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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Mar 2022
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दिव्यांगजन राज्यस्तरीय पुरस्कार, 2021

चर्चा में क्यों?

4 मार्च, 2022 को छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया ने 8 व्यक्तियों और संस्थाओं को दिव्यांगजन राज्यस्तरीय पुरस्कार, 2021 से सम्मानित किया। इस अवसर पर 2 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त संस्थाओं और दिव्यांगता, समाज सेवा एवं विशेष उपलब्धियों वाले 5 व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • दिव्यांगजन राज्यस्तरीय पुरस्कार, 2021 के वितरण समारोह का आयोजन प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा रायपुर के माना कैंप स्थित संचालनालय परिसर में किया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ दृष्टिबाधित कर्मचारी की श्रेणी में बालोद ज़िला के दियाबाती गाँव के निवासी तेजराम साहू को उनके विशिष्ट और उल्लेखनीय योगदान के लिये पुरस्कार प्रदान किया गया। शत-प्रतिशत दृष्टिबाधित होने के बाद भी वे 16 वर्षों से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को ब्रेल लिपि में शिक्षा प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बना रहे हैं।
  • सर्वश्रेष्ठ दृष्टिबाधित कर्मचारी की श्रेणी में धमतरी ज़िले के सोरिद नगर निवासी अरविंद शर्मा को राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे आवासीय विशेष प्रशिक्षण केंद्र कचांदुर ज़िला बालोद में 2013 से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को कंप्यूटर की तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2014-15 की नेशनल पैरालिम्पिक जूडो प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता था।
  • रायपुर के डंगनिया निवासी सौरभ कुमार पांडेय को उनकी कार्यकुशलता और कर्त्तव्यनिष्ठा के लिये सर्वश्रेष्ठ श्रवणबाधित कर्मचारी का पुरस्कार प्रदान किया गया। वे भारतीय स्टेट बैंक, रायपुर में विशेष सहायक के पद पर कार्यरत् हैं। 
  • रायपुर ज़िले के गुढ़ियारी निवासी रामेश्वर प्रसाद साहू को उनकी कार्य निष्ठा और लगनशीलता के लिये सर्वश्रेष्ठ अस्थिबाधित कर्मचारी का पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान फ्रंटलाईन वारियर्स के रूप में मानव सेवा करते हुए प्रतिदिन कार्य पर उपस्थित होकर अपनी सेवाएँ दीं।
  • सर्वश्रेष्ठ अस्थिबाधित नियोक्ता की श्रेणी में बालोद ज़िले के पड़कीभाट की खेमराज जन-कल्याण सेवा समिति को दिव्यांगजन के लिये किये जा रहे अनुकरणीय कार्य हेतु पुरस्कृत किया गया। समिति द्वारा दिव्यांग पुरुष और महिलाओं को स्व-रोज़गार प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलंबी बनाया जा रहा है। 
  • महासमुंद ज़िले के सरायपाली स्थित फॉर्चून फाउंडेशन समाजसेवी संस्था को सर्वश्रेष्ठ दृष्टिबाधित संस्था हेतु पुरस्कृत किया गया है। संस्था द्वारा 2013-14 से दृष्टिबाधित दिव्यांगों के शैक्षणिक विकास और उनके समग्र पुनर्वास का काम किया जा रहा है। संस्था के बच्चों द्वारा राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5 स्वर्ण पदक, 11 रजत पदक और 7 कांस्य पदक प्राप्त किये गए हैं। इसके साथ ही राज्यस्तरीय पैरा स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में 2 बालक एवं 2 बालिकाओं द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त किया गया है।
  • जांजगीर-चांपा ज़िले की प्रेमधारा चेरिटेबल सोसायटी (नव जीवन मूक बधिर विद्यालय) को सर्वश्रेष्ठ श्रवणबाधित संस्था का पुरस्कार दिया गया है। संस्था द्वारा वर्ष 2018 से श्रवणबाधितार्थ विशेष विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।
  • दिव्यांगजनों को पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करने के लिये जांजगीर-चांपा को सर्वश्रेष्ठ ज़िला का राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। ज़िले में दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास के अनुकूल वातावरण निर्मित किया गया है। ज़िले में 12 हज़ार 861 दिव्यांगजनों का प्रमाणीकरण एवं यूडीआईडी रजिस्ट्रेशन किया गया है और 8545 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

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भारतीय खेल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में दी 7 खेलों इंडिया सेंटर की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलों इंडिया स्कीम के तहत सात खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना की मंज़ूरी दी गई है। ये सातों केंद्र अलग-अलग ज़िलों में एक-एक खेल के लिये खोले जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आर्चरी और हॉकी के लिये दो-दो केंद्रों, वालीबॉल, मलखंब और फुटबॉल के लिये एक-एक केंद्र की मंज़ूरी दी गई है। 
  • भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा शिवतराई (बिलासपुर) और बीजापुर में तीरंदाज़ी सेंटर, राजनांदगांव और जशपुर में हॉकी सेंटर, गरियाबंद में वालीबॉल सेंटर, नारायणपुर में मलखंब सेंटर तथा सरगुजा में फुटबॉल खेल के लिये खेलो इंडिया सेंटर प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है।
  • इन केंद्रों में संबंधित खेलों के छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का चयन कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केंद्रों की स्थापना के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में खेलों का प्रशिक्षण अब और मज़बूत होगा तथा राज्य के खिलाड़ियों को अब अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का बेहतर अवसर मिलेगा। 
  • उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है। 
  • प्रत्येक खेल के स्थानीय सीनियर खिलाड़ियों को सेंटर से जोड़ा जाएगा, उन्हें प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने के लिये मानदेय भी दिया जाएगा। सभी खेलो इंडिया सेंटर्स में बालक एवं बालिका खिलाड़ियों का बराबर प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया जाएगा। इन सेंटर्स को भारतीय खेल प्राधिकरण के पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा।

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