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स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Jul 2023
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बिहार Switch to English

बिहार बायोफ्यूल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को मिली स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को बिहार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये।

प्रमुख बिंदु

  • इस नीति के अंतर्गत बिहार सरकार राज्य में बायोफ्यूल्स उत्पादन के लिये प्लांट लगाने वालों को प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 15 प्रतिशत अनुदान देगी। यह अनुदान अधिकतम पाँच करोड़ तक होगा।
  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग की महिला, दिव्यांग, वार विडो, एसिड अटैक से पीड़ित व थर्ड जेंडर के उद्यमियों को प्लॉट एवं मशीनरी की लागत का 15.75 प्रतिशत और अधिकतम पाँच करोड़ 25 लाख रुपए दिया जाएगा।
  • कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि इस नीति के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिये इकाइयों को स्टैंड-1 क्लीयरेंस के आवेदन देने की अंतिम तिथि 30 जून, 2024 है।
  • साथ ही इन इकाइयों को 30 जून, 2025 तक वित्तीय प्रोत्साहन मंजूरी के लिये आवेदन करना होगा।
  • यह नीति संकल्प निर्गत होने की तिथि से 31 मार्च, 2028 तक प्रभावित रहेगी।
  • अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बायोफ्यूल्स के उत्पादन से जीवाश्म ईंधन के आयात पर राष्ट्रीय निर्भरता कम होगी। इसके फलस्वरूप विदेशी मुद्रा की बचत होगी। बायोफ्यूल्स के उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और किसानों को गन्ना एवं अनाज उत्पादन का शीघ्र भुगतान प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही कचरा को कंप्रेस्ड गैस में परिवर्तित करने की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे व्यापार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
  • इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन (वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 के तहत आवेदन करने वाली इकाइयों के लिये आवेदन की अंतिम तिथि विस्तारित करते हुए 30 जून, 2024 कर दिया है। पूर्व में 30 जून, 2023 निर्धारित थी।
  • कैबिनेट ने इकाइयों द्वारा वित्तीय मंजूरी के लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2025 करने की स्वीकृति दी है। बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन (वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 के लागू होने के बाद राज्य में कपड़े और चमड़े के क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहन मिला है।
  • कैबिनेट ने बिहार वास्तुविद सेवा नियमावली 2014 में संशोधन करते हुए संविदा पर नियोजित कर्मियों को नियमित नियुक्ति में 25 प्रतिशत वेटेज देने की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा 59 इकाइयों को पहले चरण में स्वीकृति दी गई है। इसमें प्रस्तावित निवेश की राशि 311.63 करोड़ है, इस नीति के लागू होने के बाद मुजफ्फरपुर बैग कलस्टर प्रारंभ हुआ। इसमें 1100 से अधिक औद्योगिक सिलाई मशीनों पर टेक्सटाईल बैग का निर्माण किया जा रहा है।
  • मुजफ्फरपुर और पटना ज़िला में भी 1000 से अधिक स्टीचिंग मशीनों के साथ टेक्सटाइल बैग बनाने की इकाइयाँ स्थापित की गई है। मुजपफरपुर में आरसीएस इंटरनेशनल व वी-2 आदि कंपनियों द्वारा वस्त्र निर्माण की इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं। चमड़ा क्षेत्र में सात कंपनियों द्वारा मधुबनी में 100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से परियोजना लाई जा रही है।

राजस्थान Switch to English

प्रतापगढ़ में 5600 करोड़ रुपए की लागत वाली 11 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में 5600 करोड़ रुपए की लागत वाली 11 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • नितिन गडकरी ने राजस्थान में कुल 219 किमी. लंबाई और 3,775 करोड़ रुपए की लागत वाली चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर किशनगढ़ से गुलाबपुरा खंड तक इस 6-लेन की परियोजना से अजमेर और भीलवाड़ा ज़िलों के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।
  • गुलाबपुरा से चित्तौड़गढ़ खंड को 6-लेन का बनाने से भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ ज़िलों के उदयपुर, जयपुर और कोटा क्षेत्र का परस्पर संपर्क मज़बूत होगा।
  • फतहनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग 162ए पर 4-लेन आरओबी के निर्माण से रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
  • नितिन गडकरी ने सीआरआईएफ के तहत मंडरायल में चंबल नदी पर ऊँचाई वाले पुल (या हाई लेवल ब्रिज) के निर्माण का शुभारंभ किया। इस पुल के निर्माण से राजस्थान के मंडरायल, करौली और मध्य प्रदेश के सबलगढ़ के बीच कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 1850 करोड़ रुपए लागत वाली और कुल 221 किमी. लंबी 7 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
  • ये परियोजनाएँ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नाथद्वारा से उदयपुर हवाई अड्डे तक सीधा संपर्क उपलब्ध कराएंगी।
  • प्रतापगढ़ बाईपास के निर्माण से शहर के अंदर यातायात का बोझ कम होगा।
  • रास से ब्यावर तक सड़क बनने से भीलवाड़ा की ओर जाने वाले वाहनों को सुविधा होगी।
  • डूंगरपुर, उदयपुर और बाँसवाड़ा क्षेत्र के जनजातीय इलाकों को बेहतर संपर्क उपलब्ध होगा।
  • सांगवाड़ा और गढ़ी में बाइपास बनने से डूंगरपुर-बाँसवाड़ा की दूरी 10 किमी. कम हो जाएगी।
  • ब्यावर-गोमती मार्ग पर टॉडगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिये 13 एनिमल अंडरपास बनाए जाएंगे।
  • इस कार्यक्रम के दौरान राजस्थान में सीआरएफ के तहत 2250 करोड़ रुपए की लागत से 74 परियोजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा भी की गई। इन परियोजनाओं पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।


मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रवींद्र भवन, भोपाल में आईटीआई उत्तीर्ण राज कुशवाह का स्वयं योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराकर ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश के स्थायी निवासी योजना का लाभ ले सकेंगे। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में 18 से 29 वर्ष के युवा पात्र होंगे।
  • इस योजना में कक्षा 12वीं उत्तीर्ण को 8 हज़ार रुपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हज़ार 500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हज़ार रुपए, स्नातक या उच्च शिक्षित को 10 हज़ार रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
  • युवाओं को रोज़गार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के लिये 700 कोर्सेस चयनित किये गए हैं। इसमें सभी प्रकार के उद्योग, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सर्विस सेक्टर आदि को शामिल किया गया है। पोर्टल पर युवा अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार गतिविधि चुन सकेंगे।
  • समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी आवश्यक है। पंजीयन के लिये मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी जरूरी है और बैंक खाता आधार से लिंक हो एवं डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में सक्षम होना चाहिये।
  • इस योजना में अब तक 10 हज़ार 432 प्रतिष्ठानों ने पंजीयन करा लिया है और 34 हज़ार 785 वेकेंसी चिह्नित हैं। प्रदेश के साथ ही प्रदेश के बाहर के प्रतिष्ठानों को भी योजना से जोड़ा जा रहा है।
  • ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और युवाओं के हितों को समान रूप से ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इससे युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को स्किल्ड मेनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। 


मध्य प्रदेश Switch to English

आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता के मानदेय में वृद्धि का अनुसमर्थन

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता को 3 हज़ार रुपए वृद्धि के बाद अब 13 हज़ार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा और सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता को 750 रुपए वृद्धि के बाद प्रतिमाह बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा।

प्रमुख बिंदु  

  • आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता के मानदेय में प्रतिवर्ष 1000 और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता के मानदेय में 500 रुपए प्रतिवर्ष की वृद्धि की जाएगी।
  • इसके साथ ही 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्ति के समय आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को एक लाख 25 हज़ार रुपए और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकत्ताओं को एक लाख रुपए दिये जाएंगे।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में 10 नवीन महाविद्यालय की स्थापना, 4 महाविद्यालयों में नवीन संकाय तथा 7 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किये जाने के लिये 589 नवीन पद सृजित करने की मंजूरी दी गई।
  • इसके लिये आवर्ती व्यय भार 33 करोड़ 47 लाख 50 हज़ार रुपए प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय 105 करोड़ 46 लाख 70 हज़ार रुपए की स्वीकृति दी गई।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश की मंत्रि परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों ?

4 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रि परिषद द्वारा धार ज़िले की बरखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये लागत राशि 478 करोड़ 88 लाख रुपए, सिंचाई क्षमता 15031 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना से कुक्षी तहसील के 43 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
  • मंत्रि परिषद ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग द्वारा किये जाने एवं परियोजना के लिये प्रस्तावित केंद्र प्रवर्तित योजना के अनुसार राज्य शासन द्वारा कार्यवाही किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
  • राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची में एक ही वर्ग की 2 जातियाँ, कुड़मी एवं कुर्मी, कुरमी पृथक्-पृथक् क्रमांक में दर्ज होने के कारण होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिये बुंदेलखंडीय गौर समाज द्वारा माँग की गई थी। इस पर विभागीय प्रस्ताव अनुसार मंत्रि परिषद द्वारा विचारोपरांत कुड़मी जाति को सूची क्रमांक 76 से विलोपित कर सूची क्रमांक 39 में कुर्मी, कुरमी के साथ शामिल किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • इस निर्णय से इस वर्ग को जाति प्रमाण-पत्र में आ रही समस्याओं के समाधान के साथ राज्य शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग को प्रदाय किये जा रहे लाभ प्राप्त करने के लिये समान एवं समुचित अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

