200 साल में पहली बार मसूरी को मिला पूर्ण तहसील का दर्जा | उत्तराखंड | 05 Aug 2023
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड कैबिनेट ने पहाड़ों की रानी मसूरी को तहसील बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। तहसील बनने के बाद शहर के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी और शहर की प्रशासनिक व्यवस्था मज़बूत होगी।
प्रमुख बिंदु
- इतिहासकार जयप्रकाश उत्तराखंडी ने बताया कि मसूरी की स्थापना के दो सौ साल में कभी पूर्ण तहसील नहीं रही। ब्रिटिश काल में मेरठ से कमिश्नरी संचालित होती थी। 1840 से शहर मजिस्ट्रेट की तैनाती हो गई थी।
- उस समय जो सुविधाएँ इंग्लैंड में होती थीं, वह सभी सुविधाएँ अंग्रेज़ों ने मसूरी में उपलब्ध कराईं। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिये अंग्रेज़ों ने 1850 में मसूरी सिटी बोर्ड का गठन किया था। अब मसूरी को सरकार ने तहसील का दर्जा दिया है।
- पहाड़ी स्टेशनों की रानी मसूरी इसकी प्राकृतिक सुंदरता, सामाजिक जीवन और मनोरंजन के लिये प्रसिद्ध है। देहरादून से 38 किलोमीटर दूर मसूरी अपनी हरी पहाड़ियों और विविध वनस्पतियों एवं जीवों के साथ एक आकर्षक हिल स्टेशन है।
काशी विश्वनाथ, महाकाल की तर्ज़ पर बनेगा हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर | उत्तराखंड | 05 Aug 2023
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड कैबिनेट ने काशी विश्वनाथ, महाकाल की तर्ज़ पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। साथ ही प्लान बनाने वाली कंपनी को ही गंगा कॉरिडोर का मास्टर प्लान बनाने के लिये चयनित करने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश शहर का पुनर्विकास किया जा रहा है। इसके लिये हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना तैयार की जाएगी।
- हरिद्वार में देवीपुरा से भूपतवाला (दूधाधारी चौक), हर की पैड़ी से 1.5 किलोमीटर परिधि का क्षेत्र, कनखल क्षेत्र (दक्ष मंदिर एवं संन्यास रोड), भूपतवाला से सप्तऋषि आश्रम (भारत माता मंदिर क्षेत्र) के क्षेत्र और ऋषिकेश में तपोवन का पूरा क्षेत्र, रेलवे स्टेशन के पास कोर क्षेत्र, आईएसबीटी के पास का क्षेत्र और त्रिवेणी घाट आदि के क्षेत्र को इस परियोजना में शामिल किया गया है।
- गंगा कॉरिडोर का काम ढाई साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये सरकार हरिद्वार, ऋषिकेश पुनर्विकास कंपनी लिमिटेड का गठन करेगी। परियोजना की प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति और परियोजना के अनुश्रवण के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी) का गठन किया जाएगा।