इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Aug 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

अतुल प्रसाद बने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग ने विकास आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए अतुल प्रसाद को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) का अध्यक्ष बनाए जाने के आशय की अधिसूचना जारी की।

प्रमुख बिंदु 

  • सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति की अधिसूचना 5 अगस्त से प्रभावी होगी। अतुल प्रसाद की कार्य अवधि पदभार की तारीख से छह वर्ष या फिर 62 वर्ष की उम्र सीमा तक होगी।
  • अतुल प्रसाद को बिहार लोक सेवा आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष आर.के. महाजन के स्थान पर आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है। आर.के. महाजन का कार्यकाल 4 अगस्त, 2022 को समाप्त हो गया है।
  • अतुल प्रसाद विकास आयुक्त के पद से इसी साल सेवानिवृत्त हुए हैं। इस प्रकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर अधिकारियों को बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की परंपरा इस बार भी जारी रही।
  • निवर्तमान अध्यक्ष आर.के. महाजन बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने से पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। उनके पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद शिशिर सिन्हा को बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।

राजस्थान Switch to English

पाँच दिवसीय ‘हथकरघा उत्सव’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

3 अगस्त, 2022 को राजस्थान के उद्योग विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने ‘हथकरघा उत्सव’ का शुभारंभ किया। यह उत्सव 7 अगस्त तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर वीनू गुप्ता ने पश्चिम बंगाल, बाड़मेर, कोटा और बनारस के बुनकरों के साथ बातचीत की तथा जामदानी साड़ी, पट्टू, कोटा डोरिया और बनारसी साड़ी का लाइव प्रदर्शन भी देखा।
  • उन्होंने कार्यक्रम में परंपरागत हथकरघा बुनकरों को सम्मानित किया। कोटा ज़िले के कैथून से हसीना बानो, अजमेर ज़िले के जूनिया से मीना देवी, कालूराम और मनोहर लाल तथा धनाउ, बाड़मेर से मोडा राम को इस अवसर पर उनकी रचनात्मकता के लिये सम्मानित किया गया।
  • गौरतलब है कि 8वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, 2022 के अवसर पर राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम द्वारा डिज़ाइन रिसोर्स सेंटर तथा बुनकर सेवा केंद्र के सहयोग से ‘हथकरघा उत्सव’ मनाया जा रहा है।
  • कार्यक्रम के तहत विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के क्रिएटिव डिज़ाइन विभागों की भागीदारी के साथ पाँच दिवस तक वीव-वॉक, वीव-टॉक, हैंडलूम क्विज़, पैनल डिस्कशन जैसी विभिन्न गतिविधियाँ राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम के सी-स्कीम स्थित कार्यालय परिसर में आयोजित होंगी।
  • इस कार्यक्रम में निगम द्वारा आमजन के लिये बिक्री हेतु 25 प्रतिशत की विशेष छूट के साथ राज्य के बुनकरों के उम्दा हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि हथकरघा बुनकरों को सम्मानित करने और राष्ट्र के सामाजिक विकास में हथकरघा उद्योग के महत्त्व के बारे में जागरुकता पैदा करने तथा हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। हथकरघा पर्यावरण के अनुकूल है और जीवनयापन करने का एक व्यवहार्य तरीका है।

राजस्थान Switch to English

माइनिंग, ऑयल और गैस कॉन्क्लेव

चर्चा में क्यों?

