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हरियाणा में एचआईवी पीड़ित मरीजों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने का निर्णय
चर्चा में क्यों?
4 जुलाई, 2022 को हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एचआईवी पीड़ित मरीजों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत रेडियोलॉजिकल जाँच जैसी स्वास्थ्य सुविधाएँ नि:शुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- एचआईवी पीड़ित मरीजों को पीपीपी मोड के तहत सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही यूएसजी, सीटी स्कैन और एमआरआई सहित सभी प्रयोगशाला जाँच एवं रेडियोलॉजिकल जाँच की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
- एचआईवी पीड़ित मरीजों को यह सुविधा प्रदान करने के लिये उन्हें राज्य की उन सात श्रेणियों में शामिल किया गया है, जिन्हें पीपीपी मोड़ के तहत विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएँ नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं, अर्थात् एचआईवी पीड़ित मरीजों की श्रेणी आठवीं श्रेणी होगी, जिन्हें नि:शुल्क इलाज प्रदान किया जाएगा।
- इन सात श्रेणियों में राज्य के बीपीएल एवं शहरी मलिन बस्तियों के मरीज, राज्य सरकार से निशक्तता भत्ता प्राप्त कर रहे मरीज, किसी भी नि:शुल्क श्रेणी में नहीं आने वाले मरीज, अनुसूचित जाति श्रेणी के मरीज, हरियाणा सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीज, सड़क दुर्घटना के शिकार लावारिस व्यक्ति और राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी एवं उनके आश्रित शामिल हैं।
- वर्तमान में राज्य में एचआईवी से पीड़ित लगभग 22,000 मरीज एंटीरिट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) ले रहे हैं, जबकि इनकी संख्या में लगभग 300 मरीज प्रति माह बढ़ रहे हैं।
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