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मध्य प्रदेश के दिव्यांग हिमांशु, दिव्यांग आयुक्त और दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में मध्य प्रदेश के दिव्यांग हिमांशु कंसल, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय, भोपाल को राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 प्रदान किया।
- श्योपुर ज़िले के कराहल गाँव के 100% श्रवणबाधित दिव्यांगजन हिमांशु कंसल को भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाने एवं उनके रचनात्मक कार्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ दिव्यांगजन की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- ‘सुगम्य भारत अभियान’ को लागू करने में मध्य प्रदेश राज्य द्वारा किये जा रहे कार्यों के लिये मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय को ‘सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त वातावरण में सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने से संबंधित कार्य करने वाले संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- इसी प्रकार राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक के द्वारा किये जा रहे कार्यों को मान्यता देते हुए ‘दिव्यांगजन अधिनियम, 2016 को अपने राज्य में कार्यान्वयन करने में सर्वश्रेष्ठ राज्य आयुक्त दिव्यांगजन’ श्रेणी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने से संबंधित कार्य करने वाले संस्थान हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक ने स्वत: अभिनव एवं प्रभावी कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश में आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के कार्यान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कई मामलों में दिव्यांगजनों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- रास्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिससुश्री, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत
- सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ
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