3 अगस्त, 2022 को राजस्थान के जयपुर ज़िले के होटल मैरियट में एकदिवसीय माइनिंग, ऑयल एवं गैस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने किया। उन्होंने कहा कि विगत साढ़े तीन साल में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में तेज़ी से काम हुआ है और खनिज खोज, नए प्रधान एवं अप्रधान खनिजों के प्लॉट विकसित कर नीलामी करने से लेकर राजस्व अर्जन तक उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाया गया है।
  • इस कॉन्क्लेव में ‘हाइड्रोकार्बन सिनेरियो- अवसर एवं चुनौतियाँ’ सत्र में पैनल डिस्कशन में भारत एवं राजस्थान में हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र और राजस्थान स्थित बाड़मेर रिफाइनरी का प्रदेश के विकास में योगदान एवं पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में तेज़ी से हो रहे विकास पर मंथन किया गया। इस सत्र में देश व प्रदेश के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सिनेरियो एवं भावी संभावनाओं पर चर्चा की गई।
  • एक अन्य सत्र में ट्रेंड्स एंड आइडियाज इन माइंस एंड मिनरल सेक्टर पर भारत और राजस्थान की खनिज संपदा एवं सामाजिक तथा आर्थिक विकास में योगदान पर चर्चा हुई। इसके साथ ही तकनीक और नवाचारों से इस क्षेत्र में सस्टेनेबल माइनिंग द्वारा बेस्ट आउटकम पर मंथन किया गया।
  • कॉन्क्लेव के सीमलेस गैस ड्रिस्ट्रीब्यूशन एंड पाइपलाइन नेटवर्क सत्र में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क (सीजीडी) विकसित करने के प्रयासों के साथ ही भूमिगत गैस पाइपलाइन डालने, प्रेशर रेगुलेटिंग स्टेशन और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हुआ।
  • खान मंत्री ने कहा कि प्रदेश की नई खनिज नीति अधिक अग्रगामी, माइनिंग सेक्टर को तेज़ी से प्रमोट करने वाली और समाज के सभी वर्गों को माइनिंग से जोड़ने वाली होगी। नई खनिज नीति में एससी, एसटी, महिलाओं, विशेष योग्यजन, बेरोज़गार टेक्नोक्रेट युवाओं आदि के लिये माइनिंग आवंटन प्रक्रिया में आरक्षण होगा।
  • राज्य में माइनिंग सेक्टर से आमनागरिकों को जोड़ने के प्रावधान किये जा रहे हैं। प्रधान और अप्रधान खनिज क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये ही पहली बार राजस्थान को द्वितीय पुरस्कार और तीन करोड़ 80 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया है।
  • खनिज खोज कार्य को गति देने के लिये आरएसएमईटी का गठन, बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड नीति लागू कर सरकारी निर्माण कार्य में 25 प्रतिशत एम सैंड के उपयोग, सिलिकोसिस नीति आदि लागू कर कार्यों को गति दी जा रही है।
  • राजस्थान में तेल और गैस सेक्टर की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि चार बेसिनों में विभाजित 14 ज़िलों में प्रचुर मात्रा में ऑयल व गैस की 11 लीज़ स्वीकृत हैं। प्रदेश में एक लाख 9 हज़ार बैरल खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है।
  • एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खनिज भंडार की दृष्टि से राजस्थान यूनिक प्रदेश बन गया है। यहाँ लेड, जिंक, बोलेस्टाइन, कॉपर, यूरेनियम, पोटाश, लाइमस्टोन, आयरन ओर, मैंगनीज़, गारनेट, जिप्सम, मार्बल, सैंड स्टोन आदि के विपुल भंडार है। यूरेनियम खोज के साथ ही राजस्थान विश्वपटल पर आ गया है, प्रचुर मात्रा में पोटाश के भंडार मिले हैं, आयरन ओर के जयपुर ज़िले के बागावास ब्लॉक की नीलामी देश में सर्वाधिक 452 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई है।
  • डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऑयल और गैस के कारण पश्चिम राजस्थान में रिव्यूलेशन आ गया है। राज्य में बाड़मेर की पर कैपिटा इनकम सबसे अधिक हो गई है। राजस्थान रिफाइनरी की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुर्ज खलीफा से 5 गुणा अधिक कंक्रीट और एफिल टॉवर से 40 गुणा अधिक स्टील का उपयोग होगा। आगामी 8 सालों में 96 लाख पाइपलाइन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का रोडमैप बनाया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजना ‘ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना’ के अनुबंध पर

