नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Jul 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

स्टार्टअप इकोसिस्टम रैंकिंग में उत्तर प्रदेश लीडर

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग द्वारा जारी स्टार्टअप इकोसिस्टम रैंकिंग के तीसरे संस्करण में उत्तर प्रदेश को लीडर श्रेणी में शामिल किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • स्टार्टअप सुधारों से संबंधित 7 क्षेत्रों पर आधारित इस रिपोर्ट में राज्यों को 5 श्रेणियों में विभाजित किया गया है-
    • सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले
    • टॉप परफॉर्मर्स
    • लीडर्स
    • आकांक्षी लीडर्स
    • उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम।
  • रिपोर्ट के अनुसार गुजरात और कर्नाटक स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे आगे अर्थात् सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं। टॉप परफॉर्मेंस वाले राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना को शामिल किया गया है।
  • वहीं लीडर्स श्रेणी में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड, पंजाब, असम तथा तमिलनाडु जैसे राज्यों को शामिल किया गया है, जबकि आकांक्षी लीडर्स की श्रेणी में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि का चयन किया गया है।
  • उभरते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम श्रेणी में आंध्र प्रदेश और बिहार शामिल हैं।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना (MGKY) को लागू करने और राज्य में सभी बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS) के कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये सहकारिता सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना कार्यालय में विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में सचिव ने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में एमजीकेवाई का विस्तार किया जाए।
  • योजनांतर्गत कृषकों एवं पशुपालकों को सहकारिता समितियों के माध्यम से पौष्टिक हरा चारा साइलेज प्रदान किया जाता है।
  • सचिव ने यह भी बताया कि प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर 103 एमपीएसीएस ऑनलाइन हो चुके हैं।
  • इसके अतिरिक्त सचिव ने बकरी घाटी गाँवों की समीक्षा के पश्चात् कहा कि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिलों में भी बकरी गाँव स्थापित किये जाएंगे, जिनका आकार एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत होगा।

बिहार Switch to English

केंद्र ने बिहार को दिये 1152 करोड़ रुपए

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने बिहार के लिये 60 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस फंड का इस्तेमाल ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद् में तय फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य निचले स्तर तक विकास को ले जाना है।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर भारत सरकार से टाइट अनुदान मद के तहत पहली किश्त के रूप में 60 करोड़ रुपए का फंड बिहार को मिला है। यह फंड बिहार के 8067 ग्राम पंचायतें, 533 पंचायत समितियाँ और 38 जिला परिषदों को सुदृढ़ करने के लिये दिया गया है।
  • सम्राट चौधरी ने बताया कि स्वीकृत राशि की निकासी वित्तीय वर्ष 2022-23 में की जाएगी, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिले अनुदान का वितरण पंचायती राज संस्थाओं के बीच 70:15:15 के अनुपात में किया जाएगा। इस फॉर्मूले के आधार पर ग्राम पंचायतों को 82 करोड़ रुपए, पंचायत समितियों को 172.89 करोड़ रुपए और जिला परिषदों को 172.8 रुपए आवंटित किये जाएंगे।
  • विदित है कि 1 सप्ताह पहले भारत सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपए पंचायती राज संस्थाओं के बीच आनुपातिक रूप से वितरित किये गए हैं। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा टाइड में 1152.60 एवं अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपए यानी की कुल मिलाकर बिहार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1921 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में बोटेनिकल गार्डन

