200 बिस्तरों वाले ‘मातृ एवं शिशु अस्पताल (एमसीएच) ब्लॉक’ के निर्माण की मंज़ूरी | हरियाणा | 05 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
- 2 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में 200 बिस्तरों वाले ‘मातृ एवं शिशु अस्पताल (एमसीएच) ब्लॉक’ के निर्माण को सैंद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने बताया कि एमसीएच ब्लॉक के अलावा एनएचएम के तहत राज्य के छह ज़िलों में एमसीएच विंग/ब्लॉक की स्थापना को मंज़ूरी दी गई है।
- इसके साथ ही, ज़िला सिविल अस्पतालों यानी पंचकूला, सोनीपत, पानीपत, फरीदाबाद और पलवल में पाँच एमसीएच ब्लॉकों की स्थापना प्रक्रिया में है।
- उन्होंने यह भी बताया कि चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज नलहड़ में एक एमसीएच ब्लॉक की स्थापना की जा रही है।
हरियाणा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद नियम, 2021 को स्वीकृति मिली | हरियाणा | 05 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
- 2 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद नियम, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- भू-राजस्व के बकाया के रूप में अवॉर्ड राशि की वसूली के प्रावधान को शामिल करने के लिये मसौदा नियम ‘हरियाणा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद नियम, 2021’ तैयार किया गया है।
- मामलों की सुनवाई के दौरान उत्पन्न होने वाली कानूनी जटिलताओं/मुद्दों से निपटने के लिये महाप्रबंधक, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढाँचा विकास निगम, पंचकूला के स्थान पर न्याय प्रशासन विभाग, हरियाणा के एक अधिकारी को शामिल करके परिषद की संरचना में भी बदलाव किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हरियाणा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद नियम, 2007 अधिसूचित किया था, जिसमें परिषद की संरचना और परिषद द्वारा अपने कार्यों के निर्वहन के लिये पालन की जाने वाली प्रक्रिया हेतु प्रावधान किया गया है।
‘वन टाइम सेटलमेंट योजना’ को मंज़ूरी | हरियाणा | 05 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
- 2 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की ‘विवादों का समाधान’ योजना के तहत हरियाणा में खनन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिये ‘वन टाइम सेटलमेंट योजना’ को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- सुचारू खनन सुनिश्चित करने और मुकदमेबाजी/विवादों को न्यूनतम करने के लिये सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में विवादों को समाधान की नीति के अंतगर्त लंबे समय से लंबित मुद्दों का निपटारा किया गया।
- ‘एकमुश्त निपटारा योजना’ के माध्यम से राज्य सरकार ने निम्नलिखित के निपटारे का निर्णय लिया है-
- पर्यावरण मंज़ूरी प्राप्त करने से पहले की अवधि के लिये देय राशि और संचालन के लिये सहमति।
- खनिज रियायतग्राहियों को क्षेत्र के विवादों से उत्पन्न मुद्दों पर कठिनाई, स्थानीय गड़बड़ी, खनिज की गुणवत्ता, बाजार की स्थिति, आर्थिक रूप से अव्यवहार्य होने वाले कार्यों आदि से उत्पन्न मुद्दों पर कठिनाइयों का सामना करने पर आवेदन समर्पण करे।
- निलंबन अवधि के लिये बकाया।
- समझौते का निष्पादन न होना।
- पर्यावरण मंज़ूरी से इनकार।
- अनुबंध के पोस्ट अवॉर्ड क्षेत्र के नियमों में जहाँ कहीं प्रतिबंध/संशोधन करने की आवश्यकता होगी, वहाँ वार्षिक अनुबंध राशि/डेड रेंट के मामलों में कमी की जाएगी।
- सीटीई/सीटीओ की अवधि के लिये देय राशि से इनकार किया गया है।
- बकाया राशि के भुगतान पर ब्याज राशि में एकमुश्त राहत।