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के अनुबंध पर हस्ताक्षर तथा ऊर्जा साक्षरता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोचन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एनएचडीसी लिमिटेड, एएमपी एनर्जी तथा एसजेवीएन लिमिटेड के साथ अनुबंध हस्ताक्षर तथा उनका आदान-प्रदान किया गया।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि 2027 तक मध्य प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 20 हज़ार मेगावाट होगी। मध्य प्रदेश को ‘हार्ट ऑफ इंडिया’ के साथ ‘लंग्स ऑफ इंडिया’ बनाने के मार्ग पर राज्य सरकार अग्रसर है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में वर्तमान में 10 फ्लोटिंग सोलर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर परियोजना जल पर बनने वाली विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना होगी। इसके प्रथम चरण में 278 मेगावाट की क्षमता स्थापित होगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन में भूमि की आवश्यकता नहीं है। परिणामस्वरूप किसी का भी विस्थापन नहीं होगा।
  • यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है कि जल आधारित परियोजना में बिज़ली का उत्पादन भूमि आधारित सोलर परियोजना की तुलना में अधिक होता है। पानी की सतह पर सौर पैनल लग जाने से पानी भाप बनकर नहीं उड़ेगा। इससे 60 से 70 प्रतिशत तक पानी को बचाया जा सकेगा।
  • मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परियोजना से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन-डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। यह एक करोड़ 52 लाख पेड़ लगाने के बराबर है।
  • उन्होंने कहा कि प्रदेश वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति नवीकरणीय ऊर्जा से करने के लिये मिशन मोड में कार्य कर रहा है। राज्य सरकार ने नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2022 का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया है।
  • प्रदेश में ग्रीन सिटी के विकास की अवधारणा को भी मूर्तरूप दिया जा रहा है। छतरपुर, मुरैना, आगर, शाजापुर और नीमच ज़िलों में सौर परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
  • ग्राम स्तर तक सोलर पैनल के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी शासकीय कार्यालयों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। चंबल के बीहड़ों की भूमि को सुधार कर क्षेत्र का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबलवार्म़िग और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना जन-भागीदारी से ही किया जा सकता है। ऊर्जा साक्षरता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोचन भी इसी उद्देश्य से किया गया है। अभियान में स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों और जन-साधारण को बिजली बचाने के लिये संवेदनशील एवं ज़िम्मेदारीपूर्ण व्यवहार हेतु प्रेरित और प्रशिक्षित करना होगा।
  • मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया ने कहा कि ओंकारेश्वर परियोजना जलवायु परिवर्तन की चुनौती के बीच ऊर्जा का सुरक्षित स्रोत है। इससे भूमि की भी बचत होगी, जिसका उपयोग प्रदेश में कृषि तथा अन्य उद्योगों की स्थापना में किया जा सकेगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा और उज़्बेकिस्तान ने एफएफसी पर किये हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को हरियाणा भवन, नई दिल्ली में हरियाणा और उज़्बेकिस्तान ने परस्पर सहयोग एवं द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से फ्रेमवर्क फॉर कोलैबोरेशन (एफएफसी) पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा सरकार की ओर से एफएफसी पर विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी तथा उज़्बेकिस्तान गणराज्य के फरगना क्षेत्र के उप-राज्यपाल इकबोलजोन एर्गाशेव द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
  • यह एफएफसी ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति, ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और अनुसंधान, कौशल विकास तथा व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों के माध्यम से फरगना और हरियाणा के मध्य परस्पर सहयोग बनाने में मदद करेगा।
  • इस अवसर पर योगेंद्र चौधरी ने कहा कि हरियाणा को ऑटोमोबाइल, शिक्षा, कौशल विकास, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में एक प्रमुख और अग्रणी राज्य बनाने के लिये मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विज़न को साकार करने और लागू करने में फ्रेमवर्क फॉर कोलैबोरेशन एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, यह आर्थिक और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये दोनों क्षेत्रों के बीच एक्सचेंज कार्यक्रमों को सुगम बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वैश्विक स्तर पर हरियाणा की पहचान बनाने और निवेशकों के लिये हरियाणा को पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने के दृष्टिगत विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है। विदेश सहयोग विभाग अपने ‘गो-ग्लोबल एप्रोच’ के माध्यम से विदेशों के साथ विभिन्न स्तरों पर परस्पर समझ और सहयोग स्थापित कर सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये निरंतर कार्य कर रहा है।