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को राजस्थान वन विभाग प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने शासन सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के छ: संभाग मुख्यालय के जिलों में बनने वाले बोटेनिकल गार्डन एवं संशोधित लव-कुश वाटिकाओं के जिला उप-वन संरक्षक से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए इनके जल्द निर्माण की जानकारी दी।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य में स्थानीय प्रजातियों के पौधों, जैवविविधता एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के छह संभाग मुख्यालय के अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर एवं जोधपुर जिलों में बोटेनिकल गार्डन का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा।
  • इन गार्डनों में अधिक-से-अधिक स्थानीय प्रजातियों के पौधे एवं वनस्पतियाँ लगाई जाएंगी। साथ ही, लव-कुश वाटिकाओं के तहत स्थानीय पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के अनुकूल वहा की स्थानीय वनस्पतियाँ, जैसे- फल, फूल, औषधीय एवं छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, ताकि लोगों को वहाँ का स्थानीय वनानुभव मिल सके।
  • बोटेनिकल गार्डन एवं लव-कुश वाटिकाओं के निर्माण की संरचना एवं आकार-प्रकार के निर्माण कार्य में अधिक-से-अधिक प्राकृतिक निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाएगा, ताकि यह लोगों को प्रकृति का एहसास करा सके।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के नवीन पोर्टल का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को राजस्थान सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि गत वर्ष इस योजना के माध्यम से 10 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रावधान था, जिसे राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष हेतु 15 हजार कर दिया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष योजनांतर्गत सीए एवं सीएस पाठ्यक्रम को भी सम्मिलित किया गया है। साथ ही चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी संबंधित पाठ्यक्रमों हेतु 12वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात् भी दो वर्ष तक विद्यार्थियों द्वारा आवेदन किया जा सकेगा।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के शासन सचिव, डॉ. समित शर्मा ने बताया कि योजना अंतर्गत विद्यार्थी 31 जुलाई, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। गत वर्ष योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों के कुल 1,09,510 आवेदन प्राप्त हुए थे।
  • नवीन पोर्टल पर अब समस्त दस्तावेजों का यथासंभव वेबसर्विस से सत्यापन होगा। आवेदन पत्रों का यथासंभव स्वत: अनुमोदन होने से आवेदन की अंतिम तिथि के तत्काल पश्चात् वरीयता सूची जारी कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त वरीयता सूची में 10 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची का भी प्रावधान रखा गया है।

राजस्थान Switch to English

‘खादी कामगार आर्थिक प्रोत्साहन योजना’ के प्रारूप को मंजूरी'

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खादी को बढ़ावा देने और खादी कामगारों के प्रोत्साहन के लिये ‘खादी कामगार आर्थिक प्रोत्साहन योजना’ के प्रारूप का अनुमोदन कर किया।

प्रमुख बिंदु

  • साथ ही उन्होंने वर्ष 2022-23 में कामगारों की आर्थिक सहायता के लिये 9 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की है।
  • इस स्वीकृति से प्रदेश के लगभग 20 हजार खादी कामगारों को पर्याप्त पारिश्रमिक मिलेगा। इससे उनके जीवनयापन में सुधार हो सकेगा।
  • इस योजना के अंतर्गत राज्य के खादी कत्तिन/बुनकरों को खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा कॉस्ट चार्ट अनुसार निर्धारित दरों के अतिरिक्त प्रतिगुंडी/प्रति वर्ग मीटर बतौर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा खादी संस्था/समितियों में कार्यरत् कार्यकर्त्ताओं को भी खादी संस्था/समितियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं पर प्रति वर्ग मीटर के अनुसार प्रोत्साहन राशि मिल सकेगी।
  • इस योजना हेतु सॉफ्टवेयर के निर्माण, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं डाटा एंट्री सहित अन्य कार्यों के लिये 36 लाख रुपए का व्यय होगा।
  • योजना में खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी संस्था/समितियों के जरिये कामगारों के आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। कामगारों को प्रोत्साहन राशि सीधे बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट 2022-23 में खादी क्षेत्र के कामगारों यथा कत्तिन/बुनकरों एवं कार्यकर्त्ताओं को पर्याप्त पारिश्रमिक दिलाए जाने हेतु ‘खादी कामगार आर्थिक प्रोत्साहन योजना’ लागू करने की घोषणा की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति गठित

