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YEIDA का मेडिकल डिवाइस पार्क गामा विकिरण सुविधा का विस्तार करेगा
चर्चा में क्यों?
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ग्रेटर नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित कर रहा है, जो कैंसर देखभाल के लिये गामा विकिरण सुविधा सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
मुख्य बिंदु:
- इन प्रयासों में पार्क को उन्नत चिकित्सा उपकरणों से लैस करना शामिल है जिसमें कैंसर देखभाल और रेडियोलॉजी, इमेजिंग तकनीक, एनेस्थेटिक्स, कार्डियोरेस्पिरेटरी उपकरण, साथ ही पेसमेकर तथा कॉकलियर इम्प्लांट से जुड़े उपकरण शामिल हैं।
- ग्रेटर नोएडा में जेवर हवाई अड्डे के पास 350 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला मेडिकल डिवाइस पार्क नवाचार का प्रतीक बनने के लिये तैयार है।
- मेडिकल डिवाइस पार्क में प्रयोगशालाएँ और केंद्र सुविधाएँ होंगी, जो एक केंद्रीकृत स्थान पर विभिन्न प्रकार के परीक्षणों को सुव्यवस्थित करेंगी।
- इस रणनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य विनिर्माण लागत को कम करना, चिकित्सा उपकरणों के उपयोग को अनुकूलित करना और देश भर में चिकित्सा उपकरण विनिर्माण के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
- इस पहल को उत्प्रेरित करने के लिये, राज्य सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क के भीतर सामान्य बुनियादी सुविधाओं की स्थापना के लिये एकमुश्त अनुदान सहायता प्रस्तुत करने वाली एक योजना शुरू की है।
- इस पार्क को कैंसर देखभाल, रेडियोलॉजी, इमेजिंग, एनेस्थेटिक्स, कार्डियोरेस्पिरेटरी सपोर्ट, पेसमेकर और कॉकलियर इम्प्लांट के लिये समर्पित अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA)
- इसे UP औद्योगिक विकास अधिनियम, 1976 के तहत दिल्ली से सटे उनके संबंधित अधिसूचित क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास के लिये बनाया गया है, जो अगर योजनाबद्ध नहीं होते, तो अनधिकृत शहरी विकास का खतरा होता।
- YEIDA द्वारा शुरू की गई कुछ प्रमुख परियोजनाएँ नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, लॉजिस्टिक्स पार्क और पर्सनल रैपिड ट्रांज़िट हैं।
- YEIDA आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और मिश्रित भूमि उपयोग उद्देश्यों के लिये भूखंडों के आवंटन के हेतु विभिन्न योजनाएँ भी प्रदान करता है।
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उत्तर प्रदेश सरकार आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान वनाग्नि को रोकने के लिये अलर्ट है
चर्चा में क्यों ?
आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान वनाग्नि को रोकने के लिये एक सक्रिय उपाय में, उत्तर प्रदेश सरकार रणनीतिक पहलों की एक शृंखला लागू कर रही है।
- सरकार पहले से ही हाई अलर्ट पर है और आग से बचाव के उपायों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिये राज्य भर में 1 फरवरी से 7 फरवरी तक 'वन अग्नि सुरक्षा सप्ताह' चला रही है।
मुख्य बिंदु:
- निगरानी और नियंत्रण प्रयासों को मज़बूत करने के लिये, लखनऊ में विभाग प्रमुख एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक के कार्यालयों में एक समर्पित अग्नि नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
- मुख्य वन संरक्षक (प्रचार) को राज्य मुख्यालय सेल के लिये नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है, जो सरकार को अधीनस्थ कार्यालयों से प्राप्त वनाग्नि की घटनाओं पर साप्ताहिक रिपोर्टिंग के लिये ज़िम्मेदार है।
- संभागीय स्तर पर, सरकार ने चौबीसों घंटे संचालन सुनिश्चित करने के लिये नियंत्रण कक्ष की स्थापना अनिवार्य कर दी है।
- तीन-शिफ्ट कर्मचारियों की तैनाती के साथ 24/7 संचालन करते हुए, ये नियंत्रण कक्ष विभिन्न श्रेणियों में जानकारी दर्ज करेंगे, जिससे घटना का पता चलने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
- वन संरक्षक (क्षेत्रीय) मुख्य वन संरक्षक को भी प्रासंगिक जानकारी देंगे।
- वनाग्नि की घटनाओं से संबंधित जानकारी के लिये हेल्पलाइन नंबर स्थापित किये गए हैं, सभी ज़िलों में अधिकारियों, आम जनता और अन्य विभागों के लिये स्थानीय हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं।
- सरकार के निगरानी प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं, जिससे पिछले तीन वर्षों में वनाग्नि की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
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