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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Dec 2023
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बद्रीनाथ हाईवे पर होगा प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज

चर्चा में क्यों?

3 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लो.नि.वि., श्रीनगर गढ़वाल के अधिशासी अभियंता तनुज कांबुज ने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा में प्रदेश के पहले सिग्नेचर ब्रिज का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा में उत्तराखंड राज्य का पहला घुमावदार पुल बनाया जा रहा है। ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 64 करोड़ रुपए की लागत से 110 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा है।
  • इस सिग्नेचर ब्रिज से मई 2024 तक वाहनों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है।
  • ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा गदेरे पर घुमावदार मोटर पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसकी सुरक्षा के लिये दोनों तरफ के साथ ऊपरी की तरफ से सुरक्षा केबल रहेगी। इस सिग्नेचर पुल की बनावट ही इसका प्रमुख आकर्षण होगी।


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केंद्र सरकार ने जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिये रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने भू धंसाव से ग्रस्त जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिये 1658.17 करोड़ रुपए की रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह से प्रस्ताव को मंज़ूरी देने का अनुरोध किया था।
  • योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से 1079.96 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
  • राज्य सरकार राहत के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से 126.41 करोड़ रुपए और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपए देगी। इसमें पुनर्वास के लिये 91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।
  • प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में जोशीमठ के पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण योजना के लिये 1000 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है।
  • राज्य ने केंद्र सरकार से जोशीमठ के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास योजना के लिये 2942.99 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा था। इसमें 150 पूर्व-निर्मित घरों का निर्माण, साइट विकास कार्य, अंतरिम राहत, आवासीय और वाणिज्यिक बुनियादी ढाँचे को नुकसान के लिये मुआवजा, असुरक्षित क्षेत्र में आने वाले परिवारों की भूमि के लिये मुआवजा, प्रभावित लोगों का स्थायी पुनर्वास और अधिग्रहण और विकास शामिल है।


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