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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Sep 2023
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6 और अस्पतालों में शुरू हुई ‘जीविका दीदी की रसोई’ योजना

चर्चा में क्यों?

4 सितंबर, 2023 को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य के दो मेडिकल कॉलेज के साथ चार अनुमंडलीय अस्पतालों में मरीज़ों के लिये ‘जीविका दीदी की रसोई’ कार्यक्रम को लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु

  • जीविका एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के बीच हुए समझौता के तहत जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल मधेपुरा एवं भगवान महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नालंदा (पावापुरी) के शुभारंभ के साथ अनुमंडलीय अस्पताल राजगीर, दानापुर, धमदाहा और फारबिसगंज में ‘जीविका दीदी की रसोई’ का शुभारंभ किया गया।
  • वर्तमान में बिहार सरकार और जीविका के संकल्प के अधीन विभिन्न विभागों और समुदाय आधारित संगठनों के साथ सहयोग से कुल 106 जीविका दीदी की रसोइयों को सफलतापूर्ण संचालित किया जा रहा है।
  • इस पहल के अंतर्गत लगभग 100 ग्रामीण दीदी एवं उनके परिवार के सदस्यों को रोज़गार उपलब्ध होगा तथा यह उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक बनेगें।
  • इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका दीदी की रसोई बिहार सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है। इसका उद्देश्य रोगियों और उपभोक्ताओं को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्ता वाला खाना प्रदान करना है।
  • इस महत्त्वपूर्ण पहल के परिणामस्वरूप लगभग 1600 महिलाएँ और उनके परिवार के सदस्यों के जीविकोपार्जन में मूलभूत परिवर्तन देखा गया है।
  • उल्लेखनीय है कि बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा जीविका दीदी की रसोई के संचालन की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।


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स्वास्थ्य विभाग ने 27 वर्षों बाद राज्य में नई ड्रग पॉलिसी का बुकलेट जारी किया

चर्चा में क्यों ?

  • 4 सितंबर, 2023 को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 27 वर्षों बाद राज्य में नई ड्रग पॉलिसी का बुकलेट जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • नई ड्रग पॉलिसी के आने के बाद राज्य के नागरिकों को समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये दवाओं और चिकित्सा सामग्रियों की सरकारी अस्पताल में आवश्यकता आधारित उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही दवाओं की एक्सपाइरी और क्षतिग्रस्त होने की संभावना को न्यून कर दिया जाएगा।
  • इस नीति में एक्सपायर और क्षतिग्रस्त दवाओं के नष्ट करने संबंधी दिशा-निर्देश भी तैयार किये गए है।
  • नई ड्रग पॉलिसी में दवाओं की आवश्यकता का आकलन कर अधियाचना करने की नीति तैयार की गई है। अब सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ईडीएल की सभी प्रकार की दवाओं की निरंतर उपलब्धता के लिये आवश्यकता आधारित आकलन कर मांग करने की ज़िम्मेदारी सरकारी अस्पतालों के अधीक्षक, उपाधीक्षक और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को करना है।
  • अस्पतालों को अपनी आवश्यकता के अनुसार दवाओं की मांग की तिथि भी निर्धारित कर दी गयी है। अब अस्पताल 1 से 10 जनवरी के बीच अप्रैल, मई और जून के लिये आवश्यक दवाओं की मांग कर सकेंगे। इसी प्रकार 1 अप्रैल से 10 अप्रैल तक जुलाई, अगस्त व सितंबर की दवाओं की मांग की जाएगी अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर की दवाओं की मांग 1 से 10 जुलाई के बीच की जाएगी।
  • जनवरी, फरवरी और मार्च की दवाओं की मांग अस्पताल के अधीक्षक 1 से 10 अक्तूबर के बीच बीएमएसआईसीएल को भेज देंगे।
    प्रभारियों को एक्सपायर होने वाली दवाओं का अलर्ट भेजा जाएगा। वैसी दवाएँ, जो निकट भविष्य में खराब होने वाली हैं, उनसे संबंधित सूचना संस्थान के प्रबंधक, निदेशक, अधीक्षक, उपाधीक्षक, प्रभारी मेडिकल अफसर को एसएमएस, वाट्सएप और ई-मेल के ज़रिये भेजी जाएगी।




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