदस्य होंगे।
- आयोजन-सह-समन्वय समिति खेल और युवा कल्याण विभाग और कार्यकारी समिति के माध्यम से खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 को नियंत्रण, प्रबंधित, व्यवस्थित और प्रशासित करेगी। कार्यकारी समिति खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सुचारु संचालन, पर्यवेक्षण, निगरानी के साथ आयोजन-सह-समन्वय समिति के समग्र मार्गदर्शन में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का कार्य करेगी।
- कार्यकारी समिति खेलो इंडिया यूथ गेम्स के स्थानों के अधोसंरचना विकास की निगरानी और क्रियान्वयन एजेंसियों के कार्यों की समीक्षा भी करेगी।
हरियाणा Switch to English
चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नए नाम की नोटिफिकेशन जारी
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा हरियाणा के चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट नोटिफाई कर दिया गया और तत्कालप्रभाव से यह नाम लागू कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर, 2022 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम ‘शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट’किये जाने को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
- शहीद भगत सिंह के 115वें जन्मदिवस के मौके पर मोहाली ज़िले में आयोजित कार्यक्रम में यह नामकरण हुआ था।
- इसी कार्यक्रम के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से चंडीगढ़ एयरपोर्ट से ज़्यादा इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू किये जाने की भी मांग की थी।
- चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट किये जाने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेडियो ब्रॉडकास्ट ‘मन की बात’में बीते 25 सितंबर को की थी।
- इससे पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री और हरियाणा के डिप्टी चीफ मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला की 20 अगस्त 2022 को मीटिंग हुई थी, जिसमें शहीद भगत सिंह के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने पर सहमति बनी थी।
- हलाँकि, इससे पहले हरियाणा ने सिफारिश की थी कि एयरपोर्ट के नाम में पंचकूला का नाम भी शामिल किया जाए, क्योंकि इस एयरपोर्ट के निर्माण में हरियाणा का भी बराबर का हिस्सा रहा है।
झारखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने मेदिनीनगर में ‘आपकी योजना-आपकी सरकार- आपके द्वार’ कार्यक्रम में 57 योजनाओं का किया उद्घाटन- शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेदिनीनगर के पुलिस लाइन स्टेडियम में ‘आपकी योजना-आपकी सरकार- आपके द्वार’कार्यक्रम में 23,483.5 लाख रुपए की लागत से 57 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- पुलिस लाइन स्टेडियम में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए थे, जहाँ पदाधिकारियों द्वारा लोगों को जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने के साथ उन्हें लाभान्वित भी कराया गया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’तहत पदाधिकारी सीधे लोगों के घर तक सरकार की योजनाओं को पहुँचाने का काम कर रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 9,234.428 लाख रुपए की लागत से विभिन्न पथों का निर्माण, सरोवर निर्माण एवं मरम्मत, तेतराई निर्माण, स्वास्थ्य केंद्र, चेक डैम, शवदाह गृह, चापाकल एवं शेड निर्माण, ग्रामीण जलापूर्ति योजना एवं भवन निर्माण जैसी 33 महत्त्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया।
- वहीं मुख्यमंत्री ने कुल 14,249.072 लाख रुपए की लागत के 24 योजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें रानीताल जलाशय योजना के पुनरुद्धार एवं मुख्य नहरों की लाइनिंग का कार्य, व्यावसायिक इकाई का निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल, पलामू अंतर्गत 100 बेड का भवन निर्माण, पर्यटकीय विकास कार्य, पुल निर्माण, सामुदायिक भवन, वार्ड विकास केंद्र का निर्माण, आवास, जलापूर्ति योजना, विभिन्न सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण, पार्क का सौंदर्यीकरण, पेवर ब्लॉक एवं नाली निर्माण जैसी कई जन-कल्याणकारी योजना शामिल हैं।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 25 लाभुकों के बीच कुल 1,688.940 लाख रुपए की राशि का वितरण किया, जिसमें सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की बच्चियों के बीच छात्रवृत्ति, पेंशन, रोज़गार सृजन, सहायता राशि, कृषि यंत्र, भूमि पटेा, डेयरी के लिये गाय जैसी लोगों को स्वावलंबी बनाने की योजनाएँ शामिल हैं।
उत्तराखंड Switch to English
