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प्रो. सुधा सिन्हा को मिला दीनानाथ शरण सम्मान-2022
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2022 को बिहार की जानी-मानी दर्शनशास्त्री व कवयित्री प्रो. सुधा सिन्हा को पटना के चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान की ओर से दीनानाथ शरण सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि प्रो. सुधा सिन्हा पटना विश्वविद्यालय की दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
- उल्लेखनीय है कि डॉ. दीनानाथ शरण मनुष्यता और जीवन-मूल्यों के एवं और मनीषी समालोचक थे। एक सजग कवि के रूप में उन्होंने शोषण एवं पाखंड के विरुद्ध कविता को हथियार बनाया तथा जीवन भर वे साहित्य और पत्रकारिता की एकांतिक सेवा करते रहे।
- दीनानाथ शरण की ख्याति उनके द्वारा प्रणित आलोचना-ग्रंथ ‘हिन्दी काव्य में छायावाद’ से हुई। उन्होंने नेपाल में हिन्दी के प्रचार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य करते हुए काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी-विभाग’की स्थापना भी की।
- दीनानाथ शरण सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाता है, जिसके अंतर्गत सम्मानित व्यक्ति को 11 हज़ार रुपए की सम्मान राशि के साथ वंदना-वस्त्र, प्रशस्ति-पत्र तथा पुष्पहार प्रदान किये जाते हैं।
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