हरियाणा Switch to English

स्टार्टअप-20 गुरुग्राम शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को भारत जी-20 की अध्यक्षता के तहत स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप द्वारा आयोजित स्टार्टअप-20 गुरुग्राम शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 22 देशों के 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने 3 जुलाई को गुरुग्राम में जी-20 के स्टार्टअप-20 शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया था।
  • इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन ने नवोन्मेषणों, सहयोगों, ज्ञान साझा करने और वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम के भीतर रणनीतिक गठबंधनों को बढ़ावा देने के लिये एक मंच का काम किया।
  • समापन समारोह के दौरान, स्टार्टअप 20 के अध्यक्ष डॉ. चिंतन वैष्णव ने आधिकारिक रूप से ब्राज़ील को मशाल सौंपी क्योंकि ब्राज़ील को अगले वर्ष जी20 की अध्यक्षता करनी है और उसने 2024 में स्टार्टअप 20 पहल को जारी रखने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • स्टार्टअप 20 के महत्त्व को रेखांकित करते हुए, प्रिंस फहद बिन मंसूर के प्रतिनिधित्व में सऊदी अरब 2030 तक स्टार्टअप इकोसिस्टम में 1 ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष की महत्त्वाकांक्षी राशि आवंटित करने की स्टार्टअप 20 की अपील की अभिपुष्टि और समर्थन करने वाले पहले देश के रूप में उभरा।
  • उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में गुरुग्राम में मार्च माह के पहले सप्ताह में एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक में बेहतरीन मेजबानी करते हुए विदेशी प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया गया था।

 


छत्तीसगढ़ Switch to English

स्वास्थ्य मंत्री ने ‘खबरवाद’मासिक पत्रिका का किया विमोचन

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर के नवीन विश्राम भवन में मासिक पत्रिका ‘खबरवाद’के पहले अंक का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने उम्मीद जताई कि इस नई पत्रिका के माध्यम से प्रदेश के लोगों को सम-सामयिक घटनाओं के साथ ही यहाँ के राज-काज की ताजा जानकारी भी मिलेगी।
  • ‘खबरवाद’ के संपादक श्रीकांत बाघमारे ने पत्रिका के विमोचन के अवसर पर कहा कि राज्य की प्रमुख खबरों के सटीक विश्लेषण, बुद्धिजीवियों के विचार, राजनीति, शासन, प्रशासन के साथ ही यहाँ की योजनाओं व जनहित के मुद्दों से जुड़े समाचार इसमें प्रमुखता से प्रकाशित किये जाएंगे।
  • उन्होंने कहा कि ‘खबरवाद डॉट कॉम’के साथ ही अब पत्रिका के माध्यम से भी लोगों को प्रदेश की खबरों से रू-ब-रू कराया जाएगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी नंबर वन

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने 85.71 फीसदी प्लांट लोड फॅक्टर (पीएलएफ) हासिल कर देशभर के 33 बिजली घरों को पछाड़ कर पहला स्थान प्राप्त किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्र सरकार के उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली ने 33 स्टेट सेक्टर में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को बेहतर परफार्मेंस के लिये पहली तिमाही में पहली रैंकिंग दी है।
  • छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की क्षमता 2840 मेगावाट है, जिसमें 85.71 प्रतिशत पीएलएफ (प्लांट लोड फैक्टर) के साथ पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर ओडिशा पॉवर जनरेशन कॉर्पोरेशन है। जिसका प्लांट लोड फैक्टर 84.98 फीसदी रहा है।
  • विदित है कि केंद्र सरकार का उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली हर तीन महीने में रैंकिंग जारी करता है।
  • देशभर के 33 स्टेट सेक्टर में औसत पीएलएफ 66.97 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ के संयंत्रों ने 85.71 प्रतिशत विद्युत उत्पादन किया है। पूरे भारत में सभी थर्मल पावर प्लांटों का औसत पीएलएफ 70.02 प्रतिशत रहा। यानी सभी संयंत्रों से अधिक उत्पादन छत्तीसगढ़ के संयंत्रों में हुआ।
  • जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार कटियार ने बताया, अप्रैल-मई-जून के उत्पादन के आधार पर रैंकिंग मिली है। इस दौरान प्रदेश में भीषण गर्मी की स्थिति थी। सभी राज्यों में बिजली की बहुत अधिक मांग थी। छत्तीसगढ़ में 18 अप्रैल को बिजली की मांग 5878 मेगावाट तक पहुँच गई थी।
  • ऐसी परिस्थिति में जनरेशन कंपनी के संयंत्रों ने लगातार बिना रूके कार्य किया और प्रदेश में बिना पॉवर कट के निर्बाध विद्युत आपूर्ति जारी रखी। खासकर इस वर्ष हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) कोरबा पूर्व तथा अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा ने बेहतर उत्पादन किया है।
  • 1984 में स्थापित हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम के यूनिट क्रमांक 04 ने 162 दिन 12 घंटे बिना थमे विद्युत उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है, पहले इस यूनिट से अधिकतम 111 दिन 9 घंटे तक ही लगातार विद्युत उत्पादन हुआ था।


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