स्कूली शिक्षा में उत्तराखंड को देशभर में मिला 35वाँ स्थान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2020-21 की रिपोर्ट जारी की गई। इस इंडेक्स में देशभर में उत्तराखंड को 35वाँ स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) में उत्तराखंड को 1000 अंकों में से 719 अंक प्राप्त हुए हैं।
- शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में केरल, महाराष्ट्र और पंजाब 1000 अंकों के स्कोर में 928 अंक पाकर पहले, 927 अंकों के साथ चंडीगढ़ दूसरे और 903 अंकों के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर है।
- ज़िला और राज्य स्तर पर स्कूली शिक्षा का आकलन करती यह रिपोर्ट बताती है कि बीते चार वर्षों में उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा का स्तर कभी भी ऊपर नहीं उठ पाया है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड का स्कोर इस इंडेक्स में 752 अंक था जो अब वर्ष 2020-21 में 33 अंक लुढ़ककर 719 पर आ पहुँचा है। इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में अंकों का यह स्कोर 704 और वर्ष 2018-19 में 712 था।
- परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) एक ऐसा सूचकांक है, जो स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलावों को उत्प्रेरित करने के लिये राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को एक समान पैमाने पर मापता है।
- पीजीआई का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर नज़र रखने के साथ उन्हें उनके बेहतर प्रदर्शन करने और शिक्षा प्रणाली को हर स्तर पर मज़बूत बनाने के लिये प्रेरित करना है।
- इस रिपोर्ट में 70 मानकों में कुल 1000 अंक शामिल हैं, जिन्हें दो श्रेणियों में बाँटा गया है। इन श्रेणियों को आगे पाँच डोमेन में विभाजित किया गया है। इनमें डोमेन-एक में लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी के लिये नौ मानकों में 180 अंक, डोमेन-2 में एक्सस के आठ मानकों में 80 अंक, डोमेन-3 में इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के लिये 11 मानकों में 150 अंक, डोमेन-4 में इक्विटी के लिये 16 मानकों में 230 अंक, कुल 640 अंक रखे गए हैं।
- इसके अलावा दूसरी श्रेणी सुशासन और प्रबंधन में 26 मानकों में 360 अंकों को शामिल किया गया है। इसी श्रेणी में उत्तराखंड को सबसे कम अंक मिले हैं।
- पीजीआई रिपोर्ट में उत्तराखंड के खराब प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा में सारी व्यवस्थाएँ दुरुस्त हैं, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट की अनुपलब्धता के चलते पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पाई हैं।
- डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि सुशासन और प्रबंधन (गर्वनेंस एंड मैनेजमेंट) के मामले में इस रिपोर्ट में उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। इसकी वजह पर्वतीय क्षेत्रों में बहुत सी जगह इंटरनेट की पहुँच का न होना है।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय सारा डाटा यू-डायस पोर्टल से लेता है। इस पोर्टल पर सारी डिटेल स्कूल भरते हैं, जिसमें बच्चों की परफॉरमेंस से लेकर स्कूल में मौजूद बिजली-पानी और अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी होती है।
- इंटरनेट की कमी के चलते बहुत से स्कूल इन तमाम जानकारियों को नहीं भर पाए हैं। शिक्षा विभाग विद्या समीक्षा केंद्र ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है, जिसमें रियल टाइम डाटा भरा जाएगा, अगले छह माह में सारी जानकारियां इसमें भर दी जाएंगी।
बिहार Switch to English
‘मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना’ के तहत हायरिंग मोबाइल ऐप लॉन्च
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को बिहार के सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने ‘मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना’ के तहत हायरिंग मोबाइल ऐप को लॉन्च किया। इस ऐप के ज़रिये किसान घर-बैठे अपने मोबाइल से कृषि उपकरणों की बुकिंग करा सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जो पूरी तरह से सरकारी ऐप विकसित कर लघु और सीमांत किसानों को भाड़े पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराएगा।
- टैक्सी सर्विस लेने के लिये शहरों में लोग जिस तरह ऑनलाइन ऐप यूज़ करते हैं, उसी तरह बिहार के 1 करोड़ 80 लाख किसान अपने खेत की जुताई के लिये ट्रैक्टर मँगा सकेंगे।
- पैक्स बाज़ार रेट से कम दर पर किसान को भाड़े पर टैक्टर ही नहीं बल्कि 31 प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध कराएगा।
- सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के माध्यम से पंचायत स्तर पर चयनित पैक्स में कृषि उपकरण बैंक स्थापित किया गया है, इसके माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि संयंत्रों की सेवा प्रतिस्पर्धी दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।
