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वनाग्नि से उत्तराखंड को राहत
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हुई बारिश ने उत्तराखंड के पौड़ी और नैनीताल जैसे इलाकों में लगातार लग रही वनाग्नि से राहत दिलाई है।
मुख्य बिंदु:
- मौजूदा तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट के बावजूद, निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे वनाग्नि को फैलने से रोकने के लिये अपने घरों के आस-पास सूखी झाड़ियों को हटा दें।
- इस मौसम में असामान्य रूप से उच्च तापमान ने वनाग्नि के प्रसार को तेज़ कर दिया है।
- पिछले छह महीनों में, उत्तराखंड में 1,100 से अधिक आग की घटनाएँ हुई हैं, जिसमें 1,500 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि नष्ट हो गई है।
वनाग्नि पर सरकारी पहल
- वनाग्नि के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan for Forest Fires- NAPFF) की शुरुआत वर्ष 2018 में वन सीमांत समुदायों को सूचित, सक्षम और सशक्त बनाकर तथा उन्हें राज्य वन विभागों के साथ सहयोग करने के लिये प्रोत्साहित करके वनाग्नि को कम करने के लक्ष्य के साथ की गई थी।
- वनाग्नि निवारण और प्रबंधन योजना (FPM) एकमात्र सरकारी प्रायोजित कार्यक्रम है जो वनाग्नि से निपटने में राज्यों की सहायता करने के लिये समर्पित है।
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