कण्वाश्रम रेस्क्यू सेंटर प्रोजेक्ट | उत्तराखंड | 03 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
2 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में मानव वन्यजीव हमलों में लगातार हो रहे इजाफा को कम करने की कड़ी में लैंसडौन वन प्रभाग के कण्वाश्रम स्थित मृग विहार को मिनी चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित करने के लिये नए सिरे से कवायद शुरू की गई है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि प्रदेश में वन्यजीव हिंसक होकर आबादी क्षेत्र में लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसे में तमाम क्षेत्रों में हिंसक जानवरों (खासकर बाघ और गुलदार) को पकड़कर रेस्क्यू सेंटर भेजा जाता है, लेकिन प्रदेश में उपलब्ध रेस्क्यू सेंटर में अब शेड्यूल वन के इन प्राणियों को रखने के लिये जगह ही नहीं बची है। इसलिये अब सरकार नए रेस्क्यू सेंटर बनाने और पुरानों को विस्तार देने जा रही है।
- कण्वाश्रम स्थित मृग विहार को मिनी चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित करने के लिये सीजेडए से लगातार बातचीत की जा रही है। इसके अलावा दूसरे रेस्क्यू सेंटर को विस्तार देने की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं।
- करीब 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कण्वाश्रम स्थित मृग विहार के रेस्क्यू सेंटर में तबदील होने से वन विभाग की मुश्किलें काफी हद तक कम हो जाएंगी।
- विदित है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मृग विहार को मिनी जू और रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित करने के लिये पहल की थी। उस दौरान इस काम के लिये केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी गई थी।
- इसके बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) की ओर से इस मामले में औपचारिकताओं को पूरा के लिये कहा गया था, जो वक्त रहते वन विभाग की ओर से पूरी नहीं की गई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब वन विभाग की ओर से फिर से मृग विहार को मिनी चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित करने के लिये शासन के माध्यम से सीजेडए के साथ पत्राचार शुरू किया गया है।
- प्रदेश में राजधानी देहरादून में मालसी में स्थित देहरादून जू रेस्क्यू सेंटर को छोड़कर बाकी तीनों रेस्क्यू सेंटर हाउसफुल चल रहे हैं। इन रेस्क्यू सेंटर में एक भी शेड्यूल वन के वन्यजीव प्राणी को रखने की जगह नहीं है।
- अल्मोड़ा में स्थित चिड़ियाघर में पाँच और रेस्क्यू सेंटर में छह कुल 11 गुलदार को रखा गया है। यहाँ अब अन्य गुलदारों को रखने की जगह नहीं है।
- इसी तरह से हरिद्वार के चिड़ियापुर में स्थित रेस्क्यू सेंटर में 11 गुलदार को रखा गया है। यह भी हाउसफुल हो चुका है। नैनीताल चिड़ियाघर में स्थित रेस्क्यू सेंटर पहले ही फुल हो चुका है।
- देहरादून जू स्थित रेस्क्यू सेंटर में एक घायल गुलदार को रखा गया था, जिसे ठीक होने पर अब जंगल में छोड़ दिया गया है। फिलहाल रेस्क्यू सेंटर में एक भी गुलदार नहीं है। वैसे भी यहाँ मात्र दो ही गुलदार को रखा जा सकता है।