बिहार Switch to English
बिहार की ज्योति सिन्हा को मिला श्रेष्ठ दिव्यांगजन का राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में बिहार के मुजफ्फरपुर की ज्योति सिन्हा को ‘श्रेष्ठ दिव्यांगजन’ के राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 प्रदान किया।
- 70% मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रस्त बिहार की ज्योति सिन्हा को मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये कला और संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ दिव्यांगजन की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- विदित हो कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- राष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिससुश्री, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत
- सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपा
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने और कॉन्ग्रेस की हार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन पहुँचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल मिश्र ने तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए, उनसे राज्य में नई सरकार के गठन होने तक कार्य करते रहने का आग्रह किया।
- विदित हो कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में भारतीय जनता पार्टी ने 199 सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कॉन्ग्रेस को 69, जबकि अन्य पार्टियों और निर्दलियों को कुल 15 सीटें मिलीं।
- अशोक गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिये वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया। 1998 में वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने।
- सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने। गहलोत इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं और 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिये पुन: निर्वाचित हुए। वे 14 और 15वीं राजस्थान विधानसभा में भी निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने।
- उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी. नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केंद्रीय मंत्री बने। जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, तब अशोक गहलोत 2 सितंबर, 1982 से 7 फरवरी, 1984 की अवधि में इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बने।
- 31 दिसंबर, 1984 से 26 सितंबर, 1985 की अवधि में गहलोत ने केंद्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् उन्हें केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री बनाया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून, 1991 से 18 जनवरी, 1993 तक मंत्री रहे।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के दिव्यांग हिमांशु, दिव्यांग आयुक्त और दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में मध्य प्रदेश के दिव्यांग हिमांशु कंसल, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय, भोपाल को राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 प्रदान किया।
- श्योपुर ज़िले के कराहल गाँव के 100% श्रवणबाधित दिव्यांगजन हिमांशु कंसल को भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाने एवं उनके रचनात्मक कार्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ दिव्यांगजन की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- ‘सुगम्य भारत अभियान’ को लागू करने में मध्य प्रदेश राज्य द्वारा किये जा रहे कार्यों के लिये मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय को ‘सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त वातावरण में सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने से संबंधित कार्य करने वाले संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- इसी प्रकार राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक के द्वारा किये जा रहे कार्यों को मान्यता देते हुए ‘दिव्यांगजन अधिनियम, 2016 को अपने राज्य में कार्यान्वयन करने में सर्वश्रेष्ठ राज्य आयुक्त दिव्यांगजन’ श्रेणी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने से संबंधित कार्य करने वाले संस्थान हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।
- राज्य दिव्यांगजन आयुक्त संदीप रजक ने स्वत: अभिनव एवं प्रभावी कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश में आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के कार्यान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कई मामलों में दिव्यांगजनों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- रास्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिससुश्री, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत
- सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ
हरियाणा Switch to English
पुलिस महानिदेशक ने सोनीपत में प्रदेश की पहली ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
30 नवंबर, 2023 को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सोनीपत ज़िला में प्रदेश की पहली पुलिस ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इस दौरान विभिन्न सरकारी व डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा डी.ए.वी. पुलिस पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ई-लाइब्रेरी बनने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को विशेष रूप से लाभ होगा। यहाँ उपलब्ध करवाई जाने वाली पाठ्यसामग्री से विद्यार्थियों को सीखने तथा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
- उन्होंने कहा कि यह ई-लाइब्रेरी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिये एक मंच है, जहाँ वे कई भाषाओं में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
- गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस द्वारा सोनीपत ज़िले में स्थापित की गई, यह पहली बड़ी ई-लाइब्रेरी है। इस ई-लाइब्रेरी के माध्यम से यूपीएससी, एनडीए, सीडीएस, बैंकिंग और अन्य प्रतिस्पर्द्धी परीक्षाओं के उम्मीदवारों को काफी लाभ होगा।
- यह ई-लाइब्रेरी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जहाँ विभिन्न विषयों की मानक पुस्तकों, पत्रिकाओं, ग्लोब, मानचित्र और मानक शब्दकोषों सहित अन्य पाठ्यसामग्री को रखा गया है। इस ई-लाइब्रेरी में नई तकनीक से सुसज्जित फोटो स्टूडियो के अलावा भाषा कक्ष, कॉन्फ्रेंस हॉल, अतिथि कक्ष भी बनाया गया है।
झारखंड Switch to English
झारखंड की मनीषा केरकेट्टा ने जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग में जीता रजत पदक
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को आर्मेनिया में हो रहे IBA जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में झारखंड के सिमडेगा ज़िले की मनीषा केरकेट्टा ने 54 किलो बालिका वर्ग में रजत पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि आर्मेनिया के येरेवन में जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2023 का आयोजन 24 नवंबर से 4 दिसंबर, 2023 तक किया गया। इस प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता में 26 भार वर्गों में 58 देशों की 448 युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
- झारखंड की मनीषा केरकेट्टा 54 किलो बालिका वर्ग के फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की अयाजान सीडिक के हाथों हार गई और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
- उल्लेखनीय है कि झारखंड के सिमडेगा ज़िले की कोनपाला पंडरीपानी गाँव की मनीषा केरकेट्टा वर्ल्ड जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 23 साल बाद रजत पदक जीतने वाली झारखंड की पहली महिला खिलाड़ी बन गई है।
- मनीषा केरकेट्टा वर्ष 2018 से सीसीएल और झारखंड सरकार के संयुक्त पहल से चलाई जा रही खेल अकादमी ‘झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसाइटी’ (JSSPS) की प्रशिक्षु हैं और प्रशिक्षक द्रोणाचार्य अवार्डी कैप्टन ब्रजभूषण मोहंती से प्रशिक्षण ले रही हैं।
झारखंड Switch to English
झारखंड की सरिता कुमारी ने नेशनल ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और झारखंड साइकिलिंग संघ के संयुक्त तत्वावधान में सिदो कान्हु वेलोड्रम स्टेडियम खेलगाँव रांची में आयोजित राष्ट्रीय ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप में झारखंड की सरिता कुमारी ने स्प्रिंट इवेंट में स्वर्ण पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और झारखंड साइकिलिंग संघ के संयुक्त तत्त्वावधान में सिदो कान्हु वेलोड्रम स्टेडियम खेलगाँव रांची में 75वीं सीनियर महिला एवं पुरुष, 52वीं जूनियर तथा 38वीं सब जूनियर बालक एवं बालिका राष्ट्रीय ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है।
- झारखंड की लोहरदगा ज़िला की रहने वाली अंतर्राष्ट्रीय साइक्लिस्ट सरिता कुमारी अब तक जूनियर राष्ट्रीय स्तरीय खेलो इंडिया आदि प्रतियोगिता में कई पदक जीती है।
- सरिता कुमारी ने चंडीगढ़ में 26 से 27 नवंबर, 2022 को आयोजित दो दिवसीय खेलो इंडिया साइकिलिंग विमेन लीग में सब जूनियर बालिका वर्ग में मास स्टार्ट स्पर्द्धा साइकिलिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक तथा टाइम ट्राइल (10 किमी.) में रजत पदक जीता था।
उत्तराखंड Switch to English
बद्रीनाथ हाईवे पर होगा प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लो.नि.वि., श्रीनगर गढ़वाल के अधिशासी अभियंता तनुज कांबुज ने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा में प्रदेश के पहले सिग्नेचर ब्रिज का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा में उत्तराखंड राज्य का पहला घुमावदार पुल बनाया जा रहा है। ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 64 करोड़ रुपए की लागत से 110 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा है।
- इस सिग्नेचर ब्रिज से मई 2024 तक वाहनों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है।
- ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा गदेरे पर घुमावदार मोटर पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसकी सुरक्षा के लिये दोनों तरफ के साथ ऊपरी की तरफ से सुरक्षा केबल रहेगी। इस सिग्नेचर पुल की बनावट ही इसका प्रमुख आकर्षण होगी।
उत्तराखंड Switch to English
केंद्र सरकार ने जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिये रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
30 नवंबर, 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने भू धंसाव से ग्रस्त जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिये 1658.17 करोड़ रुपए की रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह से प्रस्ताव को मंज़ूरी देने का अनुरोध किया था।
- योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से 1079.96 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
- राज्य सरकार राहत के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से 126.41 करोड़ रुपए और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपए देगी। इसमें पुनर्वास के लिये 91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।
- प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में जोशीमठ के पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण योजना के लिये 1000 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है।
- राज्य ने केंद्र सरकार से जोशीमठ के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास योजना के लिये 2942.99 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा था। इसमें 150 पूर्व-निर्मित घरों का निर्माण, साइट विकास कार्य, अंतरिम राहत, आवासीय और वाणिज्यिक बुनियादी ढाँचे को नुकसान के लिये मुआवजा, असुरक्षित क्षेत्र में आने वाले परिवारों की भूमि के लिये मुआवजा, प्रभावित लोगों का स्थायी पुनर्वास और अधिग्रहण और विकास शामिल है।
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