- किसान निर्धारित किराये पर आधुनिक कृषि यंत्रों की सेवा अपनी सुविधा के अनुसार हासिल करेंगे। किसानों की सुविधा के लिये सहकारिता विभाग के टॉल फ्री नंबर 1800 1800 110 सुगम पर भी कृषि उपकरणों की बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में 2828 पैक्सों को यह सुविधा मिलेगी।
- सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी ने ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री हरित कृषि योजना में प्रत्येक चयनित पैक्स को 15 लाख रुपए प्रति पैक्स की दर से योजना राशि 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ऋण के रूप में उपलब्ध कराई गई है।
राजस्थान Switch to English
‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 45 योजनाओं के लिये 628 करोड़ रुपए की स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत प्रदेशभर में 45 योजनाओं के लिये 628 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस स्वीकृति से जल जीवन मिशन के अंर्तगत प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यों को गति मिलेगी तथा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो सकेंगे, जिससे गाँव-ढाणी तक लोगों को नल से जल उपलब्ध हो सकेगा।
- इस स्वीकृति के अंतर्गत प्रदेश के करौली ज़िले में 12 योजनाएँ, बीकानेर एवं उदयपुर में 6-6, जैसलमेर तथा पाली में 4-4, हनुमानगढ़ में 3 और अलवर, राजसमंद, सवाई माधोपुर ज़िले में 2-2 तथा श्रीगंगानगर, डूँगरपुर, सीकर, बांसवाड़ा में 1-1 योजना क्रियान्वित की जा सकेंगी। कार्यों के पूर्ण होने पर इन क्षेत्रों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिये दिसंबर, 2019 में दिशा-निर्देश जारी हुए थे। इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को मार्च, 2024 तक शुद्ध पेयजल के लिये कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था, जिसकी प्राप्ति पर हर व्यक्ति को निर्धारित गुणवत्ता वाला पेयजल नियमित रूप से उपलब्ध होगा।
- विदित है कि राजस्थान में वर्तमान में लगभग 27 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुँच रहा है तथा प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार को नल से जल पहुँचाने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मध्य प्रदेश Switch to English
कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित हुए बुनकर
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा हावकरण बुनाई के लिये राज्यस्तरीय कबीर बुनकर पुरस्कार 2020-21 एवं 2021-22 तथा उत्कृष्ट हस्तशिल्प के सृजन के लिये राज्यस्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार 2021-22 सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- भोपाल हाट में आयोजित समारोह में शिल्पियों को सम्मान स्वरूप शॉल, प्रमाण-पत्र, ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया।
- इस दौरान आयुक्त हथकरघा सह-प्रबंध संचालक संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम भोपाल अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि शिल्पियों और बुनकरों की पुरस्कृत कृतियों की प्रदर्शनी भी समारोह-स्थल पर लगाई जाएगी।
- इस समारोह में 6 बुनकरों तथा 6 शिल्पियों को सम्मानित किया गया है। वर्ष 2020-21 का कबीर बुनकर प्रथम पुरस्कार चंदेरी के वसीम मोहम्मद, द्वितीय पुरस्कार चंदेरी की रेखाबाई कोली एवं तृतीय पुरस्कार महेश्वर के मूलचंद श्रवणेकर को दिया गया।
- वर्ष 2021-22 का कबीर बुनकर प्रथम पुरस्कार चंदेरी के मोहम्मद वसीम, द्वितीय पुरस्कार बागोर ज़िला शिवपुरी के महेश कोली एवं तृतीय पुरस्कार चंदेरी के राजू पंथी को दिया गया।
- प्रथम पुरस्कार के लिये एक लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार के लिये 50 हज़ार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार के लिये 25 हज़ार रुपए के चेक प्रदान किये गए।
- इसी प्रकार हस्तशिल्प के लिये वर्ष 2021-22 का विश्वकर्मा प्रथम पुरस्कार उज्जैन के मोहम्मद अहसान छीपा, द्वितीय पुरस्कार भोपाल के हीरामन उवती एवं तृतीय पुरस्कार भोपाल के धर्मेंद्र रोहर को दिया गया।
- इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन श्रेणी में 3 पुरस्कार हयात गुट्टी, इकबाल एवं बनवारीलाल झारिया को दिये गए।
- विश्वकर्ता पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार के लिये राशि एक लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार के लिये 50 हज़ार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार के लिये 25 हज़ार रुपए की राशि दी गई। साथ ही प्रोत्साहन स्वरूप चयनित शिल्पियों को 15-15 हज़ार रुपए की राशि प्रदान की गई।
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