हरियाणा Switch to English
हरियाणा को मिला इंडिया एग्रीबिज़नेस बेस्ट स्टेट का अवार्ड
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा जारी इंडिया एग्रोबिज़नेस अवार्ड-2022 में हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में पुरस्कार मिला है।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा को यह पुरस्कार राज्य में कृषि अनुकूल नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रौद्योगीकियों, विपणन, मूल्यवर्धन, बुनियादी ढाँचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिये मिला है।
- नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति ने कृषि और बागवानी के क्षेत्र में बेहतर तकनीकों, उन्नत विधियों का कार्यान्वयन करने के लिये हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चुना है।
- हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल 9 नवंबर को राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में हरियाणा की ओर से इस पुरस्कार को ग्रहण करेंगे।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों से कृषि, बागवानी क्रांति से नील क्रांति की ओर अग्रसर हरियाणा अबएग्रो बिज़नेस में भी आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के किसानों को जागरूक करने के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के किसानों ने बड़ी संख्या में फसल विविधीकरण को अपनाया है। इससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि रोज़गार के अन्य अवसर भी खुले हैं।
- भारतीय कृषि को उत्पादन केंद्रित से बाज़ार संचालित व्यवस्था में बदलने की यात्रा में हरियाणा ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। हरियाणा सरकार द्वारा कृषि और बागवानी के क्षेत्र में सुधार के मद्देनज़र सिंचाई के लिये पानी का उचित उपयोग, कम पानी की खपत वाली फसलों का विविधीकरण और किसानों की आय बढ़ाने के लिये विभिन्न योजनाओं को लागू करने सहित अनेक कदम उठाए गए हैं।
- वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिये कृषि क्षेत्र की कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों को चिह्नित किया गया है, ताकि किसानों को संगठित कर सामूहिक रूप से उनके उत्पादन और विपणन की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। इस कार्य में निवेश, प्रौद्योगिकी और नए उपकरण उपलब्ध करवा कर कृषि एवं बागवानी लागत को कम करने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।
- हरियाणा सरकार एफपीओ के गठन और उन्हें सशक्त करने पर विशेष ध्यान दे रही है तथा अब तक राज्य में लगभग 700 एफपीओ का गठन किया गया है। सरकार द्वारा बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मज़बूत करने के लिये इन एफपीओ के साथ काम करने हेतु राज्य में कृषि क्षेत्र की कंपनियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
- वर्ष 2021-22 के दौरान, एफपीओ उत्पादों के व्यापार और विपणन के लिये 22 कृषि क्षेत्र की कंपनियों ने बाय बैक मैक्नेजिम के साथ 22 एफपीओ के साथ 34 समझौता ज्ञापन किये हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान बागवानी उत्पादों के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिये 12 और एफपीओ तथा 15 कंपनियाँ आगे आई हैं।
- राज्य सरकार एफपीओ को उनके हैंडहोल्डिंग के लिये प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। कृषि व्यवसाय के लिये सरकार ने एफपीओ हेतु ‘फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ नामक एक विशेष योजना शुरू की है। इस कार्यक्रम के तहत बागवानी समूहों में एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने के लिये एफपीओ को 70-90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। अब तक 30 एकीकृत पैक हाउस स्थापित किये जा चुके हैं। कृषि विभाग द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
- एफपीओ को बढ़ावा देने के लिये हरियाणा सरकार ‘एफपीओ नीति 2022’ लेकर आई है। इस नीति के तहत, विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ संपर्क करने और पंजीकरण, रेटिंग/ग्रेडिंग, निगरानी, विपणन जैसे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यों को करने के लिये एसएफएसी-हरियाणा राज्य नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
- इस नीति के माध्यम से बागवानी और कृषि के क्लस्टर गठन सहित एफपीओ को सुदृढ़ करना, एफपीओ के सुचारु कामकाज, बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज, आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत करने और एकत्रीकरण बिंदुओं पर सॉर्टिंग/ग्रेडिंग के बाद उपज का प्रत्यक्ष विपणन/व्यापार भी सुनिश्चित किया जाएगा।
Switch to English