झारखंड Switch to English

झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 के प्रतीक चिह्न का अनावरण

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगामी 9 एवं 10 अगस्त, 2022 को राँची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होने वाले ‘झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022’ के प्रतीक चिह्न का अनावरण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार राँची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में ‘झारखंड जनजातीय महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है।
  • इस समारोह में उत्तर-पूर्व (North-East) के कलाकार भाग लेंगे। इस समारोह में जनजातीय इतिहास, साहित्य, मानवशास्त्र समेत अन्य विषयों पर संगोष्ठी, कला एवं संगीत, परिधान, फैशन शो, खान-पान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
  • कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मिज़ोरम समेत अन्य जनजातीय बहुल राज्य के कलाकारों को भाग लेने हेतु अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा आमंत्रित किया गया है।
  • कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह 9 अगस्त, 2022 को होगा। उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन होंगे, जबकि 10 अगस्त को आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होंगे। महोत्सव की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे।
  • इस दौरान मोरहाबादी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खाद्य-व्यंजन, कला एवं शिल्प की प्रदर्शनी आयोजित होगी। ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेमिनार और पैनल चर्चा मोरहाबादी हॉकी मैदान में संपन्न होगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने ‘बस्तर टाइगर’ किताब का किया विमोचन

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में शहीद स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की जयंती की पूर्व संध्या पर उनके जीवन पर आधारित किताब ‘बस्तर टाइगर’ का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • लेखकद्वय कुणाल शुक्ला व प्रीति उपाध्याय द्वारा लिखी गई इस किताब में बस्तर टाइगर के नाम से लोकप्रिय शहीद महेंद्र कर्मा के जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया गया है।
  • इस किताब के माध्यम से शहीद महेंद्र कर्मा के आदिवासियों के विकास के प्रति उनकी सोच और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी गहरी आस्था को पाठकों के समक्ष रखा गया है।
  • शहीद महेंद्र कर्मा, गांधी-नेहरू के विचारों से प्रेरित रहे। उन्होंने आजीवन बस्तर में शांति के लिये प्रयास किया। किताब में शहीद महेंद्र कर्मा के सलवा जुड़ूम को लेकर विचार पहली बार पाठकों के सामने प्रस्तुत किये गए हैं।
  • गौरतलब है कि महेंद्र कर्मा छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के नेता थे। वह 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम (Salwa Judum) आंदोलन के आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह राज्य गठन के बाद से अजीत जोगी सरकार कैबिनेट में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे।
  • 5 मई, 2013 को सुकमा में कॉन्ग्रेस द्वारा आयोजित परिवर्तन रैली से लौटते समय दरभा घाटी में महेंद्र कर्मा, तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विधायक उदय मुदलियर समेत 28 कॉन्ग्रेसी नेताओं की नक्सलियों ने हमला कर हत्या कर दी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

विश्व आदिवासी दिवस पर पारंपरिक खेल ‘मड़ई’ का आयोजन रायपुर में

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 7 और 8 अगस्त को विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों के पारंपरिक खेल ‘मड़ई’ का आयोजन राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • खेल मड़ई में विभिन्न जनजातीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल, जैसे- तीरंदाजी, गुलेल, मटका दौड़, गिल्ली-डंडा, गेड़ी-दौड़, भौंरा, फुगड़ी (बालिका वर्ग), बिल्ला (बालिका वर्ग), कबड्डी, रस्साखींच, सक्तल (पिठुल), भारा दौड़, बोरा-दौड़, सुई-धागा दौड़ (बालिका वर्ग), मुदी लुकावन (गोटी लुकावन), तीन टंगड़ी दौड़ तथा नौकायन (वयस्क वर्ग के लिये) आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
  • आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में बालक एवं बालिकाओं के लिये दो वर्ग 14 से 18 वर्ष आयु वर्ग और खुली प्रतियोगिता के अंतर्गत 18 वर्ष एवं उससे अधिक की महिला और पुरुष के लिये पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगे।
  • ज़िलास्तर पर अभिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विकासखंडों से खेलवार विशेष संरक्षित जनजातीय समुदायों से प्रवेश आमंत्रित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि ज़िलों में 22 से 28 जुलाई तक खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थीं। ज़िला स्तर से चयन के बाद 17 ज़िले के लगभग 700 प्रतिभागी इस राज्यस्तरीय आयोजन में शामिल होंगे।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2