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स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Apr 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

स्कूल चलो अभियान

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सबसे कम साक्षरता दर वाले ज़िले श्रावस्ती में महीने भर चलने वाले ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • इसका उद्देश्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना है।
  • इस अभियान के तहत कम साक्षरता दर वाले ज़िलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, बदायूँ और रामपुर शामिल हैं।
  • मुख्यमंत्री ने विधायकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से एक-एक स्कूल अपनाने और अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालयों, स्मार्ट कक्षाओं, सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था, शौचालय आदि जैसी सुविधाओं के संदर्भ में स्कूलों के परिवर्तन की दिशा में काम करने का भी निर्देश दिया।
  • गौरतलब है कि 2017 में ऑपरेशन कायाकल्प के शुभारंभ के बाद से 1.34 लाख प्राथमिक विद्यालयों में पेयजल सुविधा, फर्नीचर, शौचालयों के निर्माण, स्मार्ट क्लास को शामिल करने और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में सुधार के प्रावधान के साथ उत्तर प्रदेश में स्कूलों को नया रूप दिया गया है।

बिहार Switch to English

बिहार राज्य सूचना आयोग के दो नए सूचना आयुक्तों ने ली शपथ

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को बिहार के राज्यपाल फग्गू चौहान ने फूल चंद्र चौधरी और त्रिपुरारी शरण को राज्य के सूचना आयुक्त के रूप में शपथ दिलवाई।

प्रमुख बिंदु

  • बिहार राज्य सूचना आयोग एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना जून 2006 में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 15 के तहत की गई थी।
  • गौरतलब है कि बिहार राज्य सूचना आयोग में वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त सूचना आयुक्त के तीन पद हैं। 
  • राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिन्हा हैं।

राजस्थान Switch to English

आरटीआई पोर्टल 2.0 लॉन्च

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को राज्य में सूचना के अधिकार के तहत मामलों के त्वरित निस्तारण के लिये राज्य सूचना आयोग द्वारा आरटीआई पोर्टल 2.0 लॉन्च किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त डी.बी. गुप्ता ने सूचना आयोग कार्यालय में आरटीआई पोर्टल को लॉन्च किया। वर्तमान में 275 विभाग पोर्टल से जुड़े हैं।
  • इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को भी आरटीआई में अपील दायर करने में सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन दायर द्वितीय अपील की स्वीकार्यता, अस्वीकार्यता, प्रथम सुनवाई नोटिस तथा केस संख्या भी प्रार्थी को ऑनलाइन प्राप्त हो सकेंगी। 
  • नागरिक ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग कर या ई-मित्र की सहायता से आवेदन दाखिल करने के साथ-साथ आवेदन शुल्क भी ऑनलाइन जमा करा सकेंगे। इसके अलावा द्वितीय अपील के नोटिस और पत्र आदि भी एसएमएस व ईमेल के माध्यम से स्वत: पहुँचेंगे। इससे प्रकरणों के निस्तारण में तेज़ी आएगी।

राजस्थान Switch to English

मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट वैन

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिवालय परिसर से राजस्थान पुलिस की मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एमआईयू) वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु

  • ये एमआईयू वैन ज़िला मुख्यालय से दूर स्थित थानों में उपयोग में लाई जाएंगी। इनकी सहायता से दूरस्थ स्थानों पर होने वाली घटनाओं में त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी और अनुसंधान में लगने वाला समय भी बचेगा
  • इस अवसर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर ने बताया कि एमआईयू उपलब्ध होने से जाँच अधिकारी त्वरित गति से मौके पर पहुँचेंगे और गैजेट्स की मदद से मौके पर ही अनुसंधान किया जा सकेगा। 
  • इससे गवाहों को बुलाना नहीं पड़ेगा और जाँच का औसत समय कम होने के साथ ही इन्वेस्टिगेशन क्वालिटी में भी सुधार होगा।
  • गौरतलब है कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2021-22 के तहत करीब 71 एमआईयू वैन पुलिस को सौंपी जाएंगी। इनमें से अभी तक 48 एमआईयू पुलिस को प्राप्त हो चुकी हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘मध्य प्रदेश सुशासन एवं विकास रिपोर्ट-2022’

