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राजस्थान में वर्षा जल संचयन के नए नियम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO) ने एक परिपत्र जारी कर 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी भूखंड पट्टेदारों को अपने परिसर में वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
मुख्य बिंदु:
- इसका लक्ष्य राज्य में अपनी शुष्क जलवायु के कारण जल की कमी का सामना कर रहे जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाना है।
- भूजल में कमी भूजल उपयोग से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, जो भूजल के निरंतर उपयोग के कारण जल स्तर में दीर्घकालिक गिरावट को संदर्भित करता है।
- यदि वर्षा जल संचयन संरचना के निर्माण में देरी होती है, तो पट्टेदार पर RIICO द्वारा निर्धारित दंड आरोपित किये जा सकते हैं।
- ज़ुर्माने की राशि भूखंड (प्लॉट) के आकार के आधार पर भिन्न होती है:
- 500 वर्ग मीटर से 2,000 वर्ग मीटर के बीच के भूखंडों के लिये: 25,000 रुपए प्रतिवर्ष। 2,000 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों के लिये: 50,000 रुपए प्रतिवर्ष।
- RIICO के अलावा अन्य विभाग भी वर्षा जल संचयन को लागू कर रहे हैं। उदाहरण के लिये, राजस्थान पुलिस आवास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RPH & CCL) मौजूदा कुओं और जलभृतों का संचयन करने के लिये छतों एवं आस-पास के इलाकों से वर्षा जल एकत्र कर रहा है। राज्य सरकार जल संरक्षण के लिये वृक्षारोपण पर भी ज़ोर दे रही है।
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