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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Jun 2023
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वाराणसी में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 का समापन

चर्चा में क्यों?

3 जून, 2023 को भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में तीसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2022 का समापन हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ (पीयूसी) को 26 स्वर्ण, 17 रजत और 26 काँस्य पदकों के साथ समग्र चैंपियन घोषित किया गया।
  • गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर (जीएनड़ीयू) 24 स्वर्ण, 27 रजत, 17 काँस्य के साथ दूसरे स्थान पर और जैन विश्वविद्यालय, कर्नाटक 16 स्वर्ण, 10 रजत, 6 काँस्य पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
  • गौरतलब है कि इस साल खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का तीसरा संस्करण 25 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया। ये प्रतियोगिताएँ वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में आयोजित की गई।
  • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2022 में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक एथलीटों ने 12 प्रतियोगिता दिनों में 21 खेलों में प्रतिस्पर्धा की।
  • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण के शुभंकर का नाम जीतू रखा गया था, जो उत्तर प्रदेश के राजकीय पशु स्वैंप डियर (बारहसिंघा) का प्रतिनिधित्व करता है।
  • उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का पहला संस्करण वर्ष 2020 में ओडिशा में आयोजित हुआ था तथा दूसरा संस्करण वर्ष 2022 में बंगलुरू, कर्नाटक में आयोजित किया गया था (कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2021 से 2022 में स्थानांतरित)।

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‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’

चर्चा में क्यों?

2 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग की प्रस्तावित ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’के अंतर्गत विदेश में बसे उत्तर प्रदेश के निवासी अब अपने पैतृक गाँव में अपने परिजनों, पुरखों की याद में सामुदायिक केंद्र, बारात घर और ऐसे ही अन्य निर्माण कार्य करवा सकेंगे।
  • विदित है कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व राज्यों तथा विदेश में निवासरत हैं और कार्यरत हैं। ऐसे लोग उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गाँव के विकास में सहयोग प्रदान करना चाहते हैं मगर पूर्व में कोई व्यवस्था न होने की वजह से वांछित सहयोग प्रदान नहीं कर पा रहे थे।
  • योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति, निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास और पंचायतीराज अधिनियम की धारा 15 के तहत अनुमन्य कार्य करवाना या करना चाहते हैं और कार्य की लागत का न्यूनतम 60 प्रतिशत धनराशि दान स्वरूप वहन करने के इच्छुक हैं तो राज्य सरकार शेष 40 फीसदी लागत लगाएगी।
  • कार्य पूरा होने के बाद राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आकार व प्रकार शिलापट्ट सहयोग करने वाले व्यक्ति या संस्था के प्रस्ताव के अनुसार अथवा उक्त भवन या अवस्थापना सुविधा के ऊपर लगवाया जाएगा। 

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