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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Apr 2023
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बनारसी पान, बनारसी लंगड़ा आम, रामनगर भाटा (बैंगन) और चंदौली का आदमचीनी चावल को मिला जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

3 अप्रैल, 2023 को जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बनारसी पान, बनारसी लंगड़ा आम, रामनगर भाटा (बैंगन) और चंदौली का आदमचीनी चावल के साथ अन्य 7 उत्पादों को जीआई सर्टिफिकेट मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि जीआई टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है। ऐसा प्रोडक्ट जिसकी विशेषता या फिर नाम खास तौर से प्रकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है।
  • धार्मिक और पर्यटन नगरी काशी जीआई हब के रूप में उभरी है। यहाँ के खास बनारसी लंगड़ा आम, बनारसी पान, रामनगर के भाटा (सफेद बड़ा गोल बैंगन) और आदमचीनी चावल (ज़िला चंदौली) को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (Geographical Indications) एवं बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) का तमगा मिला है।
  • जीआई विशेषज्ञ ने बताया कि नाबार्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से प्रदेश के 11 उत्पादों को इस वर्ष जीआई टैग प्राप्त हुआ है, जिसमें 7 उत्पाद ओडीओपी (one district one product) में भी शामिल है और 4 कृषि एवं उद्यान से संबंधित उत्पाद काशी क्षेत्र से है। इनकी कुल संख्या अब 45 हो गई है।
  • इस माह के अंत तक 9 और उत्पादों को जीआई टैग मिलने की उम्मीद है।


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