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सीएससी की तरह विकसित किये जाएंगे बिहार के 8463 पैक्स
चर्चा में क्यों?
3 अप्रैल, 2023 को बिहार के सहकारिता विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के सभी 8,463 पैक्सों (प्राथमिक कृषि साख समिति) को अब सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सहकारिता विभाग के मुताबिक, बिहार के किसान अब पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) में ई-केवाईसी करा सकेंगे। यह सुविधा कंप्यूटरीकृत किये जा रहे सभी 8,463 पैक्स में मिलेगी।
- पैक्सों के सामान्य सेवा केंद्रों के रूप में विकसित होने से 300 से अधिक सेवाएँ ग्रामीणों को मिल सकेंगी। किसान और अन्य ग्रामीण जल्द ही पैक्स के माध्यम से बैंकिंग, पीएम किसान ई-केवाईसी जैसी सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
- पैक्स को सामान्य सेवा केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को प्रदान करने के लिये सक्षम बनाए जाने हेतु सरकार की ओर से ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल से पैक्स कॉमन सर्विस सेंटर योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएँ नागरिकों को प्रदान करने में सक्षम होगी।
- पैक्सों में ई-गवर्नेंस से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन का लक्ष्य रखा गया है, इसलिये सरकार ने पैक्स का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है तथा पैक्स से और अधिक किसानों को जोड़ा जाएगा।
- पैक्सों के माध्यम से अब बैंकिंग, इंश्योरेंस आधार, नामांकन, अपडेट, कानूनी सेवाएँ, कृषि इनपुट जैसे कृषि उपकरण,पैन कार्ड और आईआरसीटीसी, रेल, बस व विमान टिकट संबंधी सेवाएँ भी नागरिकों को प्रदान किया जाएगा।
- इसके अलावा, पैक्स जल वितरण, भंडारण, बैंक मित्र सहित अलग-अलग गतिविधियाँ भी चला सकेंगे। पैक्स की व्यवसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में भी मदद मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि सहकारिता के क्षेत्र में उठाया गया ये ऐतिहासिक कदम है। सहकारिता विभाग अभी से ग्रामीण अंचलों के लोगों और किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का काम कर रही है।
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