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चिकित्सा मंत्री ने किया जनता क्लिनिक का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
3 अक्टूबर, 2021 को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इसी कड़ी में वर्चुअल माध्यम से जालौर के लिये जनता क्लिनिक का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान में अब तक 12 जनता क्लीनिक जयपुर व 4 जोधपुर में खोले जा चुके हैं।
- डॉ. शर्मा ने अपने राजकीय आवास से जालौर के इंडस्ट्रीयल एरिया में जनता क्लिनिक को ऑनलाइन माध्यम से आमजन को समर्पित किया।
- उन्होंने बताया कि ग्रेनाइट एसोशिएशन के सहयोग से जनता क्लिनिक के लिये ज़मीन, भवन, एंबुलेंस, आवश्यक फर्नीचर एवं उपकरण की व्यवस्था की गई है।
- जनता क्लिनिक के प्रारंभ होने से इंडस्ट्रीयल एरिया और आसपास के क्षेत्रों के 20 से 25 हज़ार रहवासियों के लिये सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।
- जनता क्लीनिक के माध्यम से आमजन को प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएँ एवं परामर्श, एएनसी सेवाएँ, टीकाकरण सेवाएँ, परिवार कल्याण सेवाएँघ् एनसीडी स्क्रीनिंग सेवाएँ, नि:शुल्क जाँचें (प्राथमिक स्तर), नि:शुल्क दवा (प्राथमिक स्तर) आदि सहित लगभग 325 तरह की दवाएँ व 8 तरह की जाँचें नि:शुल्क करवाई जा सकेंगी।
- मुख्यमंत्री की वर्ष 2019-20 की बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश के अरबन स्लम एरिया, सघन बस्तियों में राजकीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में जनता क्लिनिक का संचालन किया जाना था, लेकिन कोविड जैसी महामारी के चलते यह कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही अब प्रदेश में जनता क्लिनिक चरणबद्ध रूप से खोले जाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने लॉंन्च किया मंडल का मोबाइल एप
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के शुभारंभ अवसर पर राजस्थान आवासन मंडल के मोबाइल एप RHB AWAS को भी लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान आवासन मंडल द्वारा राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के आवासों की आवश्यकता जानने के लिये डिमांड सर्वे करवाया जाएगा। आवास की आवश्यकता का पता लगने पर आवासन मंडल नगर निकायों से ज़मीन खरीद कर या आवंटित कराकर वहाँ योजनाएँ विकसित कर सकेगा।
- यह सर्वे मंडल द्वारा मोबाईल एप RHB AWAS के माध्यम से करवाया जाएगा।
- इस सर्वे में यूजर से यह जानकारी मांगी जाएगी कि उसे किस श्रेणी का आवास चाहिये, जैसे- 1 बीएचके, 2 बीएचके, 3 बीएचके अथवा स्वतंत्र आवास। इसके बाद उसे एप में लागत भरनी होगी कि उसे कितनी लागत का आवास चाहिये जैसे 8 से 10 लाख रुपए तक का, 12 से 15 लाख रुपए तक का, 20 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का अथवा 30 से 40 लाख रुपए तक के मूल्य का। इसके बाद वह अपना शहर अंकित करेगा और अंत में सबमिट बटन दबा कर सर्वे को पूर्ण करेगा।
- इससे तीन बातें पता चलेंगी कि किस शहर के लोगों को किस आकार का और किस मूल्य का आवास चाहिये।
- स्वयं को रजिस्टर करें, स्वंतत्र आवास एवं फ्लैट का विकल्प का चयन करें, आवास के क्षेत्रफल का चयन करें और उसके बाद आवास की लागत का चयन कर सबमिट दबाकर सर्वे को पूर्ण करें।
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गांधी जयंती पर ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधीजी की जयंती के शुभ अवसर पर ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- अशोक गहलोत ने गांधी दर्शन म्यूजियम का शिलान्यास एवं महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज का लोकार्पण भी किया।
- गांधी दर्शन म्यूजियम सेंट्रल पार्क में बनेगा, जबकि कनक भवन में 1.07 करोड़ रुपए की लागत से बने महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज में गांधीजी से जुड़े शोध कार्य होंगे।
- महात्मा गांधी की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए प्रशासन एवं सामाजिक कार्यों में अपनी भूमिका निभाने के लिये युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज तथा पुणे स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड स्कूल ऑफ गवर्नेंस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तर्ज़ पर इस इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘शहरों के संग’ अभियान की मार्गदर्शिका, सर्वोदय विचार परीक्षा से संबंधित ई-बुकलेट तथा भवन विनियम कंपेडियम का विमोचन भी किया। साथ ही, राजस्थान आवासन मंडल के मोबाइल ऐप की लॉन्चिग एवं इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के लाभार्थी पंकज शर्मा को कार्ड वितरित किया।
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‘वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’
चर्चा में क्यों?
1 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों को मरुस्थलीय क्षेत्रों की वानिकी, वन्य जीव संरक्षण के साथ-साथ इससे संबंधित ज्ञानवर्द्धन और प्रशिक्षण देने के लिये ताल छापर में ‘वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इससे न केवल कार्मिकों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिल सकेगी, बल्कि इससे वन्यजीवों और वनों के संरक्षण-संवर्द्धन में भी सहायता मिलेगी।
- मुख्यमंत्री द्वारा की गई वर्ष 2021-22 के बजट घोषणा की अनुपालना में ताल छापर में वाइल्ड लाइफ मैंनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया गया है। इसकी शुरुआत से स्टाफ को काले हिरण सहित अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्द्धन की ट्रेनिंग दी जा सकेगी। साथ ही ग्रास लैंड, डेजर्ट इको-सिस्टम और उसके आसपास के क्षेत्रों के संबंध में भी स्टडी और ट्रेनिंग हो सकेगी।
- यह राजस्थान का चौथा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, जिसमें वन विभाग के स्टाफ की कैपेसिटी बिल्डिंग और ज्ञानवर्द्धन हेतु विभिन्न ट्रेनिंग करवाई जाएंगी।
- वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि पूरे विश्व में काले हिरणों के संरक्षण के लिये ताल छापर की प्रसिद्धि है। ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के शुरू होने से यह मुहिम और आगे बढ़ेगी, जिससे वन्य जीवों का संरक्षण एवं संवर्द्धन समुचित तरीके से हो सकेगा।
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