22 नए सेक्टर, चार मेडिकल कॉलेज और तीन महिला हॉस्टल के लिये मिलेगी ज़मीन | हरियाणा | 05 May 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने अपनी आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ राज्य के 22 ज़िलों में 22 नए सेक्टर बनाने के साथ-साथ चार मेडिकल कॉलेजों व तीन महिला हॉस्टल के लिये ज़मीन देने की कार्ययोजना तैयार की है।
प्रमुख बिंदु
- इन नए सेक्टरों के विकसित होने के बाद लोगों को अच्छी रिहायश के लिये मारामारी नहीं करनी पड़ेगी और उन्हें आसानी से पॉश इलाकों में प्लॉट उपलब्ध हो सकेंगे।
- राज्य के पाँच प्रमुख ज़िलों- फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, रोहतक और हिसार में भूमि अधिग्रहण और मुआवज़ा वितरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिये सरकार ने ज़िला भूमि अधिग्रहण अधिकारी नियुक्त किये हैं।
- एचएसवीपी द्वारा पंचकूला, फतेहाबाद, दादरी व पलवल में बनने वाले चार मेडिकल कॉलेजों के लिये करीब 50 एकड़ ज़मीन भी उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसके अलावा एचएसवीपी की योजना भिवानी, सिरसा और रेवाड़ी में महिला हॉस्टल बनाने की है। इसके लिये भी ज़मीन उपलब्ध कराई जाएगी।
- गुरुग्राम व हिसार में कॉमर्शियल व रिहायशी साइट की ऑनलाइन नीलामी के लिये 10 व 11 मई की तिथि निर्धारित की गई है।
- एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने प्राधिकरण की आय में बढ़ोतरी तथा लोगों को अधिक-से-अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने का खाका तैयार के लिये 22 मई को एचएसवीपी की 13 ऑनलाइन सर्विस शुरू होंगी।
- हालाँकि एचएसवीपी की कई सेवाएँ पहले से ऑनलाइन हैं, लेकिन इनमें बढ़ोतरी की जा रही है, ताकि लोग घर बैठे लाभान्वित हो सकें।
टीबी की जाँच रिपोर्ट के लिये देश का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू | हरियाणा | 05 May 2022
चर्चा में क्यों?
4 मई, 2022 को हरियाणा के हिसार ज़िले में टीबी की जाँच के लिये एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह पायलट प्रोजेक्ट नौ महीने के लिये शुरू किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- डिप्टी सीएमओ डॉ. अनामिका ने बताया कि देश में पहली बार शुरू किये गए इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मरीज़ की पहचान जल्दी करना है।
- टीबी की जाँच रिपोर्ट अब 5 दिन में नहीं, बल्कि एक दिन में ही मिलेगी, जिससे संक्रमण पर अंकुश लगेगा।
- आईडीडीएस एजेंसी इस प्रोजेक्ट को लेकर आई है तथा यूएस एंड संस्था जाँच का खर्च उठा रही है।
- पहले टीबी की जाँच की जाती थी, तो 100 में से 60 प्रतिशत ही लोग पकड़ में आते थे। ऐसे में ये लोग टीबी का संक्रमण फैलाते थे।
- आईडीडीएस एजेंसी ने थायरो केयर लैब से करार किया है। दो संस्थाएँ तीन और छह महीने में सर्वे करेंगी। इसके बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। अगर रिपोर्ट सकारात्मक आती है, तो इस प्रोजेक्ट को पूरे देश में शुरू किया जाएगा।