राजस्थान ने शहरी रोज़गार योजना का नए नगर निकायों तक विस्तार किया | राजस्थान | 05 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ग्राम पंचायतों को शहरी स्थानीय निकायों में परिवर्तित करने के बाद रोज़गार के अवसर खो चुके ग्रामीणों के लिये एक बड़ी जीत में, राजस्थान सरकार 42 नव-निर्मित नगर परिषदों में शहरी रोज़गार गारंटी योजना शुरू करने पर सहमत हुई है।
मुख्य बिंदु:
- नगर परिषदों में गारंटीकृत रोज़गार कार्य: स्थानीय स्वशासन विभाग ने 27 ज़िलों में नवगठित नगर परिषदों में गारंटीकृत रोज़गार कार्य शुरू किये हैं। अधिकारियों के नियमित पद सृजित होने तक परिषदों के निकटतम शहरी निकायों को प्रभारी के रूप में नामित किया जाता है।
- ग्रामीणों की चिंताएँ: पिछले वर्ष जुलाई में शहरी स्थानीय निकायों में परिवर्तित ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत कार्य रोक दिया गया था, जिससे ग्रामीण प्रभावित हुए जो आजीविका के लिये इस योजना पर निर्भर थे।
- अनिश्चितकालीन धरना: रोज़गार कार्यों को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जनवरी के अंत में भीम में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया
- राजस्थान असंगठित मज़दूर संघ की भूमिका: आंदोलन का नेतृत्व मज़दूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) से जुड़े राजस्थान असंगठित मज़दूर संघ ने किया था, जो सूचना के अधिकार आंदोलन में अपनी भूमिका के लिये जाना जाता है।
- शहरी रोज़गार गारंटी योजना: सितंबर 2022 में कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य शहरी गरीबों को सालाना 100 दिन का कार्य देकर आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
- ज्ञापन प्रस्तुत: प्रतिभागियों ने खंड विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें भीम नगर परिषद में शीघ्र जॉब कार्ड जारी करने और कार्य आवंटन का आग्रह किया गया।
- कार्यों के प्रकार: योजना के तहत कार्यों में वृक्षारोपण, तालाब की सफाई, कचरा संग्रहण, पृथक्करण और आवारा जानवरों को पकड़ना शामिल है।
शहरी रोज़गार गारंटी योजना
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर शहरी रोज़गार गारंटी योजना, शहरों में रहने वाले गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये सितंबर 2022 में राजस्थान राज्य में शुरू की गई थी।
- योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रतिवर्ष 100 दिन का रोज़गार प्रदान किया जाएगा।
- राजस्थान सरकार ने इसे वर्ष 2006 में केंद्र में शुरू की गई ग्रामीणों के लिये मनरेगा की तर्ज पर शहरों में रहने वाले लोगों को गारंटीकृत रोज़गार देने वाली देश की सबसे बड़ी योजना बताया था।
- शहरी स्थानीय निकायों की सीमा के भीतर रहने वाले 18 से 60 वर्ष की आयु के लोग चिह्नित क्षेत्रों में रोज़गार मांगने और प्राप्त करने के पात्र हैं।
राजस्थान सरकार: आर्थिक वृद्धि के लिये अभिनव पर्यटन नीति | राजस्थान | 05 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक नई नीति की घोषणा करने की योजना बना रही है, जिसमें आवासीय क्षेत्रों में होटलों को नियमित करना और हेरिटेज रेस्तरां को बार लाइसेंस देने के नियमों में बदलाव शामिल हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
- क्षेत्रों में होटलों का नियमितीकरण: नीति का उद्देश्य राज्य में होटल उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग को संबोधित करते हुए आवासीय क्षेत्रों में चल रहे होटलों को नियमित करना है।
- हेरिटेज रेस्तरां के लिये बार लाइसेंसिंग में बदलाव: हेरिटेज रेस्तरां को बार लाइसेंस देने के नियमों में समायोजन किया जाएगा।
- पर्यटन क्षेत्र में सर्विस अपार्टमेंट को शामिल करना: यह नीति संभवतः सर्विस अपार्टमेंट को पर्यटन क्षेत्र से जोड़ेगी, जिससे पर्यटकों के लिये आवास विकल्पों का विस्तार होगा।
- पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में रिसॉर्ट्स खोलना: पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में रिसॉर्ट्स खोलने की अनुमति देने के लिये मास्टर प्लान में बदलाव प्रस्तावित हैं, जिससे संभावित रूप से स्थायी पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- अन्य विभागों के साथ सहयोग: राज्य सरकार नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये अन्य विभागों के साथ सहयोग करने की योजना बना रही है।
- ग्रामीण पर्यटन, गेस्ट हाउस और हेरिटेज रेस्तरां: नई नीति में ग्रामीण पर्यटन, गेस्ट हाउस विनियमन और हेरिटेज रेस्तरां के लिये समर्थन के प्रावधान शामिल हो सकते हैं।
- टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल एजेंटों की भागीदारी: इस बार, नीति का उद्देश्य व्यापक हितधारक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए इसके निर्माण में टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल एजेंटों को शामिल करना है।
- महत्त्वपूर्ण स्थलों, मेलों और त्योहारों का विकास: नीति महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के विकास के लिये रणनीतियों की रूपरेखा तैयार कर सकती है, साथ ही पर्यटन के अनुभवों को बढ़ाने हेतु मेलों और त्योहारों के लिये समर्थन भी दे सकती है।