प्रदेश में आईटी सेक्टर में 7 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को कैबिनेट की मंज़ूरी | उत्तर प्रदेश | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में आईटी सेक्टर में सात हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश सरकार आईटी सेक्टर में माइक्रोसॉफ्ट में 2186 करोड़ रुपए का, एमएक्यू में 483 करोड़ रुपए और पेटीएम में 638 करोड़ रुपए का निवेश नोएडा में करेगी तथा इस निवेश के ज़रिये 14185 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- इसके अलावा, प्रदेश में डाटा सेंटर के लिये भी दो निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली, जिनमें एक सिंगापुर की कंपनी एसटीपी नोएडा में डाटा सेंटर के लिये 1130 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जबकि एक अन्य कंपनी एसकेबीआर 2692 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इन दोनों परियोजनाओं के ज़रिये 4 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- कैबिनेट ने डाटा सेंटर नीति में बदलाव करते हुए हाल ही में ग्रेटर नोएडा में खुले उत्तर भारत के पहले डाटा सेंटर के बाद सूबे में 7 और डाटा सेंटर खोलने का फैसला किया है। इन सभी डाटा सेंटर के लिये भूमि अनुदान की व्यवस्था की जाएगी तथा इसके अलावा डुएल फीडर की सप्लाई में एक फीडर की सप्लाई का खर्च वहन भी किया जाएगा।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स) अरविंद कुमार ने बताया कि डाटा सेंटर के लक्ष्य को बढ़ाकर 900 मेगावाट के डाटा सेंटर बनाने का फैसला किया गया है। इसके लिये एफएआर की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है, ताकि नक्शे जल्दी पास हो सकें। इसमें पार्शियल कंप्लीशन की व्यवस्था दी गई है, जबकि बिजली कनेक्शन को लेकर भी सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं।
- इसके अलावा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डाटा सेंटर की फील्ड में भी दस करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाएगी। डाटा सेंटर में हुए इन बदलावों से न सिर्फ निवेश बढ़ेगा, बल्कि यह और तेज़ी से भी आएगा। ये पॉलिसी 5 साल तक के लिये मान्य होगी।
- अरविंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले ही खोले जा चुके हैं तथा 5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और खोले जाएंगे, जिनमें ये सेंटर 3डी प्रिंटिंग, 5जी, वर्चुअल रिएलिटी, स्पेसटेक जैसे नये क्षेत्र में खुलेंगे। स्कूल स्तर पर ही इनोवेटिव कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा सस्टेनेंस अलाउंस को 15 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 17.5 हज़ार रुपए किया गया है।
- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रोटोटाइप बनाने के लिये भी अब 5 लाख रुपए का अनुदान मिल सकेगा। ग्रामीण परिवेश को प्रभावित करने वाले, कूड़े को रिसाइकिल करने वाले, पर्यावरण संरक्षण, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर में स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को 50 प्रतिशत अधिक इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी वाले स्टार्ट-अप की भी परिभाषा तय की गई है, जिसके तहत स्टार्ट-अप में 26 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होना ज़रूरी है।
- उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य में तीन नए विश्वविद्यालयों को मंज़ूरी भी दी है, जिसमें कर्नाटक का विख्यात जेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा में, एसडी सिंह विश्वविद्यालय फतेहगढ़-फर्रुखाबाद में और एसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय गाज़ियाबाद में खोला जाएगा। इन तीनों विश्वविद्यालयों को आशय-पत्र जारी कर दिये गए हैं।
प्रो. सुधा सिन्हा को मिला दीनानाथ शरण सम्मान-2022 | बिहार | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को बिहार की जानी-मानी दर्शनशास्त्री व कवयित्री प्रो. सुधा सिन्हा को पटना के चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान की ओर से दीनानाथ शरण सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि प्रो. सुधा सिन्हा पटना विश्वविद्यालय की दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
