झारखंड समेत कई राज्यों में हीटवेव का प्रकोप | झारखंड | 05 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो-तीन दिनों में कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों में लू/हीटवेव चलने का पूर्वानुमान किया है।
मुख्य बिंदु:
- मौसम विभाग ने अप्रैल-जून 2024 के दौरान देश के अधिकांश क्षेत्रों में शुष्क गर्मी का पूर्वानुमान किया है।
- इस अवधि के दौरान 10 से 20 दिनों तक चलने वाली हीटवेव की उच्च संभावना है।
- अप्रैल के दौरान प्री-मानसून वर्षा का प्रदर्शन मुख्य रूप से तटीय भारत, पूर्वी और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में औसत से नीचे रहेगा।
- वर्षा का पूर्वानुमान बताता है कि फरवरी 2024 से इन क्षेत्रों में शुष्क मौसम जारी रहेगा।
- वर्ष 2024 की गर्मी के मौसम में शुष्कता और जल की कमी बढ़ जाएगी।
हीटवेव:
- हीटवेव, चरम गर्म मौसम की लंबी अवधि होती है जो मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
- भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण विशेष रूप से हीटवेव के प्रति अधिक संवेदनशील है, जो हाल के वर्षों में लगातार और अधिक तीव्र हो गई है
- भारत में हीटवेव घोषित करने के लिये भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मानदंड:
- यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुँच जाता है तो इसे हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- यदि किसी स्टेशन का सामान्य अधिकतम तापमान 40°C से अधिक है, तो सामान्य तापमान से 4°C से 5°C की वृद्धि को लू की स्थिति माना जाता है
- यदि किसी स्टेशन का सामान्य अधिकतम तापमान 40°C से कम या उसके बराबर है, तो सामान्य तापमान से 5°C से 6°C की वृद्धि को हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- इसके अलावा 7 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- यदि किसी स्टेशन का सामान्य अधिकतम तापमान 40°C से अधिक है, तो सामान्य तापमान से 4°C से 5°C की वृद्धि को हीटवेव की स्थिति माना जाता है। इसके अलावा 6 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- इसके अतिरिक्त यदि सामान्य अधिकतम तापमान के बावजूद वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहता है, तो हीटवेव घोषित किया जाता है।