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश शासन ने प्रदेश के 2 शहरों- इंदौर एवं भोपाल में होने वाली जी-20 समूह की बैठकों के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के प्रवास पर उनके सत्कार, आवास, सुरक्षा-व्यवस्था के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • समन्वय समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन, गृह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव पर्यटन को सदस्य सचिव एवं नोडल अधिकारी बनाया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक की अवधि में भारत जी-20 समूह की अध्यक्षता करेगा। इस अवधि में देश के विभिन्न स्थानों पर 190 से अधिक बैठकों का आयोजन किया जाना है।

मध्य प्रदेश Switch to English

44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल पहुँची भोपाल

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को ग्रैंड मास्टर अनुराग महामल के नेतृत्व में 44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल टी.टी. नगर स्टेडियम भोपाल पहुँची, जिसका खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वागत किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि इस मशाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 जून, 2022 को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से शुभारंभ कर रवाना किया गया था।
  • भारत में चेस ओलंपियाड का पहली बार आयोजन किया जा रहा है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में 28 जुलाई, 2022 से 10 अगस्त, 2022 तक लगभग 187 देश के 2 हजार खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे।
  • यह शतरंज ओलंपियाड मशाल मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, भोपाल, साँची और ग्वालियर के प्रमुख स्थलों पर भ्रमण कर नई दिल्ली के लिये रवाना होगी।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में एचआईवी पीड़ित मरीजों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने का निर्णय

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एचआईवी पीड़ित मरीजों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत रेडियोलॉजिकल जाँच जैसी स्वास्थ्य सुविधाएँ नि:शुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • एचआईवी पीड़ित मरीजों को पीपीपी मोड के तहत सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही यूएसजी, सीटी स्कैन और एमआरआई सहित सभी प्रयोगशाला जाँच एवं रेडियोलॉजिकल जाँच की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • एचआईवी पीड़ित मरीजों को यह सुविधा प्रदान करने के लिये उन्हें राज्य की उन सात श्रेणियों में शामिल किया गया है, जिन्हें पीपीपी मोड़ के तहत विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएँ नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं, अर्थात् एचआईवी पीड़ित मरीजों की श्रेणी आठवीं श्रेणी होगी, जिन्हें नि:शुल्क इलाज प्रदान किया जाएगा।
  • इन सात श्रेणियों में राज्य के बीपीएल एवं शहरी मलिन बस्तियों के मरीज, राज्य सरकार से निशक्तता भत्ता प्राप्त कर रहे मरीज, किसी भी नि:शुल्क श्रेणी में नहीं आने वाले मरीज, अनुसूचित जाति श्रेणी के मरीज, हरियाणा सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीज, सड़क दुर्घटना के शिकार लावारिस व्यक्ति और राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी एवं उनके आश्रित शामिल हैं।
  • वर्तमान में राज्य में एचआईवी से पीड़ित लगभग 22,000 मरीज एंटीरिट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) ले रहे हैं, जबकि इनकी संख्या में लगभग 300 मरीज प्रति माह बढ़ रहे हैं।

झारखंड Switch to English

लगभग 512 करोड़ रुपए की 224 योजनाओं का उद्घाटन शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद में लगभग 512 करोड़ रुपए की 224 योजनाओं का उद्घाटन शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगभग 86 करोड़ रुपए की 118 योजनाओं का शिलान्यास और 161.28 करोड़ रुपए की 106 योजनाओं का उद्घाटन किया।
  • वही कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित 172 युवक-युवतियों समेत 175 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया।
  • गौरतलब है कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश की है। इनमें किसानों और पशुपालकों की संख्या सबसे ज्यादा है। इनकी आय में बढ़ोतरी के लिये सरकार लगातार कदम उठा रही है।
  • मुख्यमंत्री ने 20,146 लाभुकों के बीच करीब 45 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण किया।
  • इसमें महत्त्वपूर्ण रूप से 3665 लाभुकों के बीच 98 करोड़ रूपए का एमटीएस कोल्ड रूम, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के अंतर्गत 194 लोगों को लगभग 5.18 करोड़ रुपए की सहायता राशि, 602 लोगों के बीच पीएमईजीपी, एजुकेशन के सीसी और हाउसिंग लोन के रूप में करीब 9.39 करोड़ रुपए, एनआरएलएम के अंतर्गतच क्रियानिधि, सामुदायिक निवेश निधि और कैश क्रेडिट लिंकेज के रूप में 5361 स्वयं सहायता समूहों 30.65 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के 3100 लाभुकों के बीच 37.20 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना- शहर के 487 लाभुकों के बीच 10.95 करोड़ रुपए की राशि/परिसंपत्ति वितरित की गई।
  • इसके अलावा लाभुकों को सोना सोबरन धोती साड़ी वितरण योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना और ग्रीनकार्ड समेत कई और योजनाओं का लाभ दिया गया।

