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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 May 2022
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‘ऑपरेशन प्रहार’

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में गंभीर आपराधिक घटनाओं में शामिल अभियुक्तों के साथ शराबबंदी कानून का उल्लंघन करनेवालों की गिरफ्तारी के लिये चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन प्रहार’ के तहत पुलिस ने अप्रैल में 8,859 गिरफ्तारी की हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत एंटी-लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) ने 1.59 लाख लीटर शराब बरामद कर इसमें संलग्न लोगों को गिरफ्तार किया है।  
  • पुलिस मुख्यालय के आदेश पर गंभीर आपराधिक घटनाओं में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये ज़िला स्तर पर 67 वज्र टीम तथा प्लाटून का गठन किया गया है। 
  • एएलटीएफ के द्वारा गिरफ्तारी के मामले में 397 लोगों की गिरफ्तारी के साथ मुज़फ्फरपुर ज़िला सबसे आगे रहा, जबकि 298 गिरफ्तारी के साथ सारण दूसरे और 294 गिरफ्तारी के साथ मोतिहारी तीसरे स्थान पर रहा।  
  • गौरतलब है कि बिहार मद्यनिषेध व उत्पाद अधिनियम को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से मार्च 2022 में इसमें संशोधन किया गया है, जिसके प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं- 
    • इस संशोधन के तहत 2016 के मूल कानून में परिवर्तन करते हुए अब शराब पीते हुए पकड़े जाने पर ज़ुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। हालाँकि, ज़ुर्माने की रकम अदा कर छूट जाना अभियुत्त का अधिकार नहीं होगा। 
    • साथ ही, अगर कोई व्यक्ति शराब या मादक द्रव्य के प्रभाव में पाया जाता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर नज़दीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। 
    • यदि शराब की थोक बरामदगी किसी ऐसे अस्थायी परिसर से होती है, जिसे सीलबंद नहीं किया जा सकता है तो कलक्टर के आदेश से ऐसे परिसर को ध्वस्त किया जा सकता है। 

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