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में ‘मध्य प्रदेश सुशासन एवं विकास रिपोर्ट-2022’ के पहले संस्करण का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022 अपनी तरह का पहला दस्तावेज़ है, जो मध्य प्रदेश की अनूठी शासन प्रथाओं को सामने लाता है, जिसमें सामुदायिक जुड़ाव और भागीदारी, मज़बूत नीतिगत उपाय, कुशल वितरण प्रणाली, साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और व्यापक निगरानी शामिल हैं।
  • मध्य प्रदेश सरकार के स्वायत्त निकाय, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) भोपाल द्वारा इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। 
  • रिपोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गईं कई अहम पहल, जिनमें स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पॉलिसी एनालिसिस, मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश रोड मैप, समाधान ऑनलाइन, सीएम हेल्पलाइन आदि की स्थापना शामिल हैं।
  • ‘मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022’ (MPSDR) में कुल 12 अध्याय हैं, जिन्हें पाँच पार्ट में बाँटा गया है। 
  • इसके पहले खंड में दो अध्याय सुशासन पर हैं, जिनमें 15 साल के दौरान प्रदेश में सुशासन की विशिष्टताओं का ज़िक्र किया गया है। 
  • दूसरे खंड में कोरोना काल और उसके असर का ज़िक्र है। साथ ही महामारी के प्रबंधन और इससे हुए बदलाव व विकास की चर्चा भी की गई है।
  • रिपोर्ट के तीसरे खंड के पहले अध्याय में बताया गया है कि राज्य कृषि क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्रणी रहा है। प्रदेश खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक, बागवानी फसलों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक तथा पोषक-अनाज में पाँचवा सबसे बड़ा उत्पादक है। 
  • तीसरे अध्याय में ही उद्योग और व्यापार का ज़िक्र एवं विश्लेषण किया गया है। आदिवासी क्षेत्रों में विशेष फोकस के साथ वित्तीय समावेशन पर ज़ोर दिया गया है।
  • पाँचवा अध्याय जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान के दोहन पर है। ये जैव विविधता की भूमिका और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के महत्त्व पर चर्चा करता है।
  • 6वें अध्याय में आयुष क्षेत्र तथा 7वें अध्याय में शहरी विकास की चर्चा है।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में बताया कि-
    • प्रदेश की विकास दर (19.7 प्रतिशत) देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
    • बिजली का उत्पादन 5 हज़ार मेगावाट से बढ़ाकर 21 हज़ार मेगावाट तक पहुँचाया गया। 
    • कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्य प्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूँ उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है।
    • प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है। मध्य प्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है।
    • मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसने पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाया। समय पर सेवाएँ न देने वाले लोग दंडित किये जाते हैं।

हरियाणा Switch to English

एचएयू में सीड प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. कांबोज ने विश्वविद्यालय के फार्म निदेशालय में 84 लाख रुपए की लागत से बने सीड प्रोसेसिंग प्लांट व कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस नए प्लांट की मदद से विश्वविद्यालय कम समय में अधिक एवं गुणवत्तापूर्ण बीज़ किसानों को मुहैया करवाएगा। 
  • यह सीड प्रोसेसिंग प्लांट अत्यंत आधुनिक व स्वचालित है, जिसकी क्षमता 40 क्विंटल प्रति घंटा है। पहले से लगे सीड प्रोसेसिंग प्लांट की क्षमता 20 क्विंटल प्रति घंटा थी।
  • यह प्लांट डस्ट एस्पीरेशन सिस्टम से युक्त होने के कारण सीड प्रोसेसिंग के दौरान सीड प्रोसेसिंग हॉल में धूल-मिट्टी नहीं होती और प्लांट पर कार्य करने वाले व्यक्ति श्वास संबंधी घातक बीमारियों से बचे रहते हैं।
  • इस सीड प्रोसेसिंग प्लांट में मुख्यत: गेहूँ, जौ, सरसों, चना, मूंग, ग्वार, बाज़रा इत्यादि फसलों के बीज़ तैयार होंगे। 
  • यह प्लांट हरियाणा स्टेट सीड सर्टिफिकेशन एजेंसी (एच.एस.एस.सी.ए) से प्रमाणित है। 
  • अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों को रबी व खरीफ की विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवा रहा है। केवल फार्म निदेशालय में ही हर साल करीब 10 हज़ार क्विंटल बीज़ तैयार किया जाता है।

झारखंड Switch to English

सरहुल पर्व

चर्चा में क्यों?