झारखंड Switch to English

सौर ऊर्जा नीति, 2022

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति, 2022 लागू की गई, जिसके तहत सौर ऊर्जा से 4,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिये निर्धारित है।

प्रमुख बिंदु

  • सोलर पार्क, कैनाल टॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा के विकास हेतु विस्तृत नीति बनाई गई है।
  • अगले 5 वर्षों में राज्य में समेकित रूप से लगभग 4,000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा के अधिष्ठापन का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसके तहत यूटिलिटी स्केल पर लगभग 3,000 मेगावाट, डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर ऊर्जा के अंतर्गत 720 मेगावाट एवं ऑफग्रिड सोलर प्रोजेक्ट के तहत 280 मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्लांट अधिष्ठापन का लक्ष्य तय किया गया है।
  • नई नीति में निजी निवेशकों के प्रोत्साहन हेतु सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट मैकेनिज्म, लैंड बैंक के माध्यम से भूमि व्यवस्था समेत अन्य प्रावधान किये गए हैं।
  • समर्पित सौर ऊर्जा सेल, अधिकतम 60 दिनों के अंदर वैधानिक स्वीकृति 1,000 सोलर ग्राम के गठन की योजना, आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की योजना की नीति के तहत क्रॉस सब्सिडी तथा थर्ड पार्टी और कैप्टिव उपयोग में छूट, 1% की दर से 25 वर्ष तक इंडेक्सेशन, बिजली बिल में छूट, 5 वर्ष तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर में 100% की छूट होगी।
  • सरकार द्वारा लक्ष्य के अनुरूप कार्यों के विश्लेषण हेतु दो उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘एस्पायरिंग लीडर’ के रूप में छत्तीसगढ़ को किया गया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2022 को केंद्रीय उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा जारी स्टेट्स स्टार्टअप रैंकिंग के तीसरे संस्करण के अंतर्गत केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को प्रदेश में स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम के विकास हेतु एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत स्टार्टअप इकाइयों को लाभान्वित करने हेतु स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है। राज्य में कुल 748 स्टार्टअप पंजीकृत हैं।
  • एस्पायरिंग लीडर के रूप में छत्तीसगढ़ को प्रदान किये गए प्रशस्ति-पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिये कई सराहनीय पहल की गई है, जिनमें स्टार्टअप पॉलिसी की स्थापना, स्टार्टअप्स के लिये करों में छूट और अनुदान का प्रावधान तथा इन्क्यूबेटर्स की स्थापना और उनका उन्नयन प्रमुख पहल है। इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से स्टार्टअप्स के लिये को-वर्क़िग स्पेस, मेंटरशिप, फंडिंग और प्रौद्योगिकी सपोर्ट के प्रावधान किये गए हैं।
  • केंद्रीय मंत्री द्वारा स्टार्टअप क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु छत्तीसगढ़ के तीन अधिकारियों- अनुराग पांडेय (विशेष सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग), प्रवीण शुक्ला (अपर संचालक उद्योग) एवं सुमन देवांगन (सहायक संचालक) को सम्मानित किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत स्टार्टअप इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है।
  • भारत सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त इकाईयों को छत्तीसगढ़ में स्थापित होने पर विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया गया है। पैकेज के तहत ब्याज अनुदान अधिकतम 70 प्रतिशत अधिकतम 11 वर्ष के लिये, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान अधिकतम 55 प्रतिशत, नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति अधिकतम 15 वर्ष तक, विद्युत शुल्क छूट अधिकतम 10 वर्ष तक एवं पात्रता अनुसार औद्योगिक नीति, 2019-24 में उल्लेखित अन्य अनुदान जैसे भू-प्रब्याजी में छूट, स्टांप शुल्क छूट, परियोजना प्रतिवेदन में छूट आदि की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • स्टार्टअप को तीन वर्षों तक भवन किराए का 40 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 8 हजार रुपए प्रतिमाह प्रतिपूर्ति दी जा रही है और स्टार्टअप इकाईयों द्वारा सेमीनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी, प्रदर्शनी में भाग लिये जाने पर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपए प्रतिवर्ष होगी, दी जा रही है।
  • राज्य में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने हेतु इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिये किये जाने वाले व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 50 लाख रुपए एवं संचालन के लिये 3 लाख रुपए प्रति वर्ष अनुदान के रूप में दी जा रही है।
  • औद्योगिक पुरस्कार योजना पुरस्कार योजना के अंतर्गत स्टार्टअप श्रेणी में भी पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के रूप में क्रमश: 1,51,000 रुपए, 1,00,000 रुपए एवं 51,000 रुपए की राशि एवं प्रशस्ति-पत्र देने का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

