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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Sep 2022
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मुख्यमंत्री ने किया 2 नवगठित ज़िलों का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़ के खेल भांठा मैदान में आयोजित विशाल समारोह में राज्य के 30वें ज़िले ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ तथा खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 31वें ज़िले ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 2 सितंबर को 29वें ज़िले मोहला-मानपुर-चौकी का शुभारंभ किया गया था।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नए ज़िले ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिये 540 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात भी दी, जबकि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ज़िले के शुभारंभ कार्यक्रम में 364 करोड़ 56 लाख रुपए के विकास कार्यों की सौगात के साथ ही 213 हितग्राहियों को शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 37 लाख 48 हज़ार रुपए की सामग्री एवं अनुदान सहायता राशि प्रदान की।
  • नवगठित ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़ का ज़िला मुख्यालय सारंगढ़ है। यहाँ रियासतकालीन समय से हवाई पट्टी स्थित है। ज़िला मुख्यालय सारंगढ़ छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व से तहसील मुख्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुख्यालय है।
  • विदित है कि बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले ज़िला रायगढ़ के उप खंड सारंगढ़, तहसील सारंगढ़ एवं बरमकेला तथा रायपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले ज़िला बलौदाबाजार-भाटापारा के उप खंड-बिलाईगढ़ तथा तहसील बिलाईगढ़ को शामिल करते हुए नए ज़िले सारंगढ़-बिलाईगढ़ का गठन किया गया है, जिसमें तीन तहसील सारंगढ़, बरमकेला एवं बिलाईगढ़ एवं उप तहसील कोसीर तथा भटगाँव शामिल होंगे।
  • नवगठित ज़िले में तीन जनपद पंचायत सारंगढ़, बरमकेला व बिलाईगढ़ शामिल हैं। इस नवगठित ज़िले की सीमाएँ उत्तर में रायगढ़, दक्षिण में महासमुंद ज़िले तथा पूर्व में ओडिशा के बरगढ़ ज़िले और पश्चिम में बलौदा बाज़ार तथा उत्तर-पश्चिम में जांजगीर-चांपा ज़िले से लगी हुई हैं।
  • नवगठित ज़िले में रामनामी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। महानदी सारंगढ़-बिलाईगढ़ ज़िले की मुख्य नदी है। वहीं ज़िले की सारंगढ़ तहसील में स्थित गोमर्डा अभयारण्य सैलानियों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। सारंगढ़ का दशहरा-उत्सव बस्तर-दशहरा की भाँति बहुत प्रसिद्ध है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 6 लाख 17 हज़ार 252 है। 759 ग्राम, 349 ग्राम पंचायत, 5 नगरीय निकाय हैं, जिनके अंतर्गत 20 राजस्व निरीक्षक मंडल शामिल है, जिनमें सारंगढ़, हरदी, सालर, कोसीर, छिंद, गोड़म, उलखर, बरमकेला, गोबरसिंघा, देवगाँव, डोंगरीपाली, सरिया, बिलाईगढ़, पवनी, गोविंदवन, जमगहन, भटगाँव, गिरसा, बिलासपुर एवं सरसीवा शामिल हैं।
  • इसका कुल राजस्व क्षेत्रफल 1 लाख 65 हज़ार 14 हेक्टेयर है एवं 2518 राजस्व प्रकरण की संख्या है। वर्तमान में नवीन ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1406 स्कूल, 7 कॉलेज, 33 बैंक, 3 परियोजना, 141 स्वास्थ्य केन्द्र, 10 थाना एवं 2 चौकी स्थापित हैं।
  • इसी प्रकार नवगठित ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ ज़िला दुर्ग संभाग के अंतर्गत आता है। इसकी जनसंख्या 3 लाख 68 हज़ार 444 है। कुल ग्रामों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं। दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गंडई-छुईखदान होंगे। तीन तहसील गंडई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे, वहीं 2 विकासखंड छुईखदान एवं खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल होंगे। इस नवीन ज़िले में 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पंचायतें है।
  • इस नवीन ज़िले के उत्तर में कबीरधाम ज़िला, दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़ व तहसील राजनांदगांव (राजनांदगांव ज़िला), पूर्व में तहसील साजा (बेमेतरा ज़िला) एवं तहसील धमधा (दुर्ग ज़िला) और पश्चिम में तहसील लांजी ज़िला- बालाघाट (मध्य प्रदेश) की सीमाएँ लगी हैं। खनिज और संसाधनों से समृद्धि होने तथा ज़िला बनने से यहाँ औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
  • नया ज़िला बन जाने से नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और कई महत्त्वपूर्ण कार्य आसानी से होंगे। प्रशासनिक विकेंद्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा। बुनियादी सुविधाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगों तक आसानी से उपलब्ध होंगी और सुविधाओं का विस्तार होगा।
  • वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी से होगा। रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशासनिक कार्यों में कसावट लाने एवं आम जनता को सहूलियत पहुँचाने के उद्देश्य से प्रदेश में चार नए ज़िलों के गठन की घोषणा की थी।

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खैरागढ़ में छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ में प्रदेश के सबसे बड़ी आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की इस भव्य और शानदार आर्ट गैलरी में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिये रखा गया है। विश्वविद्यालय के चित्रकला, मूर्तिकला, ग्राफिक्स, क्राफ्ट एंड डिज़ाइन तथा लोक संगीत एवं कला संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित उत्कृष्ट कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिये रखा गया है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कुलपति डॉ. चंद्राकर के निर्देश पर इस आर्ट गैलरी को सरगुजा ज़िले की विश्वप्रसिद्ध लोकचित्र कलाकार स्व. सोनाबाई रजवार को समर्पित किया गया है। आर्ट गैलरी का नाम उन्हीं के नाम पर सोना बाई रजवार आर्ट गैलरी रखा गया है।
  • इस कला प्रदर्शनी को डॉ. योगेन्द्र चौबे (अधिष्ठाता, लोक संगीत एवं कला संकाय), व्यंकट गुडे, डॉ. रवि नारायण गुप्ता, डॉ. विकास चंद्रा, डॉ छगेन्द्र उसेंडी, संदीप किंडो की देखरेख और मार्गदर्शन में पूर्ण किया गया है।
  • इस आर्ट गैलरी की खास बात यह है कि एक अवलोकन में ही संपूर्ण छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को देखा जा सकता है। 

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