4 अप्रैल, 2022 को आदिवासी समाज का सबसे बड़ा प्रकृति पर्व ‘सरहुल’ पूरे झारखंड में धूमधाम से मनाया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य की राजधानी के विभिन्न सरना स्थानों से आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हटमा स्थित सरना स्थल से निकाली गई शोभायात्रा प्रमुख थी।
  • इस शोभायात्रा में आदिवासी समाज की महिलाएँ व पुरुष मांदर की थाप पर पूरे ताल में नृत्य कर रहे थे।
  • गौरतलब है कि सरहुल मध्य-पूर्व भारत और मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों (मुख्यत: झारखंड, ओडिशा, बंगाल) में मनाया जाता है
  • चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को आयोजित किया जाने वाला यह त्योहार धरती एवं सूर्य के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
  • यह पर्व नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। इस पर्व पर पेड़ और प्रकृति के अन्य तत्त्वों की पूजा होती है, इस समय साल (शोरिया रोबस्टा) वृक्षों की शाखाओं पर नए फूल खिलते हैं। इस दिन झारखंड में राजकीय अवकाश रहता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

देश में सबसे कम बेरोज़गारी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ अव्वल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी संगठन द्वारा जारी किये गए बेरोज़गारी के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार मार्च माह में सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है।

प्रमुख बिंदु

  • नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर (0.6 प्रतिशत) पर पहुँच गई है। देश में बेरोज़गारी दर 7.5 प्रतिशत है। शहरी बेरोज़गारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोज़गारी दर 7.1 प्रतिशत है।
  • 2 अप्रैल, 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोज़गारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत तथा हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।  
  • छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गाँवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है। 
  • इसी मॉडल के अंतर्गत गाँवों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिये सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 
  • प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए-नए अवसर सृजित हो रहे हैं। इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है, जिससे प्रदेश में बेरोज़गारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 
  • कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही, तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। 
  • छत्तीसगढ़ में आने वाले 5 वर्षों में 12 से 15 लाख रोज़गार के नए अवसरों का निर्माण करने के लिये रोज़गार मिशन का संचालन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य के तीन फेंसिंग खिलाड़ी जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिये चयनित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में फेंसिंग जूनियर एवं कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिये छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ियों- सुखम निंगथौबा, के. डेनी सिंह और एस.एन. शिवा मगेश का चयन हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ के इन तीनों खिलाड़ियों का चयन हरियाणा के सोनीपत में 25 से 28 दिसंबर, 2022 तक आयोजित 29वीं जूनियर राष्ट्रीय फेंसिंग चैंपियनशिप (बालक एवं बालिका) में व्यक्तिगत इवेंट में पदक प्राप्त करने पर किया गया है। 
  • इस चैंपियनशिप के फॉइल इवेंट में सुखम निंगथौबा एवं के. डेनी सिंह ने क्रमशः रजत एवं कांस्य पदक वहीं एस.एन. शिवा मगेश ने ईपी इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था।
  • गौरतलब है कि इंटरनेशनल फेंसिंग फेडरेशन के तत्वावधान में यूनाइटेड अरब अमीरात फेंसिंग महासंघ द्वारा जूनियर एवं कैडेट वर्ल्ड फेंसिंग चैंपियनशिप (बालक एवं बालिका) का आयोजन दुबई हमदान स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 2 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। 
  • इस चैंपियनशिप में फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा भारतीय जूनियर एवं कैडेट (बालक एवं बालिका) फेंसिंग टीम की 47 सदस्यीय फेंसिंग टीम भेजी जा रही है।
  • छत्तीसगढ़ प्रदेश फेंसिंग एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एवं वर्तमान में सदस्य समीर खान को फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा भारतीय जूनियर एवं कैडेट फेंसिंग टीम का टीम मैनेजर नियुक्त किया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के हर ज़िले में गठित होगी सड़क सुरक्षा समिति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड सड़क सुरक्षा के नोडल अधिकारी सुधांशु गर्ग ने बताया कि राज्य के प्रत्येक ज़िले में डीएम की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • इन समितियों का गठन सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।
  • इसमें एसपी, सीएमओ, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन, मंत्रालय के प्रतिनिधि, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, निगम-पालिका के ईई एवं किसी सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि सदस्य, जबकि स्टेट हाईवेज के अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।
  • यह समिति हर ज़िले में सड़क सुरक्षा प्लान बनाएगी, जिसमें ज़िले में बड़े हादसे होने की स्थिति से निपटने के लिये इमरजेंसी मेडिकल प्लान भी शामिल होगा।
  • महीने में कम-से-कम एक बार इस ज़िला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होगी।
  • गौरतलब है कि भारत ब्रासीलिया घोषणा का एक हस्ताक्षरकर्त्ता देश है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया था।

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