उत्तर प्रदेश Switch to English
गौशालाओं के लिये बनाया जाएगा सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वृहद गौ-आश्रय स्थल के संबंध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया और बताया कि गौशाला चलाने के लिये उसकी अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिये एक सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गौशालाओं का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाए तथा साथ ही उन्हें नेचुरल फार्मिंग, गोबर पेंट, सीएनजी और सीबीजी से जोड़ा जाए। इससे गौशालाएँ आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी और गायों के रखरखाव एवं पालन पर आने वाला खर्च खुद उठा सकेंगी।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश में दो से तीन हज़ार गोवंश धारण की क्षमता वाले आश्रय स्थलों के निर्माण को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशाला संचालन के लिये इच्छुक एनजीओ के साथ एमओयू करें और उन्हें आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराएँ।
- योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिये सेवाभाव के साथ सतत् प्रयासरत है। गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिये सरकार द्वारा अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं तथा पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाना चाहिये।
- उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही निराश्रित गौ-आश्रय स्थल, सहभागिता योजना और कुपोषित परिवारों के लिये एक गाय की योजना गौ-संरक्षण में काफी प्रभावी है। पूरे प्रदेश में इन तीनों योजनाओं को अभियान चलाकर आगे बढ़ाया जाना चाहिये।
- उन्होंने बताया कि सहभागिता योजना के तहत निराश्रित गोवंश को पालने वाले किसानों को प्रति गोवंश 900 रुपए मासिक दिये जा रहे हैं। भू-सत्यापन के बाद किसानों को उनका भुगतान किया जाए।
- दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और बेसहारा मवेशियों के नियंत्रण के लिये नस्ल सुधार योजना में तेजी लाई जानी चाहिये। इस योजना के तहत पशुपालक सरकारी पशु अस्पतालों में कृत्रिम गर्भाधान करवा कर मवेशियों की नस्ल को सुधार सकते हैं। इससे दुग्ध का उत्पादन तो बढ़ेगा साथ ही मवेशियों की नई नस्ल भी तैयार हो जाएगी।
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