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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Mar 2022
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यमुना घाटी में सिंधु घाटी सभ्यता काल से जुड़ी प्रतिमा मिली

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की पहल पर पुरातत्त्व व इतिहास के शोधार्थियों ने उत्तरकाशी ज़िले में यमुना घाटी में स्थित देवल गाँव से पाषाण निर्मित महिष (भैंसा) मुखी चतुर्भुज मानव प्रतिमा की खोज की है। 

प्रमुख बिंदु 

  • 4 मार्च, 2022 को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के शोधार्थी तथा इतिहासकार प्रो. महेश्वर प्रसाद जोशी ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। 
  • शोधार्थी इस प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता से प्राप्त ‘आदि शिव’की प्रतिमा से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है प्रतिमा सिंधु घाटी सभ्यता और उत्तराखंड के पारंपरिक संबंधों को रेखांकित करती है। 
  • इस दुर्लभ प्रतिमा का प्रकाशन रोम से प्रकाशित प्रतिष्ठित शोध पत्रिका ‘ईस्ट एंड वेस्ट’के नवीनतम अंक में हुआ है कि जो इसके पुरातात्त्विक महत्त्व को दर्शाता है। 
  • प्रो. महेश्वर प्रसाद जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की यमुना घाटी में पहले भी सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े अवशेष मिल चुके हैं। यहाँ कालसी में अशोक के शिलालेख, जगतग्राम व पुरोला में ईंटों से बनी अश्वमेध यज्ञ की वेदियाँ और लाखामंडल के देवालय समूह प्रसिद्ध हैं। 
  • उन्होंने बताया कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की पहल पर पुरातत्त्व से जुड़े शोधार्थियों ने हाल ही में इस क्षेत्र से पुरातात्त्विक महत्त्व के कई अन्य महत्त्वपूर्ण अवशेष खोजे हैं।

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