- उल्लेखनीय है कि डॉ. दीनानाथ शरण मनुष्यता और जीवन-मूल्यों के एवं और मनीषी समालोचक थे। एक सजग कवि के रूप में उन्होंने शोषण एवं पाखंड के विरुद्ध कविता को हथियार बनाया तथा जीवन भर वे साहित्य और पत्रकारिता की एकांतिक सेवा करते रहे।
- दीनानाथ शरण की ख्याति उनके द्वारा प्रणित आलोचना-ग्रंथ ‘हिन्दी काव्य में छायावाद’ से हुई। उन्होंने नेपाल में हिन्दी के प्रचार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य करते हुए काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी-विभाग’की स्थापना भी की।
- दीनानाथ शरण सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाता है, जिसके अंतर्गत सम्मानित व्यक्ति को 11 हज़ार रुपए की सम्मान राशि के साथ वंदना-वस्त्र, प्रशस्ति-पत्र तथा पुष्पहार प्रदान किये जाते हैं।
अलवर में नवजीवन परिवारों की महिलाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण बैच का हुआ शुभारंभ | राजस्थान | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने राज्य सरकार की ‘नवजीवन योजना’ के अंतर्गत अलवर ज़िले में महिलाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण के प्रथम बैच का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि राज्य में परिवारों को अवैध शराब के दलदल से मुक्त कर कौशल प्रशिक्षण देकर समाज की मुख्य धारा में लाने हेतु नवजीवन योजना का संचालन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। अवैध शराब के दलदल से मुक्त हुए परिवार के सदस्य विशेषतौर पर महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोज़गार हेतु ऋण व नियोजन का अवसर प्रदान करने की यह सकारात्मक पहल है।
- उन्होंने महिलाओं को परिवार की अर्थव्यवस्था की मज़बूत कड़ी बताते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से वे अपने परिवार को और अधिक आर्थिक संबल प्रदान कर सकेंगी।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रविकांत ने बताया कि नवजीवन योजनांतर्गत प्रथम चरण के कौशल प्रशिक्षण बैच में अलवर शहर व अलवर ग्रामीण के नवजीवन परिवारों की 75 महिला प्रतिभागियों को 60 दिवसीय सिलाई का प्रशिक्षण स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से दिया जाएगा।
- इस योजना के तहत प्रत्येक प्रतिभागी को नि:शुल्क टूल किट उपलब्ध कराई गई है तथा प्रशिक्षण के दौरान स्वरोज़गार हेतु अनुजा निगम व बैंकों के माध्यम से न्यूनतम ब्याज दरों पर ऋण वितरण भी कराया जाएगा। इसके अलावा इस योजना में शामिल परिवारों को पेंशन, पालनहार, कन्यादान, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना व इंदिरा महिला उद्यम प्रोत्साहन योजना से भी जोड़ा जाएगा।
तीसरे नेशनल कल्चरल फेस्ट में मध्य प्रदेश को मिला देश में तीसरा स्थान | मध्य प्रदेश | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत देश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के लिये बंगलूरू में आयोजित तीसरे नेशनल कल्चरल फेस्ट में मध्य प्रदेश ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- इस फेस्ट में 13 विभिन्न विधाओं में मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों ने अपनी जगह बनाई। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लगभग 80 जनजातीय विद्यार्थियों ने फेस्ट में यह उपलब्धि प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया।
- तीनदिवसीय इस कल्चरल फेस्ट में शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गायन, वाद्य वादन, एकल एवं समूह गायन, तात्कालिक चित्रकारी, नाटक, जनजातीय समूह नृत्य, लोकनृत्य और समूह गायन जैसी विधाओं के अलावा कहानी पाठ, सृजनात्मक लेखन, स्पेलबी और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ भी हुईं।
- ईएमआरएस इंदौर की साक्षी मयड़िया और राजाराम ने प्रश्नोत्तरी में पहला स्थान प्राप्त किया। साक्षी ने अंग्रेज़ी भाषण में भी पहला स्थान प्राप्त किया।
- हिन्दी वाद-विवाद में ईएमआरएस इंदौर की वैष्णवी वास्कले और पीवीटीजी, ईएमआरएस इंदौर की नेहा यशवंत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा अंग्रेज़ी वाद-विवाद में ईएमआरएस इंदौर के सौम्य राय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- ईएमआरएस इंदौर की हिमांगी खपड़े ने स्पेल-बी में दूसरा स्थान हासिल किया तथा ईएमआरएस बड़वानी के कार्तिक डोडवे ने हिन्दी भाषण में दूसरा और ईएमआरएस पाली के तीरथ सिंह ने काव्यपाठ में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
