झारखंड Switch to English
सरहुल पर्व
चर्चा में क्यों?
4 अप्रैल, 2022 को आदिवासी समाज का सबसे बड़ा प्रकृति पर्व ‘सरहुल’ पूरे झारखंड में धूमधाम से मनाया गया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य की राजधानी के विभिन्न सरना स्थानों से आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हटमा स्थित सरना स्थल से निकाली गई शोभायात्रा प्रमुख थी।
- इस शोभायात्रा में आदिवासी समाज की महिलाएँ व पुरुष मांदर की थाप पर पूरे ताल में नृत्य कर रहे थे।
- गौरतलब है कि सरहुल मध्य-पूर्व भारत और मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों (मुख्यत: झारखंड, ओडिशा, बंगाल) में मनाया जाता है।
- चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को आयोजित किया जाने वाला यह त्योहार धरती एवं सूर्य के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- यह पर्व नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। इस पर्व पर पेड़ और प्रकृति के अन्य तत्त्वों की पूजा होती है, इस समय साल (शोरिया रोबस्टा) वृक्षों की शाखाओं पर नए फूल खिलते हैं। इस दिन झारखंड में राजकीय अवकाश रहता है।
Switch to English