कोविड मुक्त गाँव परियोजना का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की एक निर्बाध, टिकाउ और एकीकृत मजबूती सुनिश्चित करने के लिये छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में जिला और राज्यस्तरीय अधिकारियों की भागीदारी के साथ एक ‘राज्यस्तरीय प्री-लॉन्च’ बैठक आयोजित की गई, जिसमें ‘टीकाकरण-ऑनह्वील्स’ (वेक्सीनेशन ऑन ह्वील्स) वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो दूर-दराज के स्थानों में कोविड-19 टीकाकरण, नियति टीकाकरण और अन्य प्राथमिक स्तर की दैनिक सुविधाएँ प्रदान करेगी।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि चाइल्डफंड इंडिया ने भारत के तीन राज्यों- झारखंड, राजस्थान और छतीसगढ़ में ‘कोविड मुक्त गाँव’ नामक एक बड़े पैमाने पर परियोजना शुरू करने की घोषणा की।
  • समृद्ध के समर्थन के साथ, चाइल्डफंड का उद्देश्य एक स्थाई नेटवर्क देखभाल मॉडल स्थापित करना है, ताकि गुणवत्ता सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित हो सके।
  • बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ, उपकरण और बच्चों के अनुकूल देखभाल (बाल चिकित्सा सेवाएँ) प्रदान करने के लिये ‘कोविड मुक्त गाँव’ परियोजना का समर्थन किया जा रहा है। निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से, टेलीमेडिसिन सेवाओं, स्वास्थ्य आउटरीच वाहनों और शिविरों के साथ प्रयास को बढ़ाया जाएगा।
  • गौरतलब है कि भारत में चाइल्डफंड () देश में वंचित बच्चों की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जिसका मुख्य कार्यालय बंगलुरू में स्थित है और दिल्ली में प्रोग्राम ऑफिस है, जो चाइल्डफंड इंडिया का पंजीकृत कार्यालय भी है।
  • भारत में चाइल्डफंड 15 राज्यों के 85 जिलों में काम करता है। लंबी अवधि की साझेदारी और प्रत्यक्ष कार्यान्वयन के माध्यम से यह सालाना 3200 समुदायों/गाँवों के लगभग 3 मिलियन बच्चों, युवाओं और उनके परिवारों तक पहुँचता है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow