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प्रधानमंत्री ने जगदलपुर में लगभग 27,000 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित कीं
चर्चा में क्यों?
- 3 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के जगदलपुर में लगभग 27,000 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं में रेलवे और सड़क क्षेत्र की कई परियोजनाओं के साथ-साथ बस्तर ज़िले के नगरनार में 23,800 करोड़ रुपए से अधिक के एनएमडीसी स्टील लिमिटेड के स्टील प्लांट का लोकार्पण शामिल है।
- 23,800 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित स्टील प्लांट एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जो उच्च गुणवत्ता वाले स्टील का उत्पादन करेगी।
- नगरनार में एनएमडीसी स्टील लिमिटेड का स्टील प्लांट प्लांट के साथ-साथ सहायक और डाउनस्ट्रीम उद्योगों में हज़ारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
- यह बस्तर को दुनिया के इस्पात मानचित्र पर स्थापित करेगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
- पूरे देश में रेल बुनियादी ढाँचे में सुधार के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, कार्यक्रम के दौरान कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया और राष्ट्र को समर्पित की गईं।
- प्रधानमंत्री ने अंतागढ़ और तारोकी के बीच एक नई रेल लाइन और जगदलपुर एवं दंतेवाड़ा के बीच एक रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की।
- उन्होंने बोरीडांड-सूरजपुर रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना और अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जगदलपुर स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।
- प्रधानमंत्री ने तारोकी-रायपुर डेमू ट्रेन सेवा को भी झंडी दिखाई।
- इन रेल परियोजनाओं से राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। बेहतर रेल बुनियादी ढांचे और नई ट्रेन सेवा से स्थानीय लोगों को लाभ होगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
- प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-43 के ‘कुनकुरी से छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा खंड’तक एक सड़क उन्नयन परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। नई सड़क से सड़क कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।
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मुख्यमंत्री ने ‘स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना’ का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
- 3 अक्तूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये स्कूल शिक्षा विभाग की नवाचारी ‘स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना’ का अपने निवास कार्यालय से ऑनलाइन शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहरों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे के समक्ष स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना संचालन के लिये स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम एवं ऐलन करियर कोचिंग इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार ब्रॉशर का विमोचन किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण सहित दूरस्थ अंचल तक बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये 753 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी एवं हिन्दी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। राज्य में आज शुरू की गई स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी निर्णय और एक अहम कदम साबित होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत कोचिंग के साथ-साथ शिक्षकों की समुचित व्यवस्था की गई है। एक कोचिंग सेंटर में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान एवं गणित विषय के लिये अलग-अलग नोडल शिक्षक चिह्नांकित कर लिये गए हैं।
- कोचिंग सेंटरों में अध्यापन कार्य का नियमित अवलोकन किया जाएगा और पालकों का फीडबैक भी लिया जाएगा ऑनलाइन कक्षाओं में टू-वे संवाद रहेगा, अर्थात् विद्यार्थी विषय शिक्षकों से प्रश्न पूछ सकेंगे। इस दौरान विद्यार्थियों का लगातार आकलन किया जाएगा।
- प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के संबंध में बताया कि प्रदेश के 146 विकासखंड और चार शहरों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर को इंटरनेट कनेक्शन और कंप्यूटर से जोड़ दिया गया है।
- यहाँ कक्षा 12वीं में गणित एवं जीव विज्ञान संकाय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। यह नि:शुल्क कोचिंग हिन्दी और अंग्रेज़ी माध्यम के छात्रों के लिये दी जाएगी।
- इस योजना के तहत अब तक 9 हज़ार 13 बच्चों का पंजीयन हो चुका है। इनमें नीट के लिये 6 हज़ार 553 और जेईई की कोचिंग के लिये 2 हज़ार 460 ने पंजीयन कराया है।
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मुख्यमंत्री का छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थियों के हित में बड़ा फैसला
चर्चा में क्यों?
- 3 अक्तूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों के हित को देखते हुए आयोग की परीक्षाओं के दस्तावेज़ के विनष्टीकरण की व्यवस्था में बदलाव लाने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में राज्य शासन द्वारा लोक सेवा आयोग को आयोग की परीक्षाओं की आंसर सीट एवं दस्तावेज़ों के विनष्टीकरण की अवधि को दो साल किये जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
- गौरतलब है कि पीएससी परीक्षाओं की आंसर सीट एवं दस्तावेज़ के विनष्ट किये जाने के कायदे-कानून छत्तीसगढ़ राज्य में लंबे समय से चले आ रहे हैं। इसमें बदलाव लाने के लिये मुख्यमंत्री ने आवश्यक निर्देश दिये हैं।
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