- ईएमआरएस बुदनी की भारती बिघेले ने उपशास्त्रीय गायन में द्वितीय स्थान और ईएमआरएस धंसौर के आशीष मिश्र ने शास्त्रीय गायन में तीसरा स्थान प्राप्त किया। देशभक्ति समूह गायन में ईएमआरएस बड़वानी का दल तृतीय रहा।
- जनजातीय एकल गीत गायन में ईएमआरएस बुदनी की रंगिता ने पहला मुकाम हासिल किया। साथ ही, उप शास्त्रीय एकल गायन में ईएमआरएस तामिया के आशीष भारती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
हरियाणा को मिला इंडिया एग्रीबिज़नेस बेस्ट स्टेट का अवार्ड | हरियाणा | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा जारी इंडिया एग्रोबिज़नेस अवार्ड-2022 में हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में पुरस्कार मिला है।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा को यह पुरस्कार राज्य में कृषि अनुकूल नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रौद्योगीकियों, विपणन, मूल्यवर्धन, बुनियादी ढाँचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिये मिला है।
- नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति ने कृषि और बागवानी के क्षेत्र में बेहतर तकनीकों, उन्नत विधियों का कार्यान्वयन करने के लिये हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चुना है।
- हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल 9 नवंबर को राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में हरियाणा की ओर से इस पुरस्कार को ग्रहण करेंगे।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों से कृषि, बागवानी क्रांति से नील क्रांति की ओर अग्रसर हरियाणा अबएग्रो बिज़नेस में भी आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के किसानों को जागरूक करने के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के किसानों ने बड़ी संख्या में फसल विविधीकरण को अपनाया है। इससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि रोज़गार के अन्य अवसर भी खुले हैं।
- भारतीय कृषि को उत्पादन केंद्रित से बाज़ार संचालित व्यवस्था में बदलने की यात्रा में हरियाणा ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। हरियाणा सरकार द्वारा कृषि और बागवानी के क्षेत्र में सुधार के मद्देनज़र सिंचाई के लिये पानी का उचित उपयोग, कम पानी की खपत वाली फसलों का विविधीकरण और किसानों की आय बढ़ाने के लिये विभिन्न योजनाओं को लागू करने सहित अनेक कदम उठाए गए हैं।
- वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिये कृषि क्षेत्र की कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों को चिह्नित किया गया है, ताकि किसानों को संगठित कर सामूहिक रूप से उनके उत्पादन और विपणन की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। इस कार्य में निवेश, प्रौद्योगिकी और नए उपकरण उपलब्ध करवा कर कृषि एवं बागवानी लागत को कम करने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।
- हरियाणा सरकार एफपीओ के गठन और उन्हें सशक्त करने पर विशेष ध्यान दे रही है तथा अब तक राज्य में लगभग 700 एफपीओ का गठन किया गया है। सरकार द्वारा बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मज़बूत करने के लिये इन एफपीओ के साथ काम करने हेतु राज्य में कृषि क्षेत्र की कंपनियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
- वर्ष 2021-22 के दौरान, एफपीओ उत्पादों के व्यापार और विपणन के लिये 22 कृषि क्षेत्र की कंपनियों ने बाय बैक मैक्नेजिम के साथ 22 एफपीओ के साथ 34 समझौता ज्ञापन किये हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान बागवानी उत्पादों के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिये 12 और एफपीओ तथा 15 कंपनियाँ आगे आई हैं।
- राज्य सरकार एफपीओ को उनके हैंडहोल्डिंग के लिये प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। कृषि व्यवसाय के लिये सरकार ने एफपीओ हेतु ‘फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ नामक एक विशेष योजना शुरू की है। इस कार्यक्रम के तहत बागवानी समूहों में एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने के लिये एफपीओ को 70-90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। अब तक 30 एकीकृत पैक हाउस स्थापित किये जा चुके हैं। कृषि विभाग द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
- एफपीओ को बढ़ावा देने के लिये हरियाणा सरकार ‘एफपीओ नीति 2022’ लेकर आई है। इस नीति के तहत, विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ संपर्क करने और पंजीकरण, रेटिंग/ग्रेडिंग, निगरानी, विपणन जैसे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यों को करने के लिये एसएफएसी-हरियाणा राज्य नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
- इस नीति के माध्यम से बागवानी और कृषि के क्लस्टर गठन सहित एफपीओ को सुदृढ़ करना, एफपीओ के सुचारु कामकाज, बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज, आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत करने और एकत्रीकरण बिंदुओं पर सॉर्टिंग/ग्रेडिंग के बाद उपज का प्रत्यक्ष विपणन/व्यापार भी सुनिश्चित किया जाएगा।
22वीं राज्यस्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता में दुर्ग ज़िला रहा ओवरआल चैंपियन | छत्तीसगढ़ | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले के चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय, धमधा में चल रही 22वीं राज्यस्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता का समापन हुआ, जिसमें दुर्ग ज़िला 15 पॉइंट के साथ ओवरआल चैंपियन रहा।
प्रमुख बिंदु
- खेल आयोजक ने बताया कि 22वीं राज्यस्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता में 14 पॉइंट पाकर बिलासपुर ज़िला दूसरे स्थान पर रहा।
- प्रतियोगिता में कबड्डी में 14 वर्ष आयु वर्ग से बालक वर्ग में बिलासपुर प्रथम, दुर्ग द्वितीय, रायपुर तृतीय तथा बालिका वर्ग में बिलासपुर प्रथम, दुर्ग द्वितीय व रायपुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- इसी तरह खो-खो में 14 वर्ष आयु वर्ग से बालक वर्ग में बस्तर प्रथम, दुर्ग द्वितीय व बिलासपुर तृतीय तथा बालिका वर्ग में दुर्ग प्रथम, बिलासपुर द्वितीय, बस्तर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- इस खेल प्रतियोगिता में टेनिस बॉल क्रिकेट में 19 वर्ष आयु वर्ग से बालक वर्ग में सरगुजा प्रथम, बिलासपुर द्वितीय, दुर्ग तृतीय तथा बालिका वर्ग में सरगुजा प्रथम, दुर्ग द्वितीय, बिलासपुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने पुरस्कार देकर खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
निक्षय मित्र पंजीकरण में देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड | उत्तराखंड | 04 Nov 2022
चर्चा में क्यों ?
3 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सबसे अधिक निक्षय मित्रों का पंजीकरण कर उत्तराखंड ने देश में पहला स्थान पाया है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड टीबी मरीज़ों की औसत संख्या के आधार पर देश भर में सर्वाधिक निक्षय मित्र पंजीकरण करने वाला राज्य बना है। निक्षय मित्र के रूप में निर्वाचित प्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर-सरकारी संगठन, कॉरपोरेट संस्थानों समेत कोई भी व्यक्ति पंजीकरण कर सकता है।
- निक्षय मित्र के रूप में प्रत्येक व्यक्ति एक या एक-से-अधिक टीबी रोगियों को कम-से-कम एक वर्ष तक गोद लेकर उपचार में सहयोग करेगा तथा निक्षय मित्र केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए फूड बास्केट प्रत्येक माह रोगी को उपलब्ध कराएगा, जिसकी अनुमानित लागत एक हज़ार रुपए है।
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के तीन जनपदों- टिहरी गढ़वाल, चमोली और चंपावत में शत-प्रतिशत निक्षय मित्रों को रोगी की देखभाल व उपचार के लिये लिंकेज किया गया है, जबकि पाँच ज़िलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में 95 फीसदी से अधिक निक्षय मित्रों का लिंकेज किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत अभी तक राज्य में 5852 निक्षय मित्र बनाए गए हैं। इनमें से 91 प्रतिशत निक्षय मित्रों का टीबी मरीज़ों के साथ लिंकेज कर दिया गया है।