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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Sep 2022
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ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर

चर्चा में क्यों?

4 सितंबर, 2022 को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बताया गया कि अब स्वीकृत भार से अधिक भार और अनधिकृत विद्युत के उपयोग की रोकथाम के लिये नवीनतम तकनीक पर आधारित ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे।

प्रमुख बिंदु

  • ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगने से उपभोक्ताओं द्वारा स्वीकृत भार से अधिक भार अथवा अनधिकृत विद्युत का उपयोग करने पर ये वितरण ट्रांसफॉर्मर स्वत: ही बंद हो जाएंगे और बिजली सप्लाई भी रुक जाएगी।
  • कंपनी द्वारा संबंधित क्षेत्र में अपने रिकॉर्ड में दर्ज उपभोक्ताओं की संख्या और उनके वैध स्वीकृत भार के आधार पर निर्धारित क्षमता के ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे, जिससे संबंधित क्षेत्र में अनधिकृत विद्युत का उपयोग संभव नहीं होगा।
  • कंपनी ने बताया कि भोपाल के छोला ज़ोन में 100 केवीए का ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। साथ ही, नर्मदापुरम में मूंग की फसल वाले क्षेत्रों में ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं। इससे वितरण ट्रांसफॉर्मर फेल होने पर अंकुश लगा है। साथ ही, वैध कनेक्शन की संख्या में वृद्धि हुई है तथा कंपनी के राजस्व में भी इजाफा हुआ है।
  • कंपनी ने बताया है कि सीहोर वृत्त में एक वितरण केंद्र, जहाँ ट्रांसफॉर्मर फेल होने की दर अधिक थी, वहाँ सभी क्षेत्रों में ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू कर वितरण ट्रांसफॉर्मर बदले जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॅार्मर से मिलने वाले परिणामों की समीक्षा के बाद कंपनी के अन्य ज़िले भिंड, मुरैना एवं ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जाएगा।
  • ऑटो कटऑफ वितरण ट्रांसफॉर्मर लगने से वैध उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होने के साथ ही एक ओर जहाँ अनधिकृत विद्युत उपयोग की रोकथाम होगी, वहीं दूसरी ओर कंपनी के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में चौथी बार मध्य प्रदेश देश में प्रथम

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान बताया कि मध्य प्रदेश लगातार चौथे वर्ष प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अमल में वर्ष 2021-22 के लिये राष्ट्रीय स्थान पर प्रथम रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना में मध्य प्रदेश 30 लाख से अधिक हितग्राहियों के पंजीयन, 1294 करोड़ की राशि वितरण और वर्तमान वित्त वर्ष में अगस्त माह तक 2 लाख 26 हज़ार 306 हितग्राहियों को लाभान्वित कर देश में अव्वल है।
  • बैठक में ‘एडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’की समीक्षा के दौरान बताया गया कि आँगनवाड़ी केंद्रों के लिये प्रदेश में खिलौने, अन्य सामग्री सहित 25 करोड़ का जन-सहयोग मिला है। आँगनवाड़ी केंद्रों के लिये आउटडोर खेल सामग्री झूला और फिसलपट्टी आदि का प्रदाय हुआ है। डेढ़ हज़ार से अधिक केंद्र का आदर्श आँगनवाड़ी केंद्र के रूप में उन्नयन किया गया है। बच्चों के लिये जूते-चप्पल और स्वच्छता किट का भी प्रदाय हुआ है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम प्रसव की पात्र गर्भवती महिला और धात्री माता को 5 हज़ार रुपए की राशि और द्वितीय प्रसव में बालिका के जन्म पर शिशुवती माता को 6 हज़ार रुपए की राशि दिलवाने का कार्य प्राथमिकता से किया गया है। इसी प्रकार कम वज़न वाले बच्चों का कुपोषण दूर करने के प्रयासों में भी मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है।
  • प्रदेश में सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 0 में 6 माह से तीन साल आयुवर्ग के 30 लाख बच्चे पूरक पोषण आहार का लाभ ले चुके हैं। इसी तरह 10 लाख 81 हज़ार गर्भवती और धात्री माताएँ भी लाभान्वित हो चुकी हैं।
  • मध्य प्रदेश में टेक होम राशन का लाभ 38 लाख से अधिक हितग्राही ले चुके हैं। वर्तमान में पोषण ट्रैकर पर 71 लाख 20 हज़ार हितग्राहियों का आधार सत्यापन भी पूरा हो चुका है। प्रदेश में 13 संयंत्रों से टेक होम राशन उत्पादन का कार्य हो रहा है। नाश्ता एवं गर्म पका भोजन की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हज़ार से अधिक सांझा चूल्हा समूहों द्वारा की जा रही है।
  • शहरी क्षेत्रों में भी 2 हज़ार से अधिक समूह यह कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के 85 हज़ार से अधिक आँगनवाड़ी केंद्रो में पोषण कॉर्नर स्थापित हुए हैं। साथ ही पोषण वाटिकाएँ भी निर्मित की गई हैं।
  • मध्य प्रदेश में कम वज़न के बच्चों का कुपोषण दूर करने के मामले में प्रदेश राष्ट्रीय रैंकिंग में दूसरे क्रम पर, दुबलेपन के कारण कम वज़न की समस्या के समाधान में तीसरे क्रम पर और ठिगनेपन के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण की दृष्टि से राष्ट्रीय रैंकिंग में छठवें क्रम पर है।
  • कम वज़न के बच्चों की संख्या में जहाँ देश में 7 प्रतिशत की गिरावट हुई है, वहीं प्रदेश में यह गिरावट सर्वाधिक 9.8 प्रतिशत दर्ज हुई है। इसी तरह दुबलेपन के कारण कुपोषण की समस्या में देश में 1.7 प्रतिशत की कमी लाई गई है, वहीं मध्य प्रदेश में 6.8 प्रतिशत कमी लाने में सफलता मिली है। ठिगनेपन के मामलों में भी देश में 3 प्रतिशत की कमी के मुकाबले मध्य प्रदेश में 6.3 की कमी लाने में सफलता मिली है।
  • समीक्षा  बैठक में लाडली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन की जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक योजना में 43 लाख बालिकाओं को लाभ मिला है। लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 में कक्षा 6, 9, 11 और 12 की चार लाख 87 हज़ार 731 बालिकाओं को छात्रवृत्ति की राशि मिली है।  

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