उत्तर प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए.टी.एस.) की नई इकाई के भवन का शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद सहारनपुर के देवबंद में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए.टी.एस.) की नई इकाई के भवन ‘कमांडो ट्रेनिंग सेंटर’ का शिलान्यास किया और प्रदेश के विभिन्न जनपदों के फायर स्टेशनों का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने जनपद सहारनपुर में 199 करोड़ रुपए की 112 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 162.98 करोड़ रुपए की 61 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 45.86 करोड़ रुपए की 51 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। साथ ही, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को टैबलेट एवं स्मार्टफोन प्रदान किये।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा देश एवं प्रदेश की समृति के लिये 1 करोड़ छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क टैबलेट एवं स्मार्टफोन प्रदान किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा के लिये ए.टी.एस. सेंटर बनाया जा रहा है।
- कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के मद्देनज़र युवा ऊर्जा को ऑनलाइन एजूकेशन, ऑनलाइन एग्जाम तथा कंपटीशन की तैयारी के लिये प्रदेश सरकार ने टैबलेट एवं स्मार्टफोन से जोड़ने का निर्णय लिया है।
- टैबलेट एवं स्मार्टफोन प्राप्त करने वाले युवाओं में मेडिकल, नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, आई.टी.आई., विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी शामिल होंगे।
- ए.टी.एस. के सेंटर में 56 कमांडो हमेशा सुरक्षा के लिये तैनात रहेंगे। यह आतंकवाद निरोधक दस्ता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में कारगर होगा। साथ ही देश व प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा के लिये कार्य करेगा।
उत्तर प्रदेश Switch to English
नगरीय विकास की 3,800 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का डिजिटल लोकार्पण एवं शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 58,903 लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त की 500 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का ऑनलाइन अंतरण सहित नगरीय विकास की 3,800 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का डिजिटल लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं में स्मार्ट सिटी मिशन की लगभग 909 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
- साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत 627 करोड़ रुपए से अधिक की लागत के 28 सॉलिड वेस्ट प्रॉसेसिंग प्लांट, 13 लिगेसी वेस्ट रेमिडिएशन, जनपद आगरा में 1 वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तथा 1100 पब्लिक टॉयलेट/ पिंक टॉयलेट का शिलान्यास, उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय के तहत अमृत मिशन व राज्य सेक्टर की 926 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
- इनके अतिरिक्त नगर निगम अयोध्या व मथुरा-वृंदावन के कार्यालय भवन शिलान्यास तथा नगर निगम गाज़ियाबाद की 506 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास, प्रदेश के 651 नगर निकायों में 1000 प्री वाई-फाई ज़ोन की परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
- इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण हेतु प्लास्टिक कचरे को नदी तंत्र में जाने से रोकने तथा कूड़े के जैविक प्रबंधन के लिये राज्य सरकार, नगर निगम कानपुर तथा जर्मन एजेंसी जी.आई.ज़ेड. के मध्य एक त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. का संपादन भी किया गया। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे तथा जी.आई.ज़ेड. की प्रोजेक्ट हेड सुश्री वैशाली नंदन ने एम.ओ.यू. का आदान-प्रदान किया।
- कार्यक्रम के दौरान आगरा नगर निगम में वेस्ट मैनेजमेंट पर केंद्रित तथा गाज़ियाबाद नगर निगम के नवाचारों पर केंद्रित लघु फिल्में प्रदर्शित की गईं।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत लगभग 5 वर्षों में 3 नए नगर निगम, 3 नई नगर पालिकाएँ 84 नई नगर पंचायतों का गठन करने के साथ 61 नगर निकायों का सीमा विस्तार किया है। वर्तमान में प्रदेश में 734 नगर निकाय हैं।
- इस अवसर पर 7 शहरों- मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, अलीगढ़, बरेली, शाहजहाँपुर तथा मुरादाबाद में इलेक्ट्रिक बस सेवा एवं इलेक्ट्रिक बस डिपो की सुविधा प्रारंभ की गई।
मध्य प्रदेश Switch to English
मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद के बैठक में ‘आनंद विभाग’का गठन एवं ‘अध्यात्म विभाग’का नाम परिवर्तित कर ‘धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग’करने के लिये कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रिपरिषद ने स्ट्रेंग्थनिंग टीचिंग- लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेटस (स्टार्स) कार्यक्रम के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति दी। स्टार्स भारत सरकार का कार्यक्रम है, जिसे 6 राज्यों- मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और केरल में स्वीकृत किया गया है।
- स्टार्स कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और शासन-विधि (गवर्नेंस) का सुधार है। स्टार्स परियोजना में ऐसी गतिविधियाँ तथा नवाचार प्रस्तावित हैं, जो समग्र शिक्षा अभियान में प्रावधानित नहीं किये जा सकते हैं। स्टार्स परियोजना में सबके लिये शिक्षा, समग्र शिक्षा अभियान, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, संपूर्ण विद्यालय दृष्टिकोण (होल स्कूल अप्रोच) शामिल रहेंगे।
- मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी में अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित ताप विद्युत विस्तार इकाई, जिसका क्रियान्वयन मध्य प्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी एस.ई.सी.एल के मध्य गठित संयुक्त उपक्रम द्वारा किया जाना प्रस्तावित है, के लिये नीतिगत/सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई।
- प्रस्तावित परियोजना की अनुमानित लागत 4665 करोड़ 87 लाख रुपए है। परियोजना के लिये राज्य शासन द्वारा 15 प्रतिशत राशि अंशपूंजी के माध्यम से दी जाएगी।
- योजना में उपार्जन कार्य में संलग्न राज्य की विभिन्न एजेंसियों की हानि तथा प्रतिपूर्ति के संबंध में मापदंड नियत करने के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इसमें खाद्य, सहकारिता, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं वित्त विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
- मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी विभाग में भारत सरकार की नवीन राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का क्रियान्वयन करने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना को वर्ष 2014-15 में प्रारंभ किया गया था। जिसका उद्देश्य मुख्यत: पशु नस्ल विकास, रोज़गार सृजन, पशुओं की उत्पादकता बढ़ाना, अनुसंधान कर मैदानी स्तर पर लाना तथा उद्यमिता विकास करना है।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन में उक्त गतिविधियों को शामिल कर तीन उप मिशन बनाए गए हैं। पहला पशुधन एवं कुक्कुट के नस्ल विकास पर उप मिशन, दूसरा चरी-चारा विकास उप मिशन और तीसरा इनोवेशन तथा विस्तार उप मिशन है।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन के क्रियान्वयन से राज्य में पशुओं की नस्ल में सुधार होगा। पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि होगी। नवीन तकनीक विकसित होकर ज़मीनी स्तर पर पहुँचेगी। इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘जीआईएस सर्वे ऐप’
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा अधोसंरचना संबंधी नए कार्यों का एस्टीमेट तैयार करने तथा सर्वे के कार्य के लिये ‘जीआईएस सर्वे’ मोबाइल ऐप तैयार किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस मोबाइल ऐप को प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में लागू किया गया है। इस ऐप के निर्माण से उपभोक्ताओं के लाइन विस्तार संबंधी आवेदनों के निराकरण में गति आएगी तथा एस्टीमेट एवं सर्वे कार्यों को सटीक तथा पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
- ‘जीआईएस सर्वे’मोबाइल ऐप से एस्टिमेट एवं सर्वे का कार्य करने के लिये मोबाइल ऐप को संबंधित स्थान पर ले जाकर ही जानकारी दर्ज की जा सकेगी। दर्ज हुई जानकारी को परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा, इसलिये इस ऐप से की गई कार्यों की गणना सटीक एवं त्रुटिहीन प्राप्त होगी।
- कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (कार्य) वी. के. जैन ने फील्ड में जाकर मोबाइल ऐप की कार्य प्रणाली का अधिकारियों के साथ परीक्षण किया तथा ऐप की विश्वसनीयता को परखा। सभी परीक्षणों में सफल होने के उपरांत ही ‘जीआईएस सर्वे ऐप’को लागू किया गया है।
- ‘जीआईएस सर्वे ऐप’में दर्ज जानकारी उच्चाधिकारियों को तत्काल दिखाई देगी। इससे संबंधित प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं होगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के गुरुग्राम में बनाया जाएगा हेलीहब
चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने कार्यालय में नागरिक उडन्न्यन विभाग, एचएसआईआईडीसी, टाउन एंड कंट्री प्लांनिंग समेत अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि गुरुग्राम में हेलीहब बनाया जाएगा, जहाँ पर हेलीकॉप्टरों के लिये हेलीपोर्ट से लेकर उनके हैंगर, रिपेयर समेत अनेक एविएशन फेसिलिटी उपलब्ध होंगी।
प्रमुख बिंदु
- यह हेलीहब देश में अपनी तरह का ऐसा पहला हब होगा, जहाँ पर हेलीकॉप्टरों के लिये एक ही स्थान पर उक्त सारी सुविधाएँ होंगी।
- उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास नागरिक उडन्न्यन विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि गुरूग्राम में जिस स्थान पर हेलीहब बनाया जाएगा, वहाँ से मैट्रो की सुविधा भी नज़दीक होगी और नोएडा, भिवानी आदि औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ाव भी सहज होगा।
- उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उक्त प्रस्तावित हेलीहब के संबंध में विस्तार से प्रोजेक्ट तैयार करें और ज़मीन लेने व अन्य सुविधाओं को शुरु करने में आने वाली अड़चनों को दूर कर कार्य आरंभ करें।
- विदित हो कि दुष्यंत चौटाला के प्रयासों से राज्य में नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ शुरू की गई हैं और पहले से चालू परियोजनाओं में तेज़ी लाई जा रही है।
- हिसार में महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा को विस्तार से तैयार करने व डिफेंस से संबंधित अन्य परियोजनाएँ आरंभ करने पर तेज़ी से कार्य किया जा रहा है।
- एयरपोर्ट के आस-पास बने शेड को हटाने, हवाई अडन्न परिसर में नए हैंगर व एप्रोन बनाने, धांसू रोड पर रनवे के निर्माण कार्य, कंस्ट्रक्शन साइट पर बिजली पोल व लाइन हटाने, 33 किलोवाट के सब स्टेशन की स्थापना, ऑब्जरवेशन होम को ढहाने, टर्मिनल तथा अन्य भवन निर्माण को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये गए हैं।
- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नागरिक उडन्न्यन विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे भिवानी, नारनौल तथा पिंजोर हवाई पटेी के आस-पास अतिरिक्त ज़मीन तलाशें, ताकि एविएशन से संबंधित अन्य गतिविधियों को विस्तार रूप दिया जा सके।
झारखंड Switch to English
जमशेदपुर में क्लीन टू ग्रीन ऑन व्हील्स अभियान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आरएलजी इंडिया ने जमशेदपुर के मानगो में ‘क्लीन टू ग्रीन ऑन व्हील्स अभियान’शुरू किया है। यह नवीनतम जागरूकता और संग्रह कार्यक्रम देश भर में 110 शहरों और 300 कस्बों को कवर करते हुए 40 लाख से अधिक नागरिकों तक पहुंचेगा।
प्रमुख बिंदु
- इस पहल के तहत, नौ संग्रह वाहन देश के शहरों और कस्बों में यात्रा करेंगे तथा जागरूकता गतिविधियों का संचालन करते हुए स्कूली छात्रों, कॉर्पोरेट निकायों, थोक उपभोक्ताओं, खुदरा विक्रेताओं, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों, अनौपचारिक क्षेत्र और स्वास्थ्य शिविरों के लिये चलेंगे। यह उपयोगकर्त्ताओं से 5500 मीट्रिक टन ई-कचरा एकत्र करेगा।
- आरएलजी इंडिया की प्रबंध निदेशक राधिका कालिया ने कहा क्लीन टू ग्रीन ऑन व्हील्स अभियान हितधारकों की पहुँच का विस्तार करके और दैनिक जीवन में ई-कचरे के उचित निपटान एवं रीसाइक्लिंग तकनीकों पर ज़ोर तथा बढ़ावा देकर उद्देश्य की पूर्ति करना जारी रखेगा। यह पूरे देश को अपने दायरे में लाने के लिये प्रारंभ किया गया है।
- यह अभियान आरएलजी इंडिया माइक्रोसॉफ्ट, एलजी, एचपी, ओप्पो, लेनोवो, पायनियर, मोटोरोला, फुजित्सु, ब्रदर, सीमेंस, हायर, वीडियोजेट, वीरा आदि निर्माताओं/ब्रांडों के साथ मिलकर ई-कचरे के सुरक्षित निपटान को बढ़ावा देने के लिये सक्रिय रूप से काम करेगा।
झारखंड Switch to English
राजधानी में बनेगा विश्व व्यापार केंद्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड की राजधानी राँची के धुरवा स्थित स्मार्ट सिटी क्षेत्र में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने के लिये झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (JUIDCO) ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- चार एकड़ ज़मीन पर बनने वाले इस केंद्र पर कुल 44 करोड़ 22 लाख रुपए खर्च किये जाएंगे। इसके लिये निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 19 जनवरी निर्धारित की गई है।
- 20 जनवरी को रातू रोड स्थित उद्योग भवन की पांचवी मंजिल पर इसका उद्घाटन होगा। टेंडरिंग एजेंसी को दो साल के अंदर इस केंद्र का निर्माणकार्य पूरा करना होगा।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के परिसर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इसमें विदेश व्यापार महानिदेशालय का एक क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात संघ से जुड़े कार्यालय भी होंगे।
- इसके अलावा आयात-निर्यात से जुड़ी कंपनियों को जगह मुहैया कराई जाएगी। करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएँ भी यहाँ मिल सकेंगी।
- इसके अलावा एयर कार्गो, शिप कंटेनर और एक्सपोर्ट मैनेजमेंट की अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को भी अपने उत्पादों के प्रदर्शन और प्रचार के लिये जगह मिलेगी।
- विदित हो कि यह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर केंद्र और राज्य, दोनों के सहयोग से बनाया जाना है। विश्व व्यापार केंद्र की स्थापना के लिये केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 9.8 करोड़ रुपए दिये हैं। योजना की कुल लागत 48 करोड़ रुपए है।
- उल्लेखनीय है कि 2018 में ही केंद्र सरकार ने राँची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर खोलने की योजना को मंज़ूरी दी थी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ हरित परिषद की प्रथम बैठक
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में प्रदेश में रि-जेनरेटिव डेवलपमेंट को गति प्रदान करने के लिये गठित छत्तीसगढ़ हरित परिषद की प्रथम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पर्यावरणीय मुद्दे को हल करने के लिये परिषद के दृष्टिकोण और मुख्य गतिविधियों को अंतिम रूप दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- रि-जेनरेटिव डेवलपमेंट (पुनरुत्पादन विकास), सस्टेनेबल डेवलपमेंट से अधिक प्रगतिशील अवधारणा है, जिसमें उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ-साथ संसाधनों की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ न्यू एज ग्रीन इकॉनमी के तहत लाईवलीहुड से स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि के लिये कार्य किया जाता है।
- मुख्यमंत्री ने बैठक में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की हरित राज्य के रूप में ब्रांडिंग, जैविक उत्पादों के मार्केट लिंकेज, प्रशिक्षण के माध्यम से स्व-सहायता समूहों की क्षमता निर्माण, ज़िलों की विशेषता के अनुसार विकास और स्थानीय निवासियों को जोड़कर आर्थिक मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने की ज़रूरत पर बल दिया।
- उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ संभवत: देश का पहला राज्य है, जहाँ हरित परिषद का गठन किया गया है। हरित परिषद के माध्यम से राज्य में हरित एवं टिकाऊ अर्थव्यवस्था को और अधिक मज़बूत करने के प्रयास किये जाएंगे।
- सरकार की पहल में स्थायी वन, औषधीय, हर्बल और अन्य उत्पादों को बाज़ार से जोड़ने के लिये महिला स्व-सहायता समूहों की क्षमता का निर्माण, छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञ कंपनियों को आमंत्रित करना और राज्य के भीतर कार्बन क्रेडिट कार्यक्रम शुरू करना शामिल होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये पर्यावरण हितैषी अनेक योजनाएँ, जैसे ‘सुराजी गाँव योजना’के अंतर्गत ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना’, ‘गोधन न्याय योजना’, गोठानों में गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का कार्य, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’के अंतर्गत वन क्षेत्रों में विस्तार के साथ-साथ स्थानीय वनवासियों की आय में वृद्धि, लघु वनोपजों में वेल्यू एडिशन प्रारंभ की गई हैं, जो पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तीकरण को गति दे रही हैं।
- कार्बन उत्सर्जन के संबंध में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। पराली न जलाकर उसका उपयोग चारे के रूप में करने से कार्बन उत्सर्जन (प्रदूषण) में कमी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सिक्किम के बाद दूसरा जैविक राज्य साबित हो सकता है।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर ज़िले में रि-जेनरेटिव डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिये एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए, ज़िलों की विशेषता का चिह्नांकन कर विशेषज्ञों की सहायता से वहाँ विकास के कार्य किये जाएँ।
- उन्होंने छत्तीसगढ़ की ब्रांडिंग की दिशा में भी प्रयास करने के निर्देश दिये। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में इस तरह का प्रगतिशील कदम उठाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा।
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