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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Sep 2022
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मनरेगा में मेट मज़दूरी अब 240 रुपए प्रति दिवस

चर्चा में क्यों?

4 सितंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मनरेगा में मेट मज़दूरी बढ़ाने के लिये ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। प्रदेश में कार्यरत् मेटों को अब प्रति दिवस 240 रुपए मिलेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान में नियोजित मेट की प्रति दिवस मज़दूरी में बढ़ोतरी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत की गई है।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंज़ूरी से वर्ष 2022-23 हेतु मनरेगा योजनांतर्गत नियोजित मेटों की मज़दूरी दर 235 रुपए प्रति दिवस से बढ़ाकर 240 रुपए प्रति दिवस की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि मनरेगा में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अर्द्धकुशल श्रमिकों (मेट) पर किये गए व्यय को सामग्री की श्रेणी में माना जाता है। सामग्री व्यय का 75 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा तथा 25 प्रतिशत राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
  • केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य के लिये प्रतिवर्ष अकुशल श्रमिक की मज़दूरी दर अधिसूचित की जाती है। अकुशल श्रमिक के भुगतान की संपूर्ण राशि श्रम मद में केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है।
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005 के अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना का संचालन राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, द्वारा किया जा रहा है।
  • ऐसे ग्रामीण परिवार, जिनके पास रोज़गार के पर्याप्त साधन अपने स्वयं के गाँव में उपलब्ध नहीं है, से जुड़ा हुआ तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला यह कार्यक्रम सामान्य भाषा में महात्मा गांधी नरेगा योजना के नाम से अधिक प्रचलित है।
  • महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2 फरवरी, 2006 से लागू हुआ तथा चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया गया। पहले चरण में इसे राज्य के 6 ज़िले यथा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, सिरोही एवं उदयपुर में लागू किया गया।
  • द्वितीय चरण में वर्ष 2007-08 से इसे राज्य के 6 अन्य ज़िलों यथा बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, जालोर, टोंक एवं सवाई माधोपुर में लागू किया गया। तृतीय एवं अंतिम चरण के रूप में इसे राज्य के शेष सभी ज़िलों में लागू किया गया।

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राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2022 को राजस्थान के उद्योगों के निर्यात संबंधी विषयों की मॉनिटरिंग व उनसे संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिये राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (राजसिको) के चेयरमैन राजीव अरोड़ा को काउंसिल का पहला निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। वहीं महावीर प्रसाद शर्मा को वाइस चेयरमैन व अनिल कुमार बख्शी, संजीव अग्रवाल,  अनिल अग्रवाल,  रवि पोद्दार और एसएन मोदानी को निदेशक बनाया गया है। काउंसिल में 21 संस्थापक सदस्य, 7 निदेशक, एक वाइस चेयरमैन व एक चेयरमैन चुने गए हैं।
  • अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने काउंसिल की पहली बैठक में कहा कि काउंसिल का मूल उद्देश्य प्रदेश में निर्यात को बढ़ाना है। राज्य सरकार की सहज औद्योगिक नीतियों के चलते पिछले 4 वर्षों में निर्यात में लगभग 37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है व निर्यात में क्वांटम जंप आया है। काउंसिल में अधिक-से-अधिक सदस्यों को जोड़ना प्रथम लक्ष्य है, ताकि छोटे-से-छोटे उत्पादक से लेकर बड़े-से-बड़े निर्यातक को इसका लाभ मिल सके।
  • उन्होंने बताया कि काउंसिल के ज़रिये निर्यातकों की हर परेशानी को दूर किया जाएगा। सभी प्रकार के मामलों को काउंसिल अपने स्तर पर हैंडल करेगी और जो भी प्रभावित कंपनी होंगी उनसे बात कर मामलों का निस्तारण करेगी। काउंसिल की मंशा राज्य के सभी उद्योगों के उत्पाद का एक्सपोर्ट के लिये प्रमोशन करना है, ताकि कोई भी क्षेत्र अधूरा नहीं रह जाए।
  • उद्योग आयुक्त महेंद्र कुमार पारख ने कहा कि राज्य में औद्योगिक एवं निर्यात विकास के लिये काउंसिल का गठन किया गया है। काउंसिल में हैंडीक्राफ्ट, जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, एग्रो प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग के उत्पादों को शुरुआती दौर में बढ़ावा दिया जाएगा। 

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