मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश: क्वीन ऑन द व्हील
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और महिला यात्रियों को सशक्त बनाने के लिये 'क्वीन ऑन द व्हील' महिला बाइकिंग टूर को हरी झंडी दिखाई।
- महिला बाइकिंग यात्रा का समापन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर होगा।
मुख्य बिंदु:
- प्रतिभागी: नागपुर में रहने वाली एक ब्राज़ीलियाई राइडर सहित पूरे भारत से कुल 25 महिला बाइकर्स इस दौरे में भाग ले रही हैं।
- उद्देश्य: इस दौरे का उद्देश्य मध्य प्रदेश को महिला यात्रियों के लिये एक सुरक्षित और सशक्त गंतव्य के रूप में स्थापित करना, महिला सशक्तीकरण तथा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।
- यात्रा कार्यक्रम: बाइकर्स चंदेरी, श्योपुर ज़िले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान, ग्वालियर, ओरछा और खजुराहो का दौरा करेंगे तथा इन स्थानों की सुंदरता व संस्कृति का अनुभव करेंगे।
- सुरक्षा सावधानियाँ: पूरी सुरक्षा सावधानियाँ बरती गई हैं, जिसमें राइडर्स के साथ आने वाले मैकेनिकों के साथ एम्बुलेंस और सहायक वाहन भी शामिल हैं। सभी प्रतिभागियों के लिये बीमा प्रदान किया गया है और आपात स्थिति में सहायता के लिये मार्ग की पूरी तरह से जाँच की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
- महिला दिवस पहली बार वर्ष 1911 में क्लारा ज़ेटकिन द्वारा मनाया गया था, जो एक जर्मन महिला थीं। इस उत्सव की शुरुआत पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में श्रमिक आंदोलन के दौरान हुई थी।
- हालाँकि पहली बार वर्ष 1913 में यह समारोह 8 मार्च को मनाया गया था और तब से इसी दिन मनाया जाता है।
- वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1975 में मनाया गया था।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान ने शहरी रोज़गार योजना का नए नगर निकायों तक विस्तार किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ग्राम पंचायतों को शहरी स्थानीय निकायों में परिवर्तित करने के बाद रोज़गार के अवसर खो चुके ग्रामीणों के लिये एक बड़ी जीत में, राजस्थान सरकार 42 नव-निर्मित नगर परिषदों में शहरी रोज़गार गारंटी योजना शुरू करने पर सहमत हुई है।
मुख्य बिंदु:
- नगर परिषदों में गारंटीकृत रोज़गार कार्य: स्थानीय स्वशासन विभाग ने 27 ज़िलों में नवगठित नगर परिषदों में गारंटीकृत रोज़गार कार्य शुरू किये हैं। अधिकारियों के नियमित पद सृजित होने तक परिषदों के निकटतम शहरी निकायों को प्रभारी के रूप में नामित किया जाता है।
- ग्रामीणों की चिंताएँ: पिछले वर्ष जुलाई में शहरी स्थानीय निकायों में परिवर्तित ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत कार्य रोक दिया गया था, जिससे ग्रामीण प्रभावित हुए जो आजीविका के लिये इस योजना पर निर्भर थे।
- अनिश्चितकालीन धरना: रोज़गार कार्यों को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जनवरी के अंत में भीम में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया
- राजस्थान असंगठित मज़दूर संघ की भूमिका: आंदोलन का नेतृत्व मज़दूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) से जुड़े राजस्थान असंगठित मज़दूर संघ ने किया था, जो सूचना के अधिकार आंदोलन में अपनी भूमिका के लिये जाना जाता है।
- शहरी रोज़गार गारंटी योजना: सितंबर 2022 में कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य शहरी गरीबों को सालाना 100 दिन का कार्य देकर आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
- ज्ञापन प्रस्तुत: प्रतिभागियों ने खंड विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें भीम नगर परिषद में शीघ्र जॉब कार्ड जारी करने और कार्य आवंटन का आग्रह किया गया।
- कार्यों के प्रकार: योजना के तहत कार्यों में वृक्षारोपण, तालाब की सफाई, कचरा संग्रहण, पृथक्करण और आवारा जानवरों को पकड़ना शामिल है।
शहरी रोज़गार गारंटी योजना
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर शहरी रोज़गार गारंटी योजना, शहरों में रहने वाले गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये सितंबर 2022 में राजस्थान राज्य में शुरू की गई थी।
- योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रतिवर्ष 100 दिन का रोज़गार प्रदान किया जाएगा।
- राजस्थान सरकार ने इसे वर्ष 2006 में केंद्र में शुरू की गई ग्रामीणों के लिये मनरेगा की तर्ज पर शहरों में रहने वाले लोगों को गारंटीकृत रोज़गार देने वाली देश की सबसे बड़ी योजना बताया था।
- शहरी स्थानीय निकायों की सीमा के भीतर रहने वाले 18 से 60 वर्ष की आयु के लोग चिह्नित क्षेत्रों में रोज़गार मांगने और प्राप्त करने के पात्र हैं।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान सरकार: आर्थिक वृद्धि के लिये अभिनव पर्यटन नीति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक नई नीति की घोषणा करने की योजना बना रही है, जिसमें आवासीय क्षेत्रों में होटलों को नियमित करना और हेरिटेज रेस्तरां को बार लाइसेंस देने के नियमों में बदलाव शामिल हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
- क्षेत्रों में होटलों का नियमितीकरण: नीति का उद्देश्य राज्य में होटल उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग को संबोधित करते हुए आवासीय क्षेत्रों में चल रहे होटलों को नियमित करना है।
- हेरिटेज रेस्तरां के लिये बार लाइसेंसिंग में बदलाव: हेरिटेज रेस्तरां को बार लाइसेंस देने के नियमों में समायोजन किया जाएगा।
- पर्यटन क्षेत्र में सर्विस अपार्टमेंट को शामिल करना: यह नीति संभवतः सर्विस अपार्टमेंट को पर्यटन क्षेत्र से जोड़ेगी, जिससे पर्यटकों के लिये आवास विकल्पों का विस्तार होगा।
- पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में रिसॉर्ट्स खोलना: पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में रिसॉर्ट्स खोलने की अनुमति देने के लिये मास्टर प्लान में बदलाव प्रस्तावित हैं, जिससे संभावित रूप से स्थायी पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- अन्य विभागों के साथ सहयोग: राज्य सरकार नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये अन्य विभागों के साथ सहयोग करने की योजना बना रही है।
- ग्रामीण पर्यटन, गेस्ट हाउस और हेरिटेज रेस्तरां: नई नीति में ग्रामीण पर्यटन, गेस्ट हाउस विनियमन और हेरिटेज रेस्तरां के लिये समर्थन के प्रावधान शामिल हो सकते हैं।
- टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल एजेंटों की भागीदारी: इस बार, नीति का उद्देश्य व्यापक हितधारक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए इसके निर्माण में टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल एजेंटों को शामिल करना है।
- महत्त्वपूर्ण स्थलों, मेलों और त्योहारों का विकास: नीति महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के विकास के लिये रणनीतियों की रूपरेखा तैयार कर सकती है, साथ ही पर्यटन के अनुभवों को बढ़ाने हेतु मेलों और त्योहारों के लिये समर्थन भी दे सकती है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
यूपी सरकार ने स्कूलों और आंगनवाड़ी के लिये धनराशि आवंटित की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य के 100 अविकसित शहरों में विकास को गति देने के लिये, उत्तर प्रदेश सरकार ने आकांक्षी शहर कार्यक्रम शुरू किया है।
मुख्य बिंदु:
- इस प्रयास के हिस्से के रूप में, प्रारंभिक केंद्र इन शहरों में स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को व्यापक रूप से बदलने पर होगा।
- मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में आंगनबाडी केंद्रों के लिये अलग से योजना तैयार की गई है।
- मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, राज्य के 100 महत्त्वाकांक्षी शहरी क्षेत्रों में कुल 913 स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा, साथ ही 25 अतिरिक्त नए स्कूल स्थापित किये जाएंगे।
- राज्य के 100 अविकसित शहरी क्षेत्रों में, राज्य सरकार वर्तमान में किराए या वैकल्पिक सरकारी संरचनाओं में स्थित 348 आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये नए भवन बनाने की योजना बना रही है।
- इसके अलावा, इन आकांक्षी शहरी क्षेत्रों में वर्तमान में किराए या वैकल्पिक सरकारी सुविधाओं में संचालित 348 आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये नए भवनों का निर्माण किया जाएगा।
- राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिये 143 करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया है।
- कुल 35.5 करोड़ रुपए की लागत से 25 नए मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय भी स्थापित किये जाएंगे, प्रत्येक स्कूल पर 1.42 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस प्रकार, राज्य सरकार उन्नयन और नए स्कूल खोलने के लिये 101.83 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
नोट:
उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी के 38 ज़िलों के 100 नगर निकायों को आकांक्षी शहरी निकाय श्रेणी में रखा है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
ओखला पक्षी अभयारण्य ने विश्व वन्यजीव दिवस मनाया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ओखला पक्षी अभयारण्य में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया, जिसमें इसकी समृद्ध जैवविविधता पर प्रकाश डाला गया और मिशन लाइफ पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- प्रत्येक वर्ष जंगली जीवों और पौधों का उत्सव मनाने के लिये 3 मार्च को WWD मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु:
- WWD 2024 की थीम: WWD 2024 की थीम थी "व्यक्तियों और पृथ्वी को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज।" इस विषय में वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में डिजिटल नवाचारों की भूमिका पर ज़ोर दिया गया।
- अंतर-पीढ़ीगत आदान-प्रदान: यह आयोजन स्थायी डिजिटल वन्यजीव संरक्षण पर कला, प्रस्तुतियों और चर्चा जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अंतर-पीढ़ीगत आदान-प्रदान एवं युवा सशक्तीकरण के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।
- तकनीकी नवाचार की भूमिका: अनुसंधान उपकरण, संचार विधियों, ट्रैकिंग सिस्टम और डीएनए विश्लेषण जैसी तकनीकी प्रगति ने अधिक कुशल एवं सटीक वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को सुविधाजनक बनाया है।
- डिजिटल क्रांति: वैश्विक डिजिटल क्रांति जन-केंद्रित डिजिटल शासन की बाधाओं को तोड़ रही है और वन्यजीव संरक्षण के लिये डिजिटल परिवर्तन में शामिल होने के लिये सभी को समान अवसर प्रदान कर रही है।
- आयोजित गतिविधियाँ: कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें इको ट्रेल्स, पोस्टर मेकिंग और ऑन-द-स्पॉट हाथ तथा चेहरे की पेंटिंग शामिल हैं, जो सभी WWD 2024 की थीम पर केंद्रित थीं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
बच्चों के लिये शैक्षिक सशक्तीकरण पहल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम, REC लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले में लगभग 75,500 बच्चों की शिक्षा का समर्थन करने के लिये विज्ञान और शैक्षिक विकास इकाई (UNISED) के साथ साझेदारी की है।
मुख्य बिंदु:
- वित्तीय प्रतिबद्धता: आरईसी लिमिटेड की CSR शाखा, REC फाउंडेशन ने सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित करते हुए, इस पहल के लिये 9.91 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
- समझौता ज्ञापन (MOA): नई दिल्ली में REC फाउंडेशन और यूनिसेड के बीच एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जो सिद्धार्थनगर ज़िले में वंचित बच्चों के लिये शैक्षिक अवसरों में सुधार हेतु उनकी प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है।
- उद्देश्य: सहयोग का उद्देश्य सौर ऊर्जा से संचालित स्मार्ट कक्षाओं और आनंददायक शिक्षण संसाधन प्रयोगशालाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शैक्षिक बुनियादी ढाँचे तथा संसाधनों को बढ़ाना है।
- यह पहल छात्रों को आधुनिक शैक्षिक उपकरणों के साथ सशक्त बनाने और शैक्षणिक एवं रचनात्मक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने हेतु डिज़ाइन की गई है।
- आरईसी फाउंडेशन की पूर्व पहल: आरईसी फाउंडेशन ने पहले सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में 15 करोड़ रुपए का योगदान देकर पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा के लिये समर्थन दिखाया है, जिससे शिक्षा और सामाजिक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया गया है।
REC लिमिटेड
- परिचय:
- REC लिमिटेड एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है जो आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (IFC) के रूप में पंजीकृत है। यह विद्युत बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के वित्तपोषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसने गैर-विद्युत बुनियादी ढाँचा क्षेत्रों में भी विविधता ला दी है।
- रणनीतिक भूमिका:
- REC लिमिटेड विद्युत क्षेत्र के लिये सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं में एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभाता है, जिसमें प्रधानमंत्री सहज विद्युत हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) और राष्ट्रीय विद्युत निधि (NEF) योजना शामिल है। देश की विद्युत वितरण प्रणाली को मज़बूत करने और 100% गाँव विद्युतीकरण हासिल